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AI से लेकर अंतरिक्ष तक... 'मन की बात' में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने क्या कुछ कहा, जानें

प्रधानमंत्री मोदी ने आगे कहा कि 21वीं सदी के भारत में विज्ञान नई ऊर्जा के साथ आगे बढ़ रहा है. कुछ दिन पहले, हमारे छात्रों ने इंटरनेशनल केमिस्ट्री ओलंपियाड में पदक जीते. देवेश पंकज, संदीप कुची, देबदत्त प्रियदर्शी और उज्ज्वल केसरी ने देश का नाम रोशन किया.

AI से लेकर अंतरिक्ष तक... 'मन की बात' में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने क्या कुछ कहा, जानें
5 साल पहले, 50 से भी कम स्टार्टअप थे. आज, सिर्फ अंतरिक्ष क्षेत्र में ही 200 से ज्यादा स्टार्टअप हैं: PM
  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को मन की बात कार्यक्रम के 124वें एपिसोड को संबोधित किया
  • प्रधानमंत्री ने 23 अगस्त को राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस मनाने का आह्वान किया और नए विचार भेजने को कहा
  • प्रधानमंत्री नरेंद्र नोदी ने अंतरिक्ष से शुभांशु शुक्ला की सफल वापसी को गर्व का क्षण बताया
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नई दिल्ली:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को 'मन की बात' कार्यक्रम के 124वें एपिसोड में देशवासियों को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने भारत की समृद्ध ज्ञान परंपरा और जैवविविधता को संरक्षित करने के दो महत्वपूर्ण प्रयासों पर प्रकाश डाला. उन्होंने 'ज्ञान भारतम् मिशन' की घोषणा को ऐतिहासिक पहल बताते हुए कहा कि यह मिशन आने वाली पीढ़ियों को भारत की आत्मा से जोड़ने का माध्यम बनेगा.

प्रधानमंत्री मोदी ने देशवासियों को संबोधित करते हुए कहा कि भारत की समृद्ध ज्ञान परंपरा और जैवविविधता को बचाने के लिए पूरे देश में प्रयास किए जाएंगे. इससे हमारा प्राचीन ज्ञान केवल किताबों या दीवारों तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि नई पीढ़ी की सोच का हिस्सा बनेगा.

पीएम ने आगे कहा इस विचार से प्रेरित होकर सरकार ने इस साल के बजट में 'ज्ञान भारतम् मिशन' शुरू किया है. इस मिशन के अंतर्गत देशभर में बिखरी प्राचीन पांडुलिपियों का डिजिटलीकरण किया जाएगा. इसके बाद एक राष्ट्रीय डिजिटल रिपॉजिटरी तैयार की जाएगी, जहां भारत ही नहीं, दुनिया भर के छात्र और शोधकर्ता भारतीय ज्ञान परंपरा से जुड़ सकेंगे. उन्होंने लोगों से इस पहल में सक्रिय भागीदारी करने की अपील की.

पीएम मोदी ने कहा कि अगर आप किसी ऐसे प्रयास से जुड़े हैं या जुड़ना चाहते हैं, तो माय गॉव या संस्कृति मंत्रालय से संपर्क करें, क्योंकि ये सिर्फ पांडुलिपियां नहीं हैं, ये भारत की आत्मा के वे अध्याय हैं जिन्हें हमें आने वाली पीढ़ियों तक पहुंचाना है. असम के प्रसिद्ध काजीरंगा नेशनल पार्क का उल्लेख करते हुए पीएम मोदी ने एक अनूठे प्रयास की सराहना की. उन्होंने बताया कि काजीरंगा, जो आमतौर पर अपने एक सींग वाले गैंडों के लिए प्रसिद्ध है, वहां पहली बार 'ग्रासलैंड बर्ड सेन्सस' यानी घासभूमि पक्षी गणना की गई है.

