दिल्ली से सटे गौतमबुद्ध नगर (Gautam Buddh Nagar) में इस बार लोकसभा चुनाव (General Election 2019) का मुकाबला दिलचस्प हो गया है. पिछले चुनाव में ढाई लाख से ज्यादा मतों से जीत दर्ज करने वाले भाजपा नेता और केंद्रीय मंत्री डॉ. महेश शर्मा (Dr Mahesh Sharma) के लिए इस बार राह आसान नहीं नजर आ रही है. खासकर, सपा-बसपा गठबंधन के बाद तस्वीर बदल गई है. गठबंधन के तहत यह सीट बसपा के खाते में गई है और पार्टी ने यहां से सतबीर नागर (Satbeer Nagar) को प्रत्याशी बनाया है. तो वहीं, कांग्रेस की तरफ से अरविंद कुमार सिंह (Arvind Kumar Singh) मैदान में हैं. 2014 में 50 फीसद वोट हासिल कर लोकसभा में पहुंचने वाले डॉ. महेश शर्मा (Mahesh Sharma) के लिए इस बार सबसे बड़ा खतरा बसपा उम्मीदवार सतबीर नागर हैं. क्योंकि सपा-बसपा और राष्ट्रीय लोकदल के संयुक्त उम्मीदवार तो हैं ही. साथ ही उन्हें आम आदमी पार्टी का भी समर्थन हासिल है.
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हालांकि दूसरी तरफ, कांग्रेस के अरविंद सिंह (Arvind Kumar Singh) मुकाबले में तो हैं लेकिन उन पर बाहरी होने का ठप्पा लगा है. यही वजह है कि कांग्रेस की जिला इकाई के तमाम नेताओं ने अरविंद सिंह को टिकट मिलने के बाद नाराजगी जाहिर की थी और अब प्रचार-प्रसार से भी दूरी बनाए हुए हैं. जातीय समीकरणों की बात करें तो 2014 में डॉ. महेश शर्मा (Mahesh Sharma) को लगभग सभी वर्गों का साथ मिला था, लेकिन इस बार सियासी परिस्थिति बदली हुई है. बसपा प्रत्याशी सतबीर नागर जहां गुर्जर मतदाताओं को लुभाने के लिए हरसंभव प्रयास कर रहे हैं. तो सपा की कोशिश है कि उसके परंपरागत वोटर ज्यादा से ज्यादा संख्या में गठबंधन प्रत्याशी के पक्ष में गोलबंद हों. वहीं, कांग्रेस के अरविंद कुमार सिंह भी राजपूत मतदाताओं के समर्थन के लिए कोई कोर-कसर नहीं छोड़ रहे हैं.
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2014 में डॉ. महेश शर्मा को मिले थे 50 फीसद से ज्यादा वोट
गौतमबुद्ध नगर लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र में 22 लाख से अधिक मतदाता हैं . 2014 के बाद से तीन लाख 11 हजार लोगों के नाम मतदाता सूची में जुड़े हैं. पिछले लोकसभा चुनाव की बात करें तो डॉ. महेश शर्मा (Mahesh Sharma) ने कुल मतदान का 50 फीसदी मत हासिल किया था और उन्हें करीब 6 लाख वोट मिले थे. महेश शर्मा ने सपा के नरेंद्र भाटी को दो लाख 80 हजार मतों से हराया था. इसी तरह बसपा को जहां एक लाख 98 हजार मत मिले थे, तो वहीं कांग्रेस को केवल 12 हजार से कुछ अधिक मतों से संतोष करना पड़ा था. अगर सपा-बसपा के दोनों उम्मीदवारों को मिला दें तो करीब 5 लाख 18 हज़ार के आसपास वोट थे.
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ये है गौतमबुद्ध नगर का जातिगत समीकरण
गौतमबुद्धनगर के 22 लाख वोटरों में से करीब 16 लाख वोटर गांव में रहते हैं. जातिगत समीकरण के मुताबिक यहां ठाकुर वोटर 4 से 4.5 लाख के करीब हैं. ब्राह्मण वोटरों की तादाद 4 लाख के आसपास है. मुस्लिम 3.5 लाख, गुर्जर 3.5 से 4 लाख, दलित 3.5 लाख और अन्य वोटर 3 लाख हैं.
VIDEO- गौतमबुद्ध नगर में इस बार दिलचस्प मुकाबला
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