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This Article is From Oct 07, 2015

बिहार की दलित राजनीति में गहरी पैठ है रामविलास पासवान की...

बिहार की दलित राजनीति में गहरी पैठ है रामविलास पासवान की...
रामविलास पासवान (फाइल फोटो)
नई दिल्‍ली: रामविलास पासवान वर्तमान भारतीय दलित राजनीति के प्रमुख नेताओं में से एक हैं। वे लोक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष एवं राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की सरकार में केन्द्रीय मंत्री भी हैं। वे सोलहवीं लोकसभा में बिहार के हाजीपुर लोकसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं।

रामविलास पासवान का जन्‍म 5 जुलाई 1946 को बिहार के खगड़ि‍या जिले में एक दलित परिवार में हुआ था। पासवान ने बुंदेलखंड यूनिवर्सिटी, झांसी से एमए तथा पटना यूनिवर्सिटी से एलएलबी किया है। नीतीश कुमार और लालू प्रसाद यादव की ही तरह पासवान भी छात्र राजनीति में सक्रिय थे और जेपी आंदोलन में उन्‍होंने भी बढ़ चढ़कर हिस्‍सा लिया।
पासवान पहली बार 1969 में बिहार के विधानसभा चुनावों में संयुक्‍त सोशलिस्‍ट पार्टी के उम्‍मीदवार के रूप चुने गए। 1974 में जब लोक दल बना तो पासवान उससे जुड़ गए और महासचिव बनाए गए। आपातकाल का विरोध करते हुए पासवान जेल भी गए।

1977 में छठी लोकसभा में पासवान ने जनता पार्टी के टिकट पर चुनाव जीता। 1982 में हुए लोकसभा चुनाव में पासवान दूसरी बार जीते। इसके बाद पासवान 1989 और 1996 में हुए लोकसभा चुनावों में भी विजयी रहे। बारहवीं, तेरहवीं और चौदहवीं लोकसभा में भी पासवान विजयी रहे और केंद्र की सरकारों में मंत्री भी रहे। लेकिन अगस्‍त 2010 में हुए 15वीं लोकसभा के चुनाव में पासवान को हार का सामना करना पड़ा। अगस्‍त 2010 में बिहार से राज्‍यसभा के सदस्‍य निर्वाचित हुए और कार्मिक तथा पेंशन मामले और ग्रामीण विकास समिति के सदस्‍य बनाए गए।

वैसे पासवान के बारे में यह बात बहुत मशहूर है कि केंद्र में सरकार चाहे किसी भी पार्टी की हो, पासवान मंत्री जरूर बन जाते हैं। पासवान अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में मंत्री थे। उसके बाद वो यूपीए सरकार में भी मंत्री रहे और अब वो पीएम मोदी की सरकार में भी मंत्री हैं।

1983 में रामविलास पासवान ने दलितों के उत्‍थान के लिए दलित सेना का गठन किया। साल 2000 में पासवान ने जनता दल यूनाइटेड से अलग होकर लोकजनशक्‍ति पार्टी का गठन किया।

पासवान को पाला बदलने के लिए भी जाना जाता है। छात्र आंदोलन के समय से नीतीश कुमार और लालू यादव के साथ जुड़े रहने वाले रामविलास पासवान ने 2009 के लोकसभा चुनावों के लिए फिर लालू के साथ गठबंधन किया और यूपीए से जुड़ गए। लेकिन पासवान को सफलता नहीं मिली। पासवान खुद हाजीपुर से लोकसभा चुनाव हार गए। 2014 के चुनाव में पासवान फिर नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली एनडीए के साथ जुड़ गए और हाजीपुर से लोकसभा चुनाव जीते। उनकी पार्टी के 6 सांसद जीतकर आए और पासवन केंद्र में मंत्री हैं। पासवान के बेटे चिराग पासवान जमुई से जीते।

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