लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election) से पहले आम आदमी पार्टी को बड़ा झटका लग सकता है. आम आदमी पार्टी (AAP) की असंतुष्ट विधायक अलका लांबा (Alka Lamba) ने कहा है कि अगर कांग्रेस (Congress) पार्टी में शामिल होने के लिए उनसे संपर्क किया जाता है तो वह प्रस्ताव पर विचार करेंगी. उन्होंने यह भी कहा कि आगामी कुछ दिनों में दिल्ली में कांग्रेस और आप के बीच गठबंधन की संभावना है. अलका ने कहा, ‘यह समय भाजपा के खिलाफ देशव्यापी आंदोलन में में शामिल होने का है और अगर कांग्रेस मुझसे संपर्क करती है तो मैं प्रस्ताव पर विचार करूंगी और इससे इंकार नहीं करूंगी.' साथ ही उन्होंने कहा, ‘मैं दो दशक तक कांग्रेस में रही हूं. कांग्रेस अच्छा कर रही है और यह समय भाजपा के खिलाफ आंदोलन में शामिल होने का है.'
बता दें, लोकसभा चुनाव से पहले आम आदमी पार्टी और विधायक अलका लांबा के बीच तनातनी चल रही है. आम आदमी पार्टी और विधायक अलका लांबा (Alka Lamba) के बीच मतभेद बीते 2 महीनों से लगातार बना हुआ है. दिसंबर के आखिर में दिल्ली विधानसभा में भूतपूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी से भारत रत्न सम्मान वापस लिए जाने का एक प्रस्ताव पास किया गया था. आम आदमी पार्टी सूत्रों का कहना है कि विधायक अलका लांबा ने दिल्ली कांग्रेस के एक नेता के कहने पर यह प्रस्ताव बिना पार्टी की सहमति के सोमनाथ भारती के जरिए 1984 हिंसा संबंधित मूल प्रस्ताव में शामिल करवाया, जिससे पार्टी की फजीहत हुई. हालांकि, आम आदमी पार्टी की तरफ से औपचारिक रूप से अलका लांबा के बारे में ऐसा कुछ नहीं कहा गया है. जबकि अलका लांबा का तभी से ये कहना है कि 'मैंने इस प्रस्ताव का विरोध किया था और सदन से बाहर चली गई थी'.
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आप और लांबा (Alka Lamba) में तनातनी का मामला पिछले महीने दिल्ली के पुरानी दिल्ली में केजरीवाल के एक समारोह के दौरान भी देखने को मिला था. दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल की एक चुनावी जनसभा चांदनी चौक के जामा मस्जिद इलाके में होनी थी. लेकिन इलाके की विधायक अलका लांबा का कहना था है कि उनको केजरीवाल की इस जनसभा की कोई जानकारी नहीं है.
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इससे नाराज आप विधायक अलका लांबा (Alka Lamba) ने एक बयान जारी कर कहा था कि '20 फ़रवरी को मेरी विधानसभा चांदनी चौक, जामा मस्जिद गेट नम्बर 1 पर मुख्यमंत्री जनसभा करने आ रहे हैं, जिसकी मुझे कोई ख़बर नहीं है. यहां तक कि पार्टी ने पुराने चेहरे को मैदान में 2020 के लिये अभी से उतार भी दिया है, जबकि मैं एक विधायक के तौर पर आज भी पूरी तरह से जनता के बीच सक्रिय रहते हुए विकास कार्यो को आगे बढ़ा रही हूं. मुझे कमज़ोर करके पार्टी को क्या लाभ होगा? आरोप मुझ पर लगाये जा रहे हैं कि मैं कांग्रेस में जा सकती हूं, जबकि कांग्रेस से गठबंधन में कोई और ही किसी भी स्तर पर समझौता करने को तैयार बैठा है..जो सबके सामने भी है. मुझे जनता ने चुना है, जनता के लिये यूं ही समर्पित रहते हुए अपने काम जारी रखूंगी'.
(इनपुट- भाषा)
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