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हालांकि, यह पूछे जाने पर कि अगर यूपीए को बहुमत मिलता है तो कौन प्रधानमंत्री होगा? वह टाल-मटोल करते रहे. उन्होंने कहा कि इस पर गठबंधन द्वारा परिणाम आने के बाद घोषणा की जाएगी. जाने-माने वकील व पूर्व केंद्रीय मंत्री सिब्बल से पूछा गया कि कांग्रेस राहुल गांधी को अपना प्रधानमंत्री उम्मीदवार घोषित करने से हिचक क्यों रही है? उन्होंने कहा, 'अगर कांग्रेस को 272 (सीटें) मिलतीं तो कोई हिचकिचाहट नहीं होती.'
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जोर देने पर कि कांग्रेस अभी भी राहुल गांधी को अपने प्रधानमंत्री उम्मीदवार के तौर पर आगे बढ़ा सकती और कह सकती है कि अगर पार्टी को बहुमत मिलता है तो वह प्रधानमंत्री होंगे. इस पर उन्होंने कहा, 'निसंदेह..अगर हमें बहुमत मिलता है तो इसमें कोई संदेह नहीं है..(लेकिन) इसे कहने का कोई सवाल नहीं है. हम जानते हैं कि हमें बहुमत नहीं मिलेगा. हम जानते हैं कि हमें 272 (सीटें) नहीं हासिल होंगी, हम यह भी जानते हैं कि भाजपा को भी 160 से ज्यादा सीटें नहीं मिलेंगी.'
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जब उनसे कहा गया कि वह एक बड़ा बयान दे रहे हैं तो उन्होंने जवाब दिया, 'क्यों नहीं, बिल्कुल, हमें (बहुमत) नहीं मिलेगा. कोई संभावना नहीं है.' सिब्बल से फिर से पूछा गया कि क्या वह कहना चाहते हैं कि कांग्रेस को बहुमत नहीं मिलेगा? इस पर उन्होंने कहा, 'हमें अपने दम पर 272 सीटें नहीं मिलेंगी. बहुमत मिलने की बात कहना मेरे लिए मूर्खता होगी और भाजपा को 160 से कम सीटें मिलेंगी.' इसके साथ ही उन्होंने कहा कि कांग्रेस की अगुवाई वाले यूपीए को चुनाव में बढ़त हासिल होगी और यह सरकार बना सकता है. हालांकि, इसे 'महागठबंधन' से भी लड़ना है. 'महागठबंधन' उत्तर प्रदेश में कुछ विपक्षी पार्टियों का गठबंधन है.
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यह पूछे जाने पर कि अगर कांग्रेस की अगुवाई वाला यूपीए बहुमत हासिल करता है तो प्रधानमंत्री कौन हो सकता है? सिब्बल ने कहा कि यह गठबंधन द्वारा तय किया जाएगा..यह सब 23 मई (परिणामों की घोषणा) के बाद होगा. यह पूछे जाने पर कि राहुल गांधी के अलावा कोई दूसरा हो सकता है? उन्होंने कहा, 'मुझे नहीं पता. गठबंधन तय करेगा. इस विषय पर गठबंधन के साझेदार फैसला करेंगे. जहां तक कांग्रेस पार्टी का सवाल है तो वह कांग्रेस में निर्विवाद नेता हैं.' महागठबंधन की क्षमता के संदर्भ में सवाल करने पर सिब्बल ने कहा कि इसे कांग्रेस ने नहीं बनाया है.
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उन्होंने कहा, 'हमारा गठबंधन एकजुट है. हमारी पार्टी के साथ गठबंधन है. हमारे सभी गठबंधन 2014 से पहले के हैं और बरकरार हैं, चाहे यह राकांपा हो या द्रमुक. हमने दो और को जोड़ा है. इसमें कर्नाटक में जेडीएस व पश्चिम बंगाल में माकपा है.' यह जिक्र करने पर कि समाजवादी पार्टी (सपा) ने अलग होकर बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के साथ गठबंधन कर लिया. सपा पहले कांग्रेस के साथ थी. इस पर सिब्बल ने कहा, 'यह हमारी गलती नहीं है. हमारे गठबंधन साझेदार एकजुट हैं. हमने उनमें से किसी को नहीं छोड़ा है, बल्कि हमने अपने गठबंधन साझेदारों को जोड़ा है.'
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(इनपुट: IANS)