भारतीय जनता पार्टी 2019 लोकसभा चुनाव के रुझानों में बाजी मा चुकी है और कुल 542 में से 344 सीटों पर आगे चल रही है. लेकिन पिछले लोकसभा चुनाव में मिली सीटों से तुलना की जाए तो इस बार जीत की ओर अग्रसर भाजपा को कुछ नुकसान भी हुआ है. जहां कांग्रेस ने 2014 लोकसभा चुनाव में यूपीए को 65 सीटें मिली थी जो 2019 लोकसभा चुनाव में बढ़कर 93 पर पहुंच गई हैं जो 28 सीट की बढ़ोतरी को दर्शाता है. पिछले लोकसभा चुनाव में एनडीए गठबंधन की कुल 352 सीटें आईं थी और इस आंकड़े को वापस हासिल करने में एनडीए को कुल 8 सीटों की और जरूरत है. यूपीए गठबंधन ने पिछले चुनाव के मुकाबले 28 सीटें अधिक पाई हैं.
एनडीए गठबंधन भले ही इस आंकड़े के काफी करीब है और शायद इस नंबर को पार्टी गठबंधन हासिल भी कर लेगा, लेकिन कांग्रेस से जैसे-तैसे अपने पिछले आंकड़े में थोड़ी बढ़त हासिल कर ली है. ये चुनाव 68 वर्षीय मोदी को दशक के सबसे लोकप्रिय नेता के तौर पर स्थापित कर रहे हैं, निर्वाचन आयोग द्वारा जारी मतगणना के आंकड़े दिखाते हैं कि भाजपा अपने 2014 के प्रदर्शन से भी बेहतर करने जा रही है. वाराणसी से चुनाव लड़ रहे मोदी अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी से करीब डेढ़ लाख वोटों से आगे चल रहे थे जबकि पार्टी अध्यक्ष अमित शाह गांधीनगर में अपने करीबी उम्मीदवार से चार लाख से ज्यादा मतों से आगे चल रहे थे.
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मतगणना के रुझानों के अनुसार, मोदी लहर के साथ-साथ पार्टी अध्यक्ष अमित शाह की चुनावी रणनीति ने भौगोलिक और जातीय, उम्र, लिंग जैसे समीकरणों को मात देते हुए विपक्ष का सफाया किया है. राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण राज्य उत्तर प्रदेश में जहां समाजवादी पार्टी (सपा) और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) गठबंधन को एक कड़ी टक्कर के तौर पर पेश किया जा रहा था, वहां 80 लोकसभा सीटों में से 59 पर भाजपा आगे चल रही है जबकि सपा 6 सीटों पर और बसपा 12 सीटों पर बढ़त बनाये हुए है. हालांकि, पिछले लोकसभा चुनाव में भाजपा ने 71 सीटों पर जीत दर्ज की थी. भाजपा का यह प्रदर्शन कई एग्जिट पोल में व्यक्त किये गए पूर्वानुमानों से कहीं बेहतर हैं.