विज्ञापन
This Article is From Apr 25, 2019

वाराणसी से PM मोदी के खिलाफ क्यों नहीं उतरीं प्रियंका गांधी, जानें क्या है अंदर की कहानी

प्रियंका का तर्क था कि चुंकि प्रधानमंत्री मोदी अपने विरोधियों को राजनैतिक विरोधी से ज्यादा व्यक्तिगत विरोधी समझते हैं इसलिए उन्हें उन्हीं के क्षेत्र में जाकर घेरना चाहिए.

वाराणसी से PM मोदी के खिलाफ क्यों नहीं उतरीं प्रियंका गांधी, जानें क्या है अंदर की कहानी
प्रियंका गांधी वाड्रा. (फाइल तस्वीर)
नई दिल्ली:

अब यह तय हो गया है कि प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) बनारस से प्रधानमंत्री (PM Modi) के खिलाफ चुनाव नहीं लडेंगीं. उनकी जगह कांग्रेस (Congress) ने अजय राय को मैदान में उतार दिया है. मगर इसका मतलब यह नहीं समझा जाना चाहिए कि प्रियंका ने अपने हाथ पीछे खीच लिए थे. दरअसल अंतिम फैसला कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul  Gandhi) को करना था और सोनिया गांधी की राय भी इसमें काफी अहम थी. प्रियंका का तर्क था कि चुंकि प्रधानमंत्री मोदी अपने विरोधियों को राजनैतिक विरोधी से ज्यादा व्यक्तिगत विरोधी समझते हैं इसलिए उन्हें उन्हीं के क्षेत्र में जाकर घेरना चाहिए. प्रियंका का तर्क था कि भले ही हार हो या जीत मगर इससे पूर्वी उत्तर प्रदेश के कांग्रेस कार्यकत्ताओं में जबरदस्त संदेश जाएगा जिससे कि कांग्रेस को आगे मदद मिलेगी.

पूर्वी उत्तरप्रदेश की प्रभारी के तौर पर प्रियंका की यह सोच सही थी मगर राहुल ने मना कर दिया. राहुल का तर्क था कि लोकतंत्र में नेहरू के समय से परंपरा रही है कि दूसरी पार्टियों के नेताओं का भी सम्मान होना चाहिए और चुनाव में उनकी राह में बेवजह रोड़े नहीं अटकाए जाने चाहिए. हालांकि इसका अपवाद भी है कि राजीव गांधी के समय हेमवती नंदन बहुगुणा के सामने अमिताभ बच्चन को कांग्रेस ने मैदान में उतारा था. सोनिया गांधी की यह राय थी कि प्रियंका को बनारस जा कर चुनाव लड़ने की जरूरत नहीं है. 

कांग्रेस ने किया वाराणसी और गोरखपुर सीट के लिए उम्मीदवारों का ऐलान, फिर अजय राय को उतारा PM मोदी के खिलाफ

सोनिया की चिंता भी व्यवहारिक है. वजह है अमेठी और रायबरेली में होने वाला चुनाव क्योंकि प्रियंका एक तरह से रायबरेली की इंचार्ज होती है और दूसरी तरफ अमेठी में स्मृति ईरानी ने अपना सबकुछ झोंक दिया है और राहुल को तंग करने का कोई भी मौका नहीं छोडती हैं. राहुल का तर्क था कि नेहरू अपने विरोधियों जैसे लोहिया, श्यामा प्रसाद मुखर्जी और यहां तक कि उस वक्त काफी जूनियर अटल जी का भी काफी सम्मान करते थे और यह चाहते थे कि वो संसद में रहें मगर प्रियंका का तर्क था कि मोदी कोई लोहिया या अटल नहीं है और वो उनका तरह नहीं सोचते इसलिए हमें भी नेहरू की तरह नहीं सोचना चाहिए. मगर राहुल और सोनिया ने प्रियंका की बात नहीं मानी और यह फैसला लिया गया कि प्रियंका बनारस से चुनाव नहीं लडेंगी. अब सब की निगाहें इस बात पर होगी कि प्रियंका गांधी बनारस में रोड शो करती हैं या नहीं.

बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने क्यों कहा- बीजेपी 2014 से भी ज्यादा सीटें जीतेगी

बता दें, कांग्रेस (Congress) ने लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election) के लिए वाराणसी और गोरखपुर लोकसभा सीट के लिए अपने उम्मीदवारों का ऐलान गुरुवार को कर दिया . वाराणसी से अजय राय (Ajay Rai) और गोरखपुर से मधुसूदन तिवारी (Madhusudan Tiwari) को टिकट दिया गया है. अजय राय ने 2014 में भी मोदी के खिलाफ वाराणसी से चुनाव लड़ा था लेकिन वह तीसरे स्थान पर रहे थे. वाराणसी सीट से सपा और बसपा गठबंधन ने शालिनी यादव को टिकट दिया है. वाराणसी सीट सपा के खाते में आई थी.

पीएम मोदी के इस दांव के दम पर बीजेपी ने 2014 में जीत ली थीं 31 सीटें, विपक्ष के पास नहीं है अभी तक इसकी काट

Video: पीएम मोदी के खिलाफ लड़ेंगे तेज बहादुर

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
डार्क मोड/लाइट मोड पर जाएं
Previous Article
Elections 2019: तेजस्वी यादव नहीं डाल पाए वोट तो BJP ने कसा तंज, फिर RJD ने बताई ये वजह
वाराणसी से PM मोदी के खिलाफ क्यों नहीं उतरीं प्रियंका गांधी, जानें क्या है अंदर की कहानी
Elections 2019: तेजस्वी यादव नहीं डाल पाए वोट तो BJP ने कसा तंज, फिर RJD ने बताई ये वजह
Next Article
Elections 2019: तेजस्वी यादव नहीं डाल पाए वोट तो BJP ने कसा तंज, फिर RJD ने बताई ये वजह
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com