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हेल्थ प्रोफेशनल्स को करना पड़ता है इन 5 तरह के तनाव का सामना, Experts से जानें क्यों और कैसे

दूसरों की सेहत का ध्यान रखने वाले हेल्थ एक्सपर्ट्स खुद भी डिप्रेशन या तनाव से जूझते हैं कई बार. ऐसे में उनको इससे निकलने के लिए यहां पर कुछ टिप्स बताए जा रहे हैं.

हेल्थ प्रोफेशनल्स को करना पड़ता है इन 5 तरह के तनाव का सामना, Experts से जानें क्यों और कैसे
अब बात आती है कि हेल्थ एक्सपर्ट्स को किस तरह से अपने तनाव को मैनेज करना चाहिए?

Stress In Health Worker: हेल्थ प्रोफेशनल्स (health professional) दूसरों की बीमारियों को अच्छे से जानकर, समझकर उनका ट्रीटमेंट करते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि ये एक्सपर्ट्स भी डिप्रेशन (depression), एंजाइटी (anxiety) और तनाव (stress) का शिकार हो जाते हैं. कई बार वर्कलोड के कारण तो कई बार अन्य कारणों से खराब मेंटल हेल्थ से गुजरते हैं. ऐसे में आज इस आर्टिकल में आपको बताएंगे हेल्थ एक्सपर्ट्स किस तरह तनाव से डील करें. 

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हेल्थ प्रोफेशनल्स को क्यों होता है तनाव

1. हेल्थ प्रोफेशनल्स को एंजाइटी या स्ट्रेस होने के कई कारण हो सकते हैं, लेकिन तनाव का सबसे बड़ा कारण है कि एक इंटेंस और तनावपूर्ण वातावरण में काम करना. जी हां, उनके सामने कई तरह के रोगी आते हैं, जिन्हें देखकर कई बार तनाव का सामना करना पड़ता है .

2. डॉक्टर का काम हमेशा अंडर प्रेशर रहता है और इसी प्रेशर में काम करने की भावना कई बार उन्हें मानसिक रूप से थकावट दे सकती है, जिससे उन्हें तनाव हो जाता है.



3. हेल्थ एक्सपर्ट्स के वर्किंग कल्चर का कोई समय नहीं होता है. उन्हें मरीजों के लिए तत्पर उपलब्ध होना पड़ता है और कई बार यही वर्किंग आवर्स और वर्किंग लाइफ तनाव का कारण बन जाती है.

4. हेल्थ एक्सपर्ट्स का पर्सनल और प्रोफेशनल लाइफ बैलेंस करना भी बहुत मुश्किल होता है. कई बार वह कई-कई दिनों तक अपने घर वालों से नहीं मिल पाते हैं, जिसके कारण भी उन्हें तनाव या एंजाइटी हो सकती हैं.

हेल्थ एक्सपर्ट्स किस तरह डील करें तनाव

अब बात आती है कि हेल्थ एक्सपर्ट्स को किस तरह से अपने तनाव को मैनेज करना चाहिए? इसके लिए बेसिक फार्मूला है कि अपने जीवन को बैलेंस करें, जी हां जितना जरूरी आपके लिए काम है, उतनी ही जरूरी है आपकी पर्सनल लाइफ भी है. आप एक हेल्दी रूटीन फॉलो करें, एक्टिव रहे, योग करें डाइट का ध्यान रखें और फैमिली को भी टाइम दें. इतना ही नहीं एक्सपर्ट्स का मानना है कि अपने पेशेंट से हमेशा मेंटल डिस्टेंस बना कर रखना चाहिए, क्योंकि कई बार जब आप मेंटली और इमोशनली अपने पेशेंट से कनेक्ट हो जाते हैं, तो यह आपको कहीं ना कहीं बहुत प्रभावित करता है. 

(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श

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