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This Article is From Jul 03, 2017

पीएम मोदी ने किया 'प्रेसिडेंट प्रणब मुखर्जी-अ स्टेट्समैन' किताब का अनावरण

अपने संबोधन के दौरान मोदी ने भावुक होते हुए कहा कि बीते तीन वर्षो के दौरान ऐसा एक भी मौका नहीं होगा जब वह मुखर्जी से मिले हों और मुखर्जी ने उन्हें 'पिता का स्नेह' न दिया हो.

पीएम मोदी ने किया 'प्रेसिडेंट प्रणब मुखर्जी-अ स्टेट्समैन' किताब का अनावरण
नई दिल्‍ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को राष्ट्रपति भवन में राष्‍ट्रपति प्रणब मुखर्जी के जीवन पर आधारित 'प्रेसीडेंट प्रणब मुखर्जी-अ स्टेट्समैन' नामक किताब का विमोचन किया. इस मौके पर पीएम ने राष्‍ट्रपति की सराहना करते हुए कहा कि उन्होंने प्रणब मुखर्जी की उंगली पकड़कर दिल्ली में खुद को सेट किया. राष्ट्रपति मुखर्जी को प्यार से 'प्रणब दा' संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि प्रणब दा की उंगली पकड़ कर दिल्ली की जिंदगी में अपने आप को सेट करने में बहुत सुविधा मिली.

भावुक हुए पीएम मोदी
अपने संबोधन के दौरान मोदी ने भावुक होते हुए कहा कि बीते तीन वर्षो के दौरान ऐसा एक भी मौका नहीं होगा जब वह मुखर्जी से मिले हों और मुखर्जी ने उन्हें 'पिता का स्नेह' न दिया हो.

पीएम को आराम की सलाह देते हैं राष्‍ट्रपति
मोदी ने कहा कि वह अक्सर मुझसे कहा करते हैं कि मोदी जी आपको आधे दिन का आराम कर लेना चाहिए. आप इतनी भाग-दौड़ क्यों करते हैं, अपने कार्यक्रमों को कम कीजिए, अपने स्वास्थ्य का ख्याल रखिए. प्रधानमंत्री ने कहा कि वह खुद को सौभाग्यशाली महसूस करते हैं कि उन्हें राष्ट्रपति मुखर्जी के साथ काम करने का मौका मिला.

इस किताब में राष्‍ट्रपति के मानवीय पहलू भी आएंगे नजर
राष्ट्रपति मुखर्जी पर अनावृत्त पुस्तक के बारे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि इस किताब में मौजूद तस्वीरों में हमें अपने राष्ट्रपति के मानवीय पहलू भी देखने को मिलेंगे और हमें उन पर गर्व होगा.

मैंने अपने मतभेद अपने पास रखे : मुखर्जी
इस किताब के लॉन्‍चिंग के मौके पर राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने इस बात का खुलासा किया कि उनके और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच कुछ वैचारिक मतभेद रहे हैं, लेकिन दोनों ने अपने-अपने मतभेद अपने पास रखे और सरकार के कामकाज को प्रभावित नहीं होने दिया. उन्‍होंने कहा कि हमने मिलकर काम किया. निश्चित रूप से वैचारिक मतभेद रहे हैं. लेकिन हमने उन मतभेदों को अपने पास ही रखा. मैंने राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के रिश्ते को प्रभावित नहीं किया.

स्‍टेटमैन समूह ने किया है राष्‍ट्रपति की इस किताब का प्रकाशन
13वें राष्ट्रपति के रूप में प्रणब मुखर्जी के जीवन की चित्रमय यात्रा वाली इस किताब का प्रकाशन स्टेटमैन समूह ने किया है, जिसका विमोचन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया और उसकी पहली प्रति राष्ट्रपति को भेंट की.

जेटली एक प्रभावी वकील की तरह समझाते थे: राष्‍ट्रपति
वित्तमंत्री अरुण जेटली की तरफ देखते हुए मुखर्जी ने कहा कि वह खास मुद्दों के बारे में जानकारी के लिए जेटली को अक्सर फोन किया करते थे, और जेटली एक सक्षम और प्रभावी वकील की तरह हमेशा उन्हें समझाते थे. मुखर्जी का कार्यकाल 24 जुलाई को समाप्त हो रहा है. (एजेंसियों से इनपुट)

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