सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश मार्कंडेय काटजू ने लोकसभा चुनाव के पहले चरण के मतदान के दिन दो पोस्ट कर चुटकी ली. एक फेसबुक पोस्ट में उन्होंने लिखा - चुनाव आ गया है, अब ताज उछाले जाएंगे, अब तख्त गिराए जाएंगे....और आखिर में सब मिल बांट के खाएंगे....हरिओम. मार्कंडेय काटजू सोशल मीडिया पर खासे सक्रिय हैं. वह अक्सर तमाम विषयों पर बेबाक टिप्पणियां करते हैं. इसके लिए कई बार उन्हें आलोचनाओं और ट्रोलिंग का भी सामना करना पड़ता है. पहले चरण के मतदान के दिन सुबह ही किए एक अन्य ट्वीट में उन्होंने जान बूझकर टाइपिंग मिस्टेक कर भी चुटकी ली. उन्होंने लिखा चुटकी लेते हुए कहा- इंडियन्स, वोट योर कॉस्ट, सॉरी कॉस्ट योर वोट, एक्सक्यूज टाइपो.....( भारतीयों, अपनी जाति को वोट दो, क्षमा करिए, अपना मत डालिए. टाइपो के लिए माफी..)
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काटजू रखते रहे हैं बेबाक राय
सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज जस्टिस मार्कंडेय काटजू (Markandey Katju) इससे पहले भी कई बार सोशल मीडिया के जरिए बेबाकी से राय रख चुके हैं. कुछ दिन पूर्व उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में जनता सबसे उपर है, फिर वो चाहे पीएम हों या सीएम. मार्कंडेय काटजू (Markandey Katju) ने ट्वीट कर कहा, '' किसी भी लोकतंत्र में जनता सभी अथॉरिटी से उपर है, फिर चाहे वो राष्ट्रपति हों, प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, जज, विधायक, ब्यूरोक्रेट, पुलिस, सेना हो या अन्य कोई. ये सभी जनता के नौकर हैं''. मार्कंडेय काटजू (Markandey Katju) ने आगे लिखा, ''चूंकि जनता मास्टर है और जज उनके सेवक, इसलिये जनता ठीक उसी तरह जजों की भी आलोचना कर सकती है, जिस तरह मास्टर को अपने नौकर की आलोचना का अधिकार होता है''.
आपको बता दें कि पिछले दिनों ही मार्कंडेय काटजू (Markandey Katju) ने सुप्रीम कोर्ट के अयोध्या विवाद को मध्यस्थता के जरिये सुलझाने के फैसले पर चुटकी ली थी. कोर्ट के फैसले पर मार्कंडेय काटजू (Markandey Katju) ने अपने ट्विटर अकाउंट पर लिखा, ''मैं अयोध्या विवाद पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का कोई सिरा ही समझ नहीं पा रहा हूं. इसलिये मैं सिर्फ यही कह सकता हूं कि- जय रंजन गोगोई.'' काटजू ने आगे एक और ट्वीट कर कहा, ''क्या कोई मुझे बता सकता है कि सुप्रीम कोर्ट ने मीडिएशन करने का आदेश दिया है या फिर मेडिटेशन या मेडिकेशन? मैं समझ नहीं पा रहा हूं''
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