कांग्रेस के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह के खिलाफ बीजेपी उम्मीदवार पर पार्टी में अब भी माथा पच्ची जारी है. सूत्रों की मानें तो मध्य प्रदेश की भोपाल लोकसभा सीट से कांग्रेस के दिग्विजय सिंह के खिलाफ भारतीय जनता पार्टी साध्वी प्रज्ञा को चुनावी मैदान में उतार सकती है. बुधवार को मालेगांव विस्फोट मामले में आरोपी साध्वी प्रज्ञा ठाकुर सिंह ने औपचारिक तौर पर भारतीय जनता पार्टी का दामन थामा. बीजेपी दफ्तर पहुंचते ही भोपाल सीट से उनकी उम्मीदवारी को लेकर भी अटकलें तेज हो गईं. बताया जा रहा है कि साध्वी प्रज्ञा के नाम पर बीजेपी के भोपाल दफ्तर में बंद कमरे में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से चर्चा हो रही है. इस बैठक में रामलाल, शिवराज सिंह सुहास भगत, अनिल जैन, प्रभात झा सहित अन्य नेता मौजूद हैं.
Sadhvi Pragya Singh Thakur in Bhopal: I have formally joined BJP, I will contest elections and will win also. #LokSabhaElections2019 pic.twitter.com/siAsXSMm1U
— ANI (@ANI) April 17, 2019
हालांकि, बीजेपी की ओर से भोपाल सीट पर उम्मीदवार के ऐलान का इंतजार है. उम्मीद की जा रही है कि बीजेपी साध्वी प्रज्ञा पर दांव खेल सकती है. मालेगांव विस्फोट कांड की वजह से सुर्खियों में आई साध्वी प्रज्ञा सिंह का नाम ज्यादा चर्चा में था. साध्वी प्रज्ञा ठाकुर मध्य प्रदेश के एक मध्यमवर्गीय परिवार से आती हैं. परिवारिक पृष्ठभूमि के चलते वे संघ व विहिप से जुड़ी और फिर बाद में संन्यास धारण कर लिया. साध्वी 2008 में हुए मालेगांव बम विस्फोट मामले में आरोपी हैं.
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भोपाल लोकसभा सीट पर करीब तीन दशक से बीजेपी का कब्जा है. कांग्रेस नेता शंकर दयाल शर्मा, जो देश के राष्ट्रपति भी रहे ने 1984 में इस सीट पर जीत दर्ज की थी. 1989 से लेकर बीजेपी के सुशील चंद्र वर्मा ने तीन पर यहां का प्रतिनिधित्व किया. 1999 में उमा भारती यहां से जीतीं लेकिन मध्य प्रदेश का मुख्यमंत्री बनने के बाद उन्हें इस्तीफा देना पड़ा. वर्तमान में अशोक सांझर भोपाल से सांसद हैं.
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दिग्विजय सिंह की एंट्री से पहले शहर के मेयर आलोक शर्मा और पार्टी के महासचिव वीडी शर्मा को संभावित उम्मीदवार के रूप में देख रही थी.
वैसे तो बीजेपी यह जता रही है कि सबकुछ ठीक है. पार्टी के प्रवक्ता राहुल कोठारी ने कांग्रेस के इस कदम को 'गुटबाजी' करार दिया. कोठारी ने NDTV से कहा, 'ये इसलिए किया गया है कि अगर पार्टी हारी तो भी कमलनाथ के वर्चस्व को कोई चुनौती न दे सके. लेकिन निजी तौर पर नेताओं ने माना की कुछ चिंता की बातें तो हैं. इस लोकसभा क्षेत्र में स्थित 8 विधानसभा क्षेत्रों में से 3 कांग्रेस के साथ हैं.
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दिग्विजय सिंह ने यहां से चुनाव लड़ने के लिए हामी तब भरी जब मुख्यमंत्री कमलनाथ ने उन्हें 'सबसे कठिन सीट' से चुनाव लड़ने की चुनौती दी. मुख्यमंत्री कमलनाथ ने दिग्विजय की उम्मीदवारी का ऐलान कर दिया था. कमलनाथ के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए दिग्विजय ने कहा था कि वो राजगढ़ से लड़ना चाहेंगे लेकिन साथ ही ये भी जोड़ दिया कि पार्टी जैसा निर्देश देगी वो उसका पालन करेंगे. दिग्विजय 2 दफे राजगढ़ से सांसद रह चुके हैं.
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