
मुंबई के सबसे बड़े चुनावी रण बीएमसी चुनाव की तारीख एक बार फिर टल गई है. सरकार ने वार्ड सीमांकन की डेडलाइन बढ़ने के चलते विपक्ष तंज कस रहा है कि मैदान तैयार है, जनता तैयार है तो क्या सरकार हार से डर रही है? चुनाव अब नवंबर या दिसंबर में हो सकते हैं, लेकिन संभावित चुनाव का इस प्रकार एक महीना टलना, क्या तकनीकी कारण है या सरकार जानबूझ कर चुनाव का सामना करने से बच रही है.
शिवसेना UBT के प्रवक्ता आनंद दुबे ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि 4 महीने में बीएमसी चुनाव करवाने हैं, लेकिन सरकार कह रही है कि वार्ड बनाने में इन्हें दिक्कत हो रही है यानी सुप्रीम कोर्ट का भी अनादर किया जा रहा है. इतनी देरी लग रही है, जिसका मतलब है कि चुनाव 2026 में होगा. लोगों को दिक्कत हो रही है ना नाले साफ हो रहे हैं और सड़कों पर गड्ढे हैं. इसका जिम्मेदार कौन है. सरकार स्पष्ट करे कि अगर वह चुनाव नहीं करवा सकती तो हम दोबारा कोर्ट का दरवाजा खटखटाएं.
बीजेपी नेता प्रसाद लाड कहना है कि अगर वार्ड परिसीमन की प्रक्रिया अगस्त तक पूरी हो जाती है तो बीएमसी चुनाव की घोषणा भी अगस्त तक संभव है. ऐसे में मुंबईकरों को अक्टूबर या नवंबर में अपने नगरसेवकों को चुनने का मौका मिल सकता है. राज्य सरकार का दावा है कि सीमांकन प्रक्रिया अब अंतिम चरण में है और समयसीमा के भीतर पूरी करने की कोशिश जारी है.
बीएमसी चुनाव की तारीख टलने के कई कारण हैं...
- जैसे राज्य सरकार ने A, B और C श्रेणी की महानगरपालिकाओं के वार्ड सीमांकन की अंतिम तारीख 4 सितंबर से बढ़ाकर 6 अक्टूबर कर दी है, जबकि D श्रेणी के लिए यह 19 अक्टूबर है.
- अब बीएमसी समेत राज्य की अन्य महानगरपालिकाओं के चुनाव दिवाली के बाद, नवंबर के अंत या दिसंबर की शुरुआत में होने की संभावना है
- नगरपालिका परिषदों के लिए ड्राफ्ट जमा करने की अंतिम तिथि 30 सितंबर रखी गई है.
- राज्य सरकार ने स्पष्ट किया है कि बीएमसी में वार्डों की संख्या 227 ही रहेगी; महाविकास आघाड़ी सरकार द्वारा प्रस्तावित 236 वार्डों का निर्णय रद्द कर दिया गया है.
- सीमांकन पूरी तरह से 2011 की जनगणना के आंकड़ों के आधार पर किया जाएगा, ना कि वर्तमान मतदाता संख्या या आबादी के अनुसार.
- हर वार्ड की औसत जनसंख्या, बीएमसी की कुल जनसंख्या को 227 सीटों में बांटकर निर्धारित की जाएगी.
- नगर विकास विभाग ने सभी नगर आयुक्तों को निर्देश जारी किए हैं कि तय समयसीमा में ड्राफ्ट सीमांकन तैयार कर प्रस्तुत करें.
- अधिकारियों का कहना है कि इस प्रक्रिया में केवल एक महीने की देरी होगी, इससे ज्यादा चुनाव टलने की संभावना नहीं है.
बीएमसी चुनाव की तारीख टलने से राजनीतिक दलों को रणनीति तय करने का थोड़ा और वक्त मिल गया है. बीएमसी में वार्डों की संख्या 227 ही रहेगी, बदलाव सिर्फ सीमाओं में होंगे. अब देखना होगा कि क्या चुनाव की सियासी पिच पर नई तारीखें तय होने से पहले क्या दलों कि सियासी समीकरणों का असर पड़ेगा.
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