NDTV Exclusive: चुनाव लड़ने के अयोग्य घोषित हार्दिक पटेल ने कहा- उम्र पड़ी है, लंबी राजनीति करने के लिए आया हूं

पाटीदार नेता हार्दिक पटेल ने NDTV से कहा, मुझे कभी कांग्रेस ने अपना कैंडिडेट ऑफ़िशियली घोषित नहीं किया था

खास बातें

  • सुप्रीम कोर्ट का हार्दिक पटेल की याचिका पर जल्द सुनवाई से इनकार
  • पटेल ने कहा, मैं चुनाव लड़ना चाहता था, अब बीजेपी को ज़्यादा दिक्कत होगी
  • कहा- पूरे देश में 25 साल का लड़का बीजेपी के ख़िलाफ़ प्रचार करेगा
नई दिल्ली:

गुजरात के पाटीदार नेता हार्दिक पटेल (Hardik Patel) चुनाव लड़ने के अयोग्य घोषित किए गए हैं. गुजरात हाईकोर्ट (Gujarat High court) के सजा सुनाए जाने के बाद सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में पहुंचे पटेल की याचिका की जल्द सुनवाई करने से कोर्ट ने इनकार कर दिया है. हार्दिक पटेल ने NDTV से कहा है कि 'मुझे कभी पार्टी (Congress) ने अपना कैंडिडेट ऑफ़िशियली घोषित नहीं किया था. अभी तो सुप्रीम कोर्ट में आगे सुनवाई होगी.' उन्होंने कहा कि 'मेरी लंबी उम्र पड़ी है, अभी तो सिर्फ़ शुरुआत है. लंबी राजनीति करने के लिए आया हूं.'

गुजरात हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंचे कांग्रेस (Congress) नेता हार्दिक पटेल (Hardik Patel) की मुश्किलें बढ़ गई हैं. हार्दिक पटेल की याचिका पर जल्द सुनवाई से सुप्रीम कोर्ट ने इनकार कर दिया है. हार्दिक पटेल की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि अभी कोई अर्जेंसी नहीं है.

हार्दिक पटेल (Hardik Patel) ने कहा कि 'मैं चुनाव लड़ना चाहता था. अब बीजेपी (BJP) को ज़्यादा दिक्कत होगी. पूरे देश में 25 साल का लड़का बीजेपी के ख़िलाफ़ प्रचार करेगा.' उन्होंने कहा कि 'सरकार को मुझसे डर है इसलिए कोर्ट में तुषार मेहता को भेजा.' उन्होंने कहा कि 'मेरा जनाधार कम नहीं हुआ है. जो कांग्रेस पार्टी कहेगी, जहां कहेगी प्रचार करूंगा.'

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हार्दिक पटेल (Hardik Patel) ने अपनी याचिका में गुजरात हाई कोर्ट के फैसले पर रोक लगाने और सज़ा को निलंबित करने की मांग की है. हार्दिक पटेल (Hardik Patel) को फिलहाल लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य करार दिया गया है. सुप्रीम कोर्ट से भी हार्दिक पटेल को राहत नहीं मिलने से उनका चुनाव लड़ना मुश्किल हो गया है.

सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस अरुण मिश्रा ने कहा कि हार्दिक पटेल (Hardik Patel) जुलाई 2018 में दोषी करार दिए गए थे. तो अब क्या अर्जेंसी है. सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात सरकार ने हार्दिक पटेल की याचिका का विरोध किया. SG तुषार मेहता ने कहा कि इस तरह सुनवाई नहीं हो सकती. याचिका में कहा गया है कि नामांकन का आखिरी दिन चार अप्रैल है लिहाजा सुप्रीम कोर्ट हाई कोर्ट के फैसले पर रोक लगाए. हार्दिक ने अपनी याचिका में सुप्रीम कोर्ट के 2007 के नवजोत सिंह सिद्धू फैसले का हवाला दिया है.

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दरअसल 2015 में हुए उपद्रव के मामले में 29 मार्च को गुजरात हाईकोर्ट से हार्दिक पटेल (Hardik Patel) को बड़ा झटका लगा था. हाईकोर्ट ने हार्दिक पटेल की याचिका को ख़ारिज कर दिया था जिसमें मेहसाणा में 2015 के दंगा उपद्रव मामले में उनकी दोषसिद्धि को निलंबित करने की अपील की गई थी. दंगा भड़काने के आरोप में साल 2018 में निचली कोर्ट ने पाटीदार नेता हार्दिक पटेल को दोषी ठहराते हुए दो साल की जेल की सजा सुनाई थी.

VIDEO : हार्दिक पटेल को गुजरात हाईकोर्ट में लगा झटका

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अगस्त 2018 में हाई कोर्ट ने उनकी दो साल की सजा तो निलंबित कर दी थी लेकिन दोषसिद्धि को बरकरार रखा था. इसके चलते वो जनप्रतिनिधि अधिनियम के तहत चुनाव लडने से अयोग्य हो गए. दंगे 23 जुलाई, 2015 को हुए थे और उनके नेतृत्व में पाटीदारों ने पहली बार रैली की थी.