विज्ञापन
This Article is From Apr 04, 2019

CM योगी की गोरखपुर सीट कब्जाने वाले प्रवीण निषाद हुए भाजपा में शामिल, पार्टी बनेगी सहयोगी

निषाद पार्टी के संस्थापक संजय निषाद ने कहा कि रामराज और निषाद राज अब एक साथ हैं.

प्रवीण निषाद भाजपा में शामिल हो गए.

लखनऊ:

समाजवादी पार्टी से हालही रिश्ता तोड़ने वाली निषाद पार्टी (Nishad Party) उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी (BJP) के साथ आ गई है. पहले खबरें थी कि निषाद पार्टी का भाजपा में विलय होगा, लेकिन भाजपा नेता जेपी नड्डा ने  कहा कि राष्ट्रीय निषाद पार्टी एनडीए गठबंधन में हमारी सहयोगी बनी है. इसके साथ ही निषाद पार्टी के संस्थापक संजय निषाद के बेटे प्रवीण निषाद (Praveen Nishad) ने भारतीय जनता पार्टी की प्राथमिक सदस्यता हासिल की है. सूत्रों के मुताबिक प्रवीण निषाद को भारतीय जनता पार्टी गोरखपुर सीट से लोकसभा चुनाव में उतार सकती है. 

भाजपा के यूपी प्रभारी जेपी नड्डा ने संकेत दिए हैं कि प्रवीण निषाद बीजेपी के गोरखपुर से उम्मीदवार हो सकते हैं. जेपी नड्डा ने कहा कि चुनाव लड़ना संसदीय प्रक्रिया का अहम हिस्सा है तो प्रवीण चुनाव लड़ेंगे. जेपी नड्डा ने कहा कि निषाद पार्टी से गठबंधन होने से पूर्वांचल में बीजेपी और मजबूत होगी. उधर निषाद पार्टी के संस्थापक अध्यक्ष संजय निषाद मे कहा कि उप्र में रामराज के साथ निषाद राज होगा. मोदी को दोबारा प्रधानमंत्री बनाने के लिए वो गठबंधन में रहते हुए पूरा प्रयास करेंगे.

योगी के गढ़ में उन्हीं को मात देने वाली निषाद पार्टी को BJP के साथ जाता देख सपा ने चली ये चाल

बता दें, प्रवीण निषाद ही जिन्होंने यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ की गोरखपुर सीट पर कब्जा जमाया था. योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद गोरखपुर सीट खाली हो गई थी. जिसके बाद इस सीट पर उपचुनाव हुए थे. उपचुनाव में समाजवादी पार्टी ने अपनी पार्टी चिन्ह्न पर प्रवीण निषाद को उतारा था. प्रवीण निषाद ने यहां से जीत हासिल की थी. 

यूपी में SP-BSP-RLD गठबंधन से जुड़ीं तीन क्षेत्रीय पार्टियां, जानें क्या हैं इसके मायने? 

भाजपा के लिए राहत
इस गठबंधन से लोकसभा चुनाव में बीजेपी को बड़ी राहत मिली है. लोकसभा उपचुनाव में गोरखपुर जैसी अजय सीट पर बीजपी के उपेंद्र शुक्ला को 26000 वोटों से हराकर एक बड़ा उलटफेर किया था. गोरखपुर संसदीय सीट के लिए निषाद पार्टी इसलिए भी अहम है क्योंकि गोरखपुर में निषाद करीब 3.5 लाख है जो किसी भी पार्टी की हार जीत का फैसला करने में अहम है. उप्र में करीब 14 फीसदी निषाद, मल्लाह, केवट जातियां है दिन पर निषाद पार्टी का खासा प्रभाव है. साल 2016 में संजय निषाद ने राष्ट्रीय NISHAD यानि निर्बल इंडियन शोषित हमारा आम दल की स्थापना की थी. 

Video: यूपी में महागठबंधन को लगा झटका, अलग हुई निषाद पार्टी

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Previous Article
Elections 2019: तेजस्वी यादव नहीं डाल पाए वोट तो BJP ने कसा तंज, फिर RJD ने बताई ये वजह
CM योगी की गोरखपुर सीट कब्जाने वाले प्रवीण निषाद हुए भाजपा में शामिल, पार्टी बनेगी सहयोगी
Elections 2019: तेजस्वी यादव नहीं डाल पाए वोट तो BJP ने कसा तंज, फिर RJD ने बताई ये वजह
Next Article
Elections 2019: तेजस्वी यादव नहीं डाल पाए वोट तो BJP ने कसा तंज, फिर RJD ने बताई ये वजह
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com