लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election 2019) की सरगर्मी जोरों पर है. सत्ताधारी पार्टी विपक्ष पर तो विपक्षी पार्टियां सरकार पर हमलावर है. पांच चरण के चुनाव पूरे होने के साथ-साथ आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी लगातार बढ़ रहा है. चुनाव के दौरान भाषा का स्तर भी लगातार गिरता जा रहा है. इसी बीच NDTV के रवीश कुमार (Ravish Kumar) ने सपा प्रमुख और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) से कई मुद्दों पर बात की. रवीश कुमार ने अखिलेश यादव के साथ गोरखपुर तक का सफर किया. सपा प्रमुख अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav News) इस बार आजमगढ़ से चुनाव मैदान में हैं. अखिलेश यादव के खिलाफ भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने दिनेश लाल यादव 'निरहुआ' को मैदान में उतारा है.
अखिलेश यादव ने इस दौरान बीजेपी से चुनाव जीतने का फॉर्मूला भी बताया. अखिलेश यादव ने कहा कि अगर आपको भारतीय जनता पार्टी से चुनाव जीतना है तो बीजेपी और उनके नेताओं को फॉलो करना छोड़ना होगा. उन्होंने कहा कि कभी-कभी शांत रहकर भी लड़ाई जीती जा सकती है. अगर आप उनको फॉलो करेंगे तभी आप चुनाव जीत सकेंगे.
फिलहाल, मायावती को साथ लाने का दांव पीएम मोदी के लिए पड़ा उल्टा
अखिलेश यादव ने कहा कि यूपी में तीन लोकसभा सीटों पर उपचुनाव हुए थे. गोरखपुर, फुलपुर और कैराना. जब गोरखपुर चुनाव हो रहा था, उस समय बीजेपी ने हमलोगों को कहा था कि यह गठबंधन नहीं है सांप-छछूंदर का गठबंधन है. हम शांत रहे और लोगों ने क्या परिणाम दिया यह सब जानते हैं. उन्होंने कहा कि हमें अपने मुद्दे जनता को बताना पड़ेगा.
सपा प्रमुख ने कहा कि कई घटना ऐसी है जिस पर जनता सवाल करना चाहती है. उन्होंने कहा मान लीजिए कि एक सरकार आतंकवाद से लड़ना चाहती है और वाराणसी में बीएसएफ के एक फौजी से घबरा गए? ये भी जनता जानती है. उन्होंने कहा कि बनारस में अगर फौजी को चुनाव लड़ने का मौका मिल जाता तो शायद उससे दिलचस्प चुनाव कोई नहीं होता. अखिलेश ने कहा कि गठबंधन उत्तर प्रदेश में अच्छी सीटें जीतकर आ रही हैं. सीट की संख्या बोल पाना मुश्किल है.
गठबंधन क्या दिल्ली की राजनीति बदल देगा?
अखिलेश ने कहा कि गठबंधन उत्तर प्रदेश में अच्छी सीटें जीतकर आ रही हैं. सीट की संख्या बोल पाना मुश्किल है, लेकिन हर चरण में सबसे ज्यादा महागठबंधन की सीटें जीतीं हैं और गठबंधन ही जीतकर आ रहा. गठबंधन की राजनीति का होगी इस सवाल पर अखिलेश ने कहा कि फिलहाल तो 23 तारीख तक इंतजार करना पड़ेगा.
क्या रिजनल पार्टी से ही दिल्ली में कोई नेता आएगा? क्या रिजनल पार्टी से ही कोई प्रधानमंत्री बनेगा के सवाल पर अखिलेश यादव ने कहा कि मुझे इस बात का भरोसा है कि कोई न कोई नया प्रधानमंत्री बनेगा और रिजनल पार्टी से ही प्रधानमंत्री बनेगा. जब उनसे पूछा गया कि प्रधानमंत्री कांग्रेस की तरफ से होगा या रिजनल पार्टी का होगा, तो अखिलेश ने कहा कि रिजनल पार्टी से ही प्रधानमंत्री होगा. क्या मायावती प्रधानमंत्री पद की दावेदार हो सकती हैं? इस सवाल के जवाब में अखिलेश यादव ने कहा कि यह हमारे गठबंधन का फैसला होगा. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री कोई भी बन सकता है और गठबंधन की जहां बात होगी तो मिलकर फैसला लेंगे. अखिलेश ने कहा कि अगर गठबंधन फैसला लेगा तो गठबंधन अपने लिए फैसला लेगा, लेकिन यह फैसला 23 तारीख के बाद होगा. अखिलेश ने कहा कि मैं कभी भी गठबंधन से अलग नहीं हो सकता.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं