चुनावी हलफनामे में अपनी शैक्षणिक योग्यता को लेकर विपक्ष के निशाने पर आई केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी (Smriti Irani) के बचाव में अब उनके सहयोगी और केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली (Arun Jaitly) उतर आए हैं. विपक्ष का आरोप है कि स्मृति ईरानी ने लोकसभा चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करते वक्त अपने हलफनामे में शैक्षणिक योग्यता को लेकर गलत जानकारी दी है.
स्मृति ईरानी पर चुनाव आयोग के सामने विरोधाभासी हलफनामे दायर करने का आरोप लगाने वाली कांग्रेस पर निशाना साधते हुए अरुण जेटली ने कहा कि कांग्रेस प्रमुख राहुल गांधी (Rahul Gandhi) की शैक्षणिक योग्यता की जानकारी कई बातों का जवाब दे सकती है.
उन्होंने कहा, राहुल गांधी के पास एम फिल की डिग्री है वो भी बिना मास्टर डिग्री के.
जेटली ने अपने ब्लॉग में कहा, 'एक दिन पूरा ध्यान बीजेपी उम्मीदवार की शैक्षणिक योग्यता पर होगा, पूरी तरह से यह भूलते हुए कि राहुल गांधी के अकादमिक रिकॉर्ड का पब्लिक ऑडिट कई सवालों के जवाब दे सकता है. क्योंकि उन्होंने एम फिल किया है वो भी बिना मास्टर डिग्री के.'
गौरतलब है कि कांग्रेस ने केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी पर अपने चुनावी हलफनामे में झूठ बोलने का आरोप लगाते हुए शुक्रवार को कहा था कि उन्हें नैतिकता के आधार पर मंत्री पद से इस्तीफा देना चाहिए और चुनाव आयोग को उनका नामांकन खारिज करना चाहिए. कांग्रेस ने स्मृति ईरानी के चुनावी हलफनामे को लेकर चुनाव आयोग में प्रतिवेदन किया और उनका नामांकन खारिज करने की मांग की. कांग्रेस के प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा था कि समस्या यह नहीं है कि कोई कितना पढ़ा है, लेकिन जब इस देश की प्रजातांत्रिक प्रणाली को धोखा देकर, झूठ बोलकर जनता की आंख में धूल झोंकने की कोशिश की जाती है तो दिक्कत है. उन्होंने दावा किया कि मंत्री ने अलग अलग चुनावी हलफनामे में अलग अलग जानकारी दी है. उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि एक मंत्री भी कभी ग्रेजुएट थीं. न देश के प्रधानमंत्री की डिग्री का पता है और न ही उनकी इस मंत्री की डिग्री का पता है. सुरजेवाला ने कहा था कि हमने कहा है कि यह कादाचार है. उनका नामांकन खारिज करना चाहिए.
शुक्रवार को कांग्रेस प्रवक्ता प्रियंका चतुर्वेदी ने मशहूर सीरियल 'क्योंकि सास भी कभी बहू थी' के गीत की तर्ज पर कहा था, 'क्वालीफिकेशन के रूप बदलते हैं, नए नए सांचे में ढलते हैं. एक डिग्री आती है, एक डिग्री जाती है, बनते एफेडिएविट नए हैं... क्योंकि मंत्री भी कभी ग्रेजुएट थी. उन्होंने केंद्रीय मंत्री के पिछले कुछ चुनावों के हलफनामों की प्रति जारी करते हुए कटाक्ष किया था कि स्मृति ईरानी जी ने बताया कि किस तरह से ग्रेजुएट से 12वीं पास हो जाते हैं, यह मोदी सरकार में ही मुमकिन है. 2004 के लोकसभा चुनाव के अपने हलफनामे में स्मृति बीए थीं. फिर 2011 राज्यसभा के चुनावी हलफनामे में वह बीकॉम फस्ट ईयर बताती हैं. इसके बाद 2014 के लोकसभा चुनाव में फिर वह बीए पास कर लेती हैं. अब फिर से उनके पास बीकॉम फर्स्ट ईयर की डिग्री हो गई है. प्रियंका ने आरोप लगाया था कि उन्होंने देश को झूठ बोला है, देश को बरगलाया है. यह साबित होता है कि भाजपा के नेता किस तरह से झूठ बोलते हैं.'
कांग्रेस ने स्मृति ईरानी का उड़ाया मजाक, बोले- क्योंकि मंत्री भी कभी ग्रेजुएट थीं...देखें Video
कांग्रेस पर पलटवार करते हुए ईरानी ने कहा था कि मैं इतना ही कहूंगी कि गत पांच वर्षों में ऐसा कोई आक्रमण नहीं है जो कांग्रेस के कुछ 'चेले चपाटों' ने मुझ पर न किया हो. ऐसा कोई अपशब्द नहीं है, ऐसा कोई अपमान नहीं है, महिला होने के नाते ऐसी कोई प्रताड़ना नहीं है जो मेरे साथ कांग्रेस नेताओं ने न की हो. मेरा उनको एकमात्र यही संदेश है कि आप मुझे जितना अपमानित करोगे, जितना मुझे प्रताड़ित करोगे उतना ही जमकर मैं अमेठी में कांग्रेस के खिलाफ काम करूंगी. गौरतलब है कि स्मृति ईरानी अमेठी से कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के खिलाफ चुनाव लड़ रही हैं.
VIDEO: 'क्योंकि मंत्री भी कभी ग्रैजुएट थी'
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