उन्होंने कहा कि आपको यह जानकर खुशी होगी कि इस गणना में 40 से अधिक पक्षी प्रजातियों की पहचान की गई, जिनमें कई दुर्लभ पक्षी भी शामिल हैं. यह सब संभव हुआ तकनीक की मदद से. टीम ने साउंड रिकॉर्डिंग डिवाइस लगाए और फिर उन ध्वनियों को एआई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) तकनीक के जरिए कंप्यूटर पर एनालाइज किया गया. इस प्रक्रिया में पक्षियों को बिना परेशान किए, केवल उनकी आवाज से ही पहचान लिया गया. यह उदाहरण दिखाता है कि जब टेक्नोलॉजी और संवेदनशीलता मिलती है, तो प्रकृति को समझना और भी आसान हो जाता है.

शुभांशु शुक्ला की वापसी गर्व का क्षण

इस दौरान उन्होंने अंतरिक्ष से शुभांशु शुक्ला की वापसी को गर्व का क्षण बताया. उन्होंने कहा कि बच्चों में भी विज्ञान, अंतरिक्ष को लेकर एक नई जिज्ञासा पैदा हुई. प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि पिछले कुछ हफ्तों में, चाहे वह खेल हो, विज्ञान हो या संस्कृति, बहुत कुछ ऐसा हुआ है जिस पर हर भारतीय को गर्व है. हाल ही में अंतरिक्ष से शुभांशु शुक्ला की वापसी पर देश में खूब चर्चा हुई. जैसे ही शुभांशु सकुशल धरती पर उतरे, लोग खुशी से उछल पड़े, हर दिल में खुशी की लहर दौड़ गई.

पूरा देश गर्व से भर गया. मुझे याद है, जब अगस्त 2023 में चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग हुई थी, तो देश में एक नया माहौल बना था. बच्चों में भी विज्ञान और अंतरिक्ष को लेकर एक नई जिज्ञासा पैदा हुई थी. छोटे-छोटे बच्चे अब कहते हैं कि हम भी अंतरिक्ष जाएंगे, चांद पर उतरेंगे, और हम अंतरिक्ष वैज्ञानिक बनेंगे.

अंतरिक्ष क्षेत्र में ही 200 से ज्यादा स्टार्टअप

'इंस्पायर मानक योजना' का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि इस अभियान का नाम तो सुना ही होगा. यह बच्चों में नवाचार को बढ़ावा देने का अभियान है. इसमें हर स्कूल से पांच बच्चे चुने जाते हैं. हर बच्चा एक नया विचार लेकर आता है. अब तक लाखों बच्चे इससे जुड़ चुके हैं और चंद्रयान-3 के बाद इनकी संख्या दोगुनी हो गई है. देश में अंतरिक्ष स्टार्टअप भी तेजी से बढ़ रहे हैं. पांच साल पहले, 50 से भी कम स्टार्टअप थे. आज, सिर्फ अंतरिक्ष क्षेत्र में ही 200 से ज्यादा स्टार्टअप हैं.

राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस को लेकर प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि अगले महीने, 23 अगस्त को नेशनल स्पेस डे है. आप इसे कैसे मनाएंगे? क्या आपके पास कोई नया आइडिया है? अगर है तो मुझे नमो ऐप पर संदेश जरूर भेजें.

प्रधानमंत्री मोदी ने आगे कहा कि 21वीं सदी के भारत में विज्ञान नई ऊर्जा के साथ आगे बढ़ रहा है. कुछ दिन पहले, हमारे छात्रों ने इंटरनेशनल केमिस्ट्री ओलंपियाड में पदक जीते. देवेश पंकज, संदीप कुची, देबदत्त प्रियदर्शी और उज्ज्वल केसरी ने देश का नाम रोशन किया. गणित की दुनिया में भी भारत ने अपनी छवि मजबूत की है. ऑस्ट्रेलिया में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय गणित ओलंपियाड में हमारे छात्रों ने 3 स्वर्ण, 2 रजत और 1 कांस्य पदक जीते.

उन्होंने आगे कहा कि अगले महीने मुंबई में खगोल विज्ञान और खगोल भौतिकी ओलंपियाड होने जा रहा है. इसमें 60 से ज़्यादा देशों के छात्र हिस्सा लेंगे. वैज्ञानिक भी होंगे. यह अब तक का सबसे बड़ा ओलंपियाड होगा. एक तरह से, भारत अब ओलंपिक और ओलंपियाड, दोनों के लिए आगे बढ़ रहा है.

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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