लोकसभा चुनाव 2019 के मद्देनजर पंजाब कांग्रेस के नेताओं के लिए हॉट सीट बनी चंडीगढ़ लोकसभा सीट (Chandigarh Lok Sabha constituency) पर कांग्रेस ने अपने उम्मीदवार का ऐलान कर ऊहापोह की स्थिति को खत्म कर दिया है. चंडीगढ़ सीट से कांग्रेस पार्टी से ही तीन मजबूत दावेदारों में से एक पवन बंसल को कांग्रेस ने अपना उम्मीदवार बनाया है और इस तरह से पंजाब कैबिनेट के मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू की पत्नी नवजोत कौर सिद्धू और कांग्रेस नेता मनीष तिवारी की दावेदारी खत्म हो गई है. कांग्रेस ने पूर्व रेलमंत्री पवन कुमार बंसल को चंडीगढ़ लोकसभा सीट से जबकि पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह की पत्नी एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री परणीत कौर को पटियाला लोकसभा सीट से मंगलवार को टिकट दिया.
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पंजाब में सबसे ज्यादा निगाहें सबकी चंडीगढ़ सीट पर ही टिकी थी. वजह थी कि यहां से कांग्रेस के तीन दिग्गज नेता मसलन पवन बंसल, नवजोत कौर सिद्धू और मनीष तिवारी ने अपनी दावेदारी ठोकी थी. मगर कांग्रेस ने पवन बंसल पर भरोसा जताया है. माना जा रहा है कि पवन बंसल के अनुभव और उनके काम को देखते हुए ही कांग्रेस ने उन पर एक बार फिर से भरोसा जताया है. 2014 के चुनाव में हार की मुंह खाने के बाद भी चंडीगढ़ सीट पर पवन बंसल की मजबूत पकड़ थी और पार्टी को ऐसा लगता था कि वह एक ऐसे उम्मीदवार हो सकते हैं जो बीजेपी को हरा सकते हैं. बता दें कि पवन बंसल रेल मंत्री भी रह चुके हैं.
नवजोत कौर ने चंडीगढ़ के कांग्रेस भवन पहुंचकर चंडीगढ़ से लोकसभा चुनाव लड़ने को कांग्रेस टिकट के लिए चंडीगढ़ कांग्रेस के अध्यक्ष प्रदीप छाबड़ा को लिखित में आवेदन भी दिया था. इतना ही नहीं, उन्होंने कहा था कि 'मैंने महिला कोटे से चंडीगढ़ के लिए आवेदन दिया है. पंजाब की ग्रुप पॉलिटिक्स की वजह से मैं चंडीगढ़ आई हूं. पंजाब में कैप्टन अमरिंदर, जाखड़ और बाजवा ग्रुप हैं. हालांकि मुझे उनसे कोई प्रॉब्लम नहीं है. सिद्धू जी पंजाब में काम कर ही रहे हैं, इसलिए मैंने चंडीगढ़ से दावा ठोक दिया है.'
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चंडीगढ़ के लिए दावा ठोकने वाले नेताओं में अगला नाम पूर्व केंद्रीय मंत्री मनीष तिवारी का भी था. मनीष तिवारी 2009 में लुधियाना लोकसभा सीट से संसद पहुंचे थे. लेकिन 2014 में उन्होंने लोकसभा का चुनाव नहीं लड़ा जिसके बाद कांग्रेस के रवनीत सिंह बिट्टू में चुनाव लड़ा और फिलहाल वह लुधियाना के सांसद हैं. मनीष तिवारी भी चंडीगढ़ कांग्रेस अध्यक्ष प्रदीप छाबड़ा से मिले थे और चंडीगढ़ लोकसभा सीट के लिए अपना दावा ठोका था.
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माना जा रहा है कि कांग्रेस ने पवन बंसल पर इसलिए विश्वास जताया क्योंकि चंडीगढ़ लोकसभा सीट से बीते काफी समय से पूर्व केंद्रीय मंत्री पवन कुमार बंसल चुनाव लड़कर जीते आ रहे हैं. हालांकि 2014 में वह यहां से चुनाव हार गए थे. यूपीए सरकार में रेल मंत्रालय का जिम्मा संभाल चुके पवन बंसल 2014 के मोदी लहर में किरण खेर से हार गए थे. बीजेपी के किरण खेर को जहां 191362 वोट मिले थे, वहीं पवन कुमार बंसल को 121720 वोट मिले थे. पवन कुमार बंसल का कहना था कि उन्होंने चंडीगढ़ में चालीस साल काम किया है. विरोध परदर्शन में पानी की बौछारें खाई है. पार्टी देखेगी कि लोगों से निजी सम्पर्क किसका अच्छा है'.
बता दें कि बुधवार को कांग्रेस पार्टी ने अपनी एक और सूची जारी की. पंजाब में कांग्रेस ने गुरदासपुर से सांसद सुनील जाखड़, अमृतसर से गुरजीत सिंह ओजला, लुधियाना से रवनीत सिंह बिट्टू और जालंधर से संतोष सिंह चौधरी को उम्मीदवार बनाया है.
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