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This Article is From Apr 21, 2019

लालू प्रसाद यादव पर अचानक बंदिश के क्या हैं मायने...

राष्ट्रीय जनता दल ने आरोप लगाया है कि रांची में उनके राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू यादव को मारने की साज़िश हो रही है.

लालू प्रसाद यादव पर अचानक बंदिश के क्या हैं मायने...
लालू प्रसाद यादव (फाइल फोटो)
पटना:

लोकसभा चुनाव 2019 को लेकर सभी पार्टियां ताबड़तोड़ चुनाव प्रचार में जुटी हुई हैं, मगर कहीं न कहीं राजद को लालू प्रसाद यादव की कमी खल रही है. मगर इस बीच राष्ट्रीय जनता दल ने आरोप लगाया है कि रांची में उनके राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू यादव को मारने की साज़िश हो रही है. ये आरोप ख़ुद पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने लगाया है. दरअसल शनिवार को मुलाक़ातियों का समय होता है, लेकिन झारखंड के जेल विभाग ने एक आदेश में विधि व्यवस्था का हवाला देकर लालू यादव से किसी से मिलने नहीं दिया गया. 

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इसके बाद राबड़ी देवी ने एक बयान में कहा कि 'अस्पताल में उपचाराधीन लालू यादव विधि सम्मत हर शनिवार तीन व्यक्तियों से मिल सकते हैं लेकिन तानाशाही भाजपा सरकार ने इस पर भी रोक लगा दी है. मेरे बेटे को भी नहीं मिलने दिया. ये ज़हरीले लोग लालू जी के साथ साज़िश कर उन्हें गंभीर नुक़सान पहुंचा सकते हैं. उनकी जान को ख़तरा है‬. अगर ग़रीब-गुरबा सड़क पर उतर गया तो अंजाम बुरा होगा.'

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इससे पूर्व जनता दल यूनाइटेड के प्रवक्ता नीरज ने एक बयान में जेल से जारी राजद के सिम्बल रद्द करने की मांग चुनाव आयोग से की थी. इस पर क़ानून का कोई ज्ञान ना होने का उल्टा आरोप लगते हुए राजद के राष्ट्रीय प्रवक्ता शिवानंद तिवारी ने कहा था कि दो चरण के चुनाव के बाद जनता दल यूनाईटेड को लालू यादव के हस्ताक्षर से दल के उम्मीदवारों को चुनाव चिन्ह आवंटित करने का मसला ध्यान में आया है. दरअसल जनता दल यू का यह विधवा विलाप है. दोनों चरणों में इन्हें अपना खाता खुलता नहीं नज़र आ रहा है. इनके कार्यकर्ता हतोत्साहित हैं. वे मैदान छोड़कर पलायन न कर जाएं, इसलिए इस नए प्रलाप के जरिए उनको फंसाकर मैदान में टिकाए रखने का इनका यह अंतिम दाव है. लेकिन इसका कोई सार्थक नतीजा निकलने वाला नहीं है. मौजूदा लोकसभा की अपनी दो सीट ये बचा लें, यही इनके लिए बड़ी बात होगी. चुनाव बाद इनके यहां से भागना होना तय है.

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हालांकि, जानकार मानते हैं कि लालू प्रसाद यादव के ऊपर ये बंदिश नीतीश कुमार और भाजपा के संयुक्त रननीति का हिस्सा है. उनका आकलन है लालू प्रसाद यादव को फ़ोन और लोगों से दूर कर राजद को जेल से मिल रहे मर्गदर्शन से चुनाव तक वंचित रखा जाए, ताकि इसका फायदा किसी तरह से महागठबंधन को न मिले. 

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