खास बातें
- यह संख्या की हार है, विचारधारा की हार नहीं है: गुलाम नबी आजाद
- 'लोकतंत्र में जीत और हार होती है लेकिन नेतृत्व देना एक अलग मामला'
- किसी को राहुल गांधी के नेतृत्व पर अविश्वास नहीं है: गुलाम नबी आजाद
नई दिल्ली: लोकसभा चुनावों में मिली हार के बाद कांग्रेस के दिग्गज नेता गुलाम नबी आजाद (Ghulam Nabi Azad) का बयान सामने आया है. उन्होंने कहा, 'लोकतंत्र में जीत और हार होती रहती है लेकिन नेतृत्व देना एक अलग मामला है. उन्होंने (राहुल गांधी) नेतृत्व दिया जो टीवी पर भले ही कम दिखता हो लेकिन जनता में दिखाई देता है. हमने अपनी हार को स्वीकार किया है लेकिन यह संख्या की हार है, विचारधारा की हार नहीं है.' आजाद ने कहा, 'कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में सभी ने राहुल गांधी से कहा कि उन्होंने बहुत अच्छा काम किया है. किसी को उनके नेतृत्व पर अविश्वास नहीं है. यह स्थिति ही ऐसी थी. अगर कोई ऐसी स्थिति में पार्टी का नेतृत्व कर सकता है तो वह केवल राहुल गांधी (Rahul Gandhi) हैं. अगर कोई विपक्ष का नेतृत्व कर सकता है तो वह केवल राहुल गांधी हैं.' गौरतलब है कि कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में राहुल गांधी ने इस्तीफे की पेशकश की. जिसे समिति ने ठुकरा दिया है.
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पार्टी प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने बताया, 'कांग्रेस कार्य समिति 2019 के लोकसभा चुनाव के जनादेश को विनम्रता से स्वीकार करती है. कांग्रेस कार्यसमिति 12.13 करोड़ साहसी व सजग मतदाताओं को धन्यवाद देती है, जिन्होंने कांग्रेस पार्टी में अपना विश्वास व्यक्त किया. कांग्रेस पार्टी एक जिम्मेदार और सकारात्मक विपक्ष के रूप में अपना कर्तव्य निभाएगी और देशवासियों की समस्याओं को सामने रख उनके प्रति सरकार की जवाबदेही सुनिश्चित करेगी.' रणदीप सुरजेवाला ने कहा, 'कांग्रेस कार्यसमिति ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को देश के युवाओं, किसानों, महिलाओं, अनुसूचित जाति, जनजाति, पिछड़ों, गरीबों, शोषितों व वंचितों की समस्याओं के लिए आगे बढ़कर जूझने का आग्रह किया.
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कांग्रेस कार्यसमिति उन चुनौतियों, विफलताओं और कमियों को स्वीकार करती है, जिनकी वजह से ऐसा जनादेश आया. कांग्रेस कार्यसमिति पार्टी के हर स्तर पर संपूर्ण आत्मचिंतन के साथ-साथ कांग्रेस अध्यक्ष को अधिकृत करती है कि वो पार्टी के संगठनात्मक ढांचे में आमूलचूल परिवर्तन एवं विस्तृत पुर्नसंरचना करें. इसके लिए योजना जल्द से जल्द लागू की जाए.
कांग्रेस पार्टी ने चुनाव हारा है, लेकिन हमारा अदम्य साहस, हमारी संघर्ष की भावना और हमारे सिद्धांतों के प्रति हमारी प्रतिबद्धता पहले से ज्यादा मजबूत है. कांग्रेस पार्टी नफरत और विभाजन की ताकतों से लोहा लेने के लिए हमेशा कटिबद्ध है.'