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This Article is From Dec 28, 2018

मोदी सरकार नए साल में किसानों को दे सकती है यह तोहफा, साबित हो सकता है 'टर्निंग प्वाइंट'

मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में कांग्रेस की सरकारों द्वारा कर्जमाफी और विपक्ष के दबाव के बीच केंद्र सरकार नए साल पर किसानों को बड़ा तोहफा देने की तैयारी कर रही है.

मोदी सरकार नए साल में किसानों को दे सकती है यह तोहफा, साबित हो सकता है 'टर्निंग प्वाइंट'
केंद्र सरकार उन किसानों से कृषि कर्ज पर ब्याज लेना बंद कर सकती है जो समय पर अपनी कर्ज किस्त का भुगतान करते हैं.
नई दिल्ली:

मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में कांग्रेस की सरकारों द्वारा कर्जमाफी और विपक्ष के दबाव के बीच केंद्र सरकार नए साल पर किसानों को बड़ा तोहफा देने की तैयारी कर रही है. 2019 के चुनावों से ठीक पहले मोदी सरकार का यह फैसला 'टर्निंग प्वाइंट' भी साबित हो सकता है. सूत्रों का कहना है कि केंद्र सरकार उन किसानों से कृषि कर्ज पर ब्याज लेना बंद कर सकती है जो समय पर अपनी कर्ज किस्त का भुगतान करते हैं. इससे सरकारी खजाने पर 15 हजार करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा. इसके अलावा मोदी सरकार खाद्यान्न फसलों के बीमा पर प्रीमियम को भी पूरी तरह से माफ करने का प्रस्ताव है. बागवानी फसलों की बीमा का प्रीमियम भी कम किया जा सकता है. इस मुद्दे पर सरकार के बीच मंथन जारी है और कई उच्चस्तरीय बैठकें भी हो चुकी हैं. बैठकों में बंपर फसल उत्पादन के बाद किसानों को उचित कीमत नहीं मिल पाने की समस्या को दूर करने की योजना पर चर्चा की गयी.

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आपको बता दें कि अभी किसानों को तीन लाख रुपये तक का ऋण 7 प्रतिशत की ब्याज दर से मिलता है. समय पर ब्याज भरने वाले किसानों को सरकार की तरफ से पहले ही तीन प्रतिशत की अतिरिक्त छूट दी जा रही है. सरकार ने चालू वित्त वर्ष में किसानों को 11 लाख करोड़ रुपये का कर्ज देने का बजट लक्ष्य तय किया है. पिछले वित्त वर्ष में सरकार ने 10 लाख करोड़ रुपये का लक्ष्य पार कर किसानों को 11.69 लाख करोड़ रुपये का ऋण दिया था. केंद्र सरकार इस समय सामान्य रूप से किसानों को ब्याज की दो प्रतिशत सहायता तथा समय पर भुगतान करने पर ब्याज की पांच प्रतिशत की सहायता योजना पर सालाना करीब 15 हजार करोड़ रुपये का खर्च वहन करती है. सूत्रों ने कहा कि यदि समय पर कर्ज चुकाने वाले किसानों को पूरी की पूरी ब्याज के बराबर सब्सिडी दी जाए तो यह बोझ बढ़कर 30 हजार करोड़ रुपये पर पहुंच जाएगा.    

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गौरतलब है कि पिछले दिनों मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान की कांग्रेस सरकार (Rajasthan loan waiver) ने कर्जमाफी की घोषणा की थी. राजस्थान में 2 लाख रुपये तक के कर्ज माफ किए जाएंगे. इससे राज्य सरकार पर 18 हजार करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा. बता दें कि तीनों राज्यों में कांग्रेस द्वारा नई सरकार के गठन के बाद किसानों का कर्जमाफ किया गया है. इससे पहले मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में शपथ ग्रहण के कुछ घंटों बाद ही कर्जमाफी की घोषणा कर दी गई . राजस्थान सरकार द्वारा कर्जमाफी की घोषणा के बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट किया, 'हमने दस दिन की बात कही थी लेकिन दो ही दिन में कर दिया.' (इनपुट- भाषा से भी)

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