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नवजात शिशु के लिए फॉर्मूला दूध कैसे बनाएं? पीडियाट्रिशियन ने बताया Formula Milk देने से पहले इन 3 बातों का जरूर रखें ध्यान

What is the correct way to make formula milk: पीडियाट्रिशियन ने बच्चों के लिए फॉर्मूला दूध बनाने का एकदम सही और आसान तरीका बताया है. आइए जानते हैं इसके बारे में-

नवजात शिशु के लिए फॉर्मूला दूध कैसे बनाएं? पीडियाट्रिशियन ने बताया Formula Milk देने से पहले इन 3 बातों का जरूर रखें ध्यान
शिशु के लिए फॉर्मूला दूध कैसे बनाएं?

What is the correct way to make formula milk: नवजात शिशु के लिए मां का दूध सबसे बेहतर होता है. यह बच्चे की इम्यूनिटी, ग्रोथ और हेल्थ के लिए सबसे उपयुक्त माना जाता है. लेकिन अगर किसी कारणवश बच्चे को मां का दूध न मिल पाए, तो उस कंडीशन में फॉर्मूला मिल्क को सबसे सही माना जाता है. इसे बच्चे की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए तैयार किया जाता है, फॉर्मूला मिल्क से भी बच्चे को जरूरी पोषण मिल जाता है. हालांकि, इसके लिए दूध को सही तरीके से बनाना बेहद जरूरी है. कई बार जाने-अनजाने में दूध को गलत तरीके से तैयार कर दिया जाता है, जिससे बच्चे की सेहत पर भी गलत असर पड़ता है. इसी कड़ी में पीडियाट्रिशियन मयूर कलसरिया ने अपने इंस्टाग्राम हैंडल पर एक वीडियो शेयर किया है. इस वीडियो में डॉक्टर ने बच्चों के लिए फॉर्मूला दूध बनाने का एकदम सही और आसान तरीका बताया है. आइए जानते हैं इसके बारे में- 

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इन 3 बातों का रखें ध्यान

नंबर 1- सही मात्रा 

पीडियाट्रिशियन कहते हैं, फॉर्मूला दूध तैयार करते समय सबसे जरूरी है सही माप. पाउडर की थोड़ी भी कम या ज्यादा मात्रा नुकसानदायक हो सकती है. ज्यादा पाउडर डालने से दूध गाढ़ा हो सकता है, जिससे बच्चे को पचाने में दिक्कत आती है. वहीं, कम पाउडर डालने से दूध पतला हो जाता है, जिससे बच्चे को पर्याप्त पोषण नहीं मिल पाता. 

डॉक्टर बताते हैं, फॉर्मूला दूध तैयार करते समय हमेशा 1 स्कूप पाउडर लें और इसे 30 ml पानी में मिलाएं. ध्यान रहे कि स्कूप एकदम सही तरीके से पाउडर से भरी हो. 

नंबर 2- तैयार किया हुआ दूध 2 घंटे बाद फेंक दें

बहुत से नए माता-पिता यह गलती करते हैं कि बचा हुआ दूध बाद में फिर से बच्चे को दे देते हैं. हालांकि, डॉक्टर कलसरिया ऐसा बिल्कुल नहीं करने की सलाह देते हैं. वे बताते हैं, फॉर्मूला दूध 2 घंटे से ज्यादा रखने पर उसमें बैक्टीरिया बढ़ने का खतरा रहता है. यह बच्चे में उल्टी, दस्त और इंफेक्शन का कारण बन सकता है. इसलिए जितना दूध बच्चे को तुरंत चाहिए, उतना ही तैयार करें और बाकी को डिस्कार्ड कर दें.

नंबर 3- बोतल को जोर से हिलाएं नहीं

कई लोग बोतल को जोर से शेक करके दूध मिलाते हैं, जो कि गलत तरीका है. डॉक्टर बताते हैं कि बोतल को हमेशा हल्के-हल्के घुमाकर इसमें पाउडर मिलाना चाहिए. जोर से शेक करने पर दूध में बहुत सारे बुलबुले बन जाते हैं. यह बच्चे के पेट में हवा जाने का कारण बनता है, जिससे गैस, पेट दर्द और कोलिक की समस्या हो सकती है. हल्के से मिलाने पर दूध स्मूद तरीके से मिक्स होता है और बच्चे को आराम से पचता है.

इन बातों का भी रखें ध्यान 
  • इन सब से अलग हमेशा साफ, उबले और ठंडे (गुनगुने) पानी का इस्तेमाल करें.
  • बोतल और निपल को फीडिंग से पहले स्टेरिलाइज करना न भूलें.
  • साथ ही हर बार ताजा फीड बनाएं.

इस तरह छोटी-छोटी बातों पर ध्यान देकर आप अपने बच्चे की सेहत का ख्याल रख सकते हैं. 

अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.

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