लोकसभा चुनाव से पहले असम गण परिषद ने किया BJP के साथ गठबंधन, नागरिकता संशोधन बिल के विरोध में छोड़ा था NDA

असम गण परिषद के साथ भाजपा के गठबंधन को अहम माना जा रहा है कि क्योंकि लोकसभा में नागरिकता संशोधन बिल पास होने के बाद असम गण परिषद ने एनडीए से गठबंधन तोड़ लिया था.

लोकसभा चुनाव से पहले असम गण परिषद ने किया BJP के साथ गठबंधन, नागरिकता संशोधन बिल के विरोध में छोड़ा था NDA

बैठक करते भाजपा महासचिव राम माधव.

खास बातें

  • नागरिकता बिल पर छोड़ दिया था एनडीए
  • अब लोकसभा चुनाव से पहले फिर आए साथ
  • बोडोलैंड पीपुल्स फ्रंट भी गठबंधन में शामिल
गुवाहाटी:

लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election) से पहले भारतीय जनता पार्टी (BJP) अपने पुराने साथी असम गण परिषद को एक बार फिर साथ लाने में कामयाब रही. देर रात भाजपा और असम गण परिषद (Asom Gana Parishad) ने चुनाव से पहले गठबंधन करने का फैसला किया. गठबंधन की रूपरेखा के अगले एक-दो दिनों में तय कर ली जाएगी. यह फैसला भाजपा के महासचिव राम माधव और असम गण परिषद के अध्यक्ष अतुल बोरा की लंबी बैठक के बाद लिया गया. इस गठबंधन का ऐलान भाजपा के महासचिव राम माधव ने किया. उन्होंने इसके साथ ही बताया कि बोडोलैंड पीपुल्स फ्रंट गठबंधन का तीसरा साथी होगा.

भाजपा महासचिव राम माधव ने गठबंधन का ऐलान करते हुए ट्वीट किया, 'चर्चा के बाद भाजपा और असम गण परिषद ने आगामी लोकसभा चुनाव में असम में कांग्रेस को हराने के लिए साथ काम करने का फैसला किया है. गुवाहाटी में भाजपा के हिमंता बिस्वा शर्मा और अतुल बोरा और एजीपी के केशव महंता की मौजूदगी में इसकी ऐलान किया गया. गठबंधन का तीसरा साथी बोडोलैंड पीपुल्स फ्रंट होगा.'

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असम गण परिषद के साथ भाजपा के गठबंधन को अहम माना जा रहा है कि क्योंकि लोकसभा में नागरिकता संशोधन बिल पास होने के बाद असम गण परिषद ने एनडीए से गठबंधन तोड़ लिया था. इसके साथ ही बिल के विरोध में भाजपा के खिलाफ प्रचार किया था. असम गण परिषद के इस कदम के बाद पूर्वोत्तर की क्षेत्रिय पार्टियों ने भी भाजपा का विरोध किया था. कांग्रेस ने नागरिकता संशोधन बिल का विरोध करते हुए कहा था कि अगर हम सत्ता में वापस आते हैं तो इस विवादित बिल को रद्द कर देंगे. वहीं भाजपा ने स्पष्ट रूप से कहा था कि अगर वह सत्ता में आती है तो संसद में बिल को दोबारा लेकर आएगी.

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असम गण परिषद के सूत्रों के मुताबिक पहले भाजपा के साथ फिर से जुड़ने को लेकर पार्टी की राय बंटी हुई थी, क्योंकि इससे जमीनी कार्यकर्ताओं की नाराजगी का डर है. 

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केवल कोकराझार सीट पर उम्मीदवार उतारेगा बीपीएफ 
असम में सत्तारूढ़ भाजपा के सहयोगी दल बोडोलैंड पीपुल्स फ्रंट (बीपीएफ) ने मंगलवार को घोषणा की कि वह केवल भाषाई रूप से संवेदनशील कोकराझार सीट पर ही चुनाव लड़ेगा. बीपीएफ प्रमुख हागरामा मोहिलारी ने बक्सा में कहा कि पार्टी विधायक और प्रदेश मंत्री प्रमिला रानी ब्रह्म इस सीट से चुनाव लड़ेंगी.  उन्होंने कहा कि बीपीएफ ने किसी अन्य लोकसभा सीट पर चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया और वह असम में अन्य सभी सीटों पर भाजपा को अपना समर्थन देगी. मोहिलारी ने कहा, ‘हमने कोकराझार सीट के लिए अपना लोकसभा उम्मीदवार तय कर लिया है. यह प्रमिला रानी ब्रह्म होंगी. हमें पूरा भरोसा है कि वह जीतेंगी.'

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