
झारखंड मुक्ति मोर्चा के स्थापना दिवस को लेकर मंगलवार को गिरिडीह के झंडा मैदान में एक बड़ी जनसभा आयोजित की गई. इस दौरान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और कल्पना सोरेन के अलावा पार्टी के तमाम बड़े नेता मौजूद थे. जनसभा में आए समर्थकों को संबोधित करते हुए कल्पना सोरेन भावुक हो गईं. उन्होंने कहा कि यह वही मंच है, जहां एक साल पहले आपने मुझे रोते हुए देखा था. यह वही मंच है जहां सब थे, हमारे बड़े बुजुर्ग थे, सिर्फ एक व्यक्ति नहीं था और वह था आपका बेटा हेमंत सोरेन, लेकिन आज वो भी हमारे साथ हैं.
भीड़ को देख छलक पड़े कल्पना सोरेन के आंसू
भीड़ को देखकर कल्पना सोरेन के आंसू छलक पड़े. उन्होंने कहा कि घर का अभिभावक यदि घर में न हो तो परिवार क्या करता है. तब परिवार के ही बड़े लोग अभिभावक का फर्ज निभाते हैं. पिछली बार इसी जनता ने साथ निभाया था. उन्होंने कहा कि गांडेय, गिरिडीह और झारखण्ड की जनता के लिए कल्पना सोरेन ऋणी है. झारखण्ड में अब अगर किसी की सरकार रहेगी, तो वह अबुआ की ही सरकार होगी. हम लोगों ने चुनावी समय में जो प्रण लिया था, उसे पूरा करने में हेमंत सोरेन जुटे हैं. गिरिडीह-गांडेय के अलावा पूरे झारखण्ड को पर्यटन के क्षेत्र में नया आयाम देने का काम किया जाएगा. धैर्य रखिएगा, हर एक वादा पूरा किया जाएगा.

वहीं मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने एक बार फिर चेतावनी दी है कि केंद्र सरकार ने अगर झारखंड के बकाया एक लाख 36 हजार करोड़ रुपये नहीं दिए, तो उनकी सरकार न सिर्फ कानूनी लड़ाई शुरू करेगी, बल्कि जरूरत पड़ी तो राज्य से एक ढेला कोयला और खनिज बाहर नहीं जाने देगी. सीएम सोरेन ने कहा, "हम भले सरकार में हैं, लेकिन राज्य के गरीबों, पिछड़ों, आदिवासियों के हक के लिए सड़क पर भी उतरकर संघर्ष करने को तैयार हैं."
झारखंड को हम सबसे अगले राज्यों की कतार में लाकर खड़ा करेंगे - हेमंत सोरेन
विपक्षी पार्टियों पर जुबानी हमला करते हुए उन्होंने कहा कि जब इनका शासन था तो इन्होंने राज्य को दलदल में धकेल दिया था. पिछले पांच साल में हमारी सरकार राज्य को उसी दलदल से बाहर निकालने में जुटी रही. अब आने वाले दिनों में हम झारखंड को देश के सबसे अगले राज्यों की कतार में लाकर खड़ा करेंगे.

मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार के प्रयासों के नतीजे सामने आने लगे हैं. नीति आयोग ने भी झारखंड को उन चार सर्वश्रेष्ठ राज्यों में रखा है, जिनकी अर्थव्यवस्था बेहतर हुई है. उन्होंने राज्य में गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले लोगों को गरीबी से उबारने का संकल्प व्यक्त करते हुए कहा, "हमारी सरकार जो कहती है, वह कर दिखाती है. मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना के तहत महिलाओं को एक हजार रुपये के बदले 2,500 रुपये हर माह देने का वादा हमने सरकार बनते ही पूरा कर दिखाया."
मंईयां को सशक्त करने की योजना हमेशा चलती रहेगी - सीएम सोरेन
उन्होंने कहा कि दो महीने से मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना का पैसा महिलाओं के खातों में नहीं गया है. इस पर कुछ लोग सवाल उठा रहे हैं. दरअसल, हमने पाया है कि चतुर, चालाक, लोमड़ी-भेड़िया किस्म के लोगों ने महिलाओं के नाम पर गलत तरीके से पैसा निकाला है. ऐसे लोगों को चिह्नित कर उनके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है. मंईयां को सशक्त करने की यह योजना हमेशा चलती रहेगी. हमने बजट में इसके लिए सबसे ज्यादा राशि का प्रावधान किया है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने बार-बार कहा है कि उनकी सरकार रांची मुख्यालय में बैठकर नहीं चलती. यह गांव-देहात से चलने वाली सरकार है. मंत्री, अफसर, कर्मचारी अब गांव-गांव में शिविर लगाकर लोगों की समस्याओं का समाधान करते हैं. उन्होंने कहा कि हम ऐसी व्यवस्था लागू करने जा रहे हैं ताकि जरूरी प्रमाणपत्रों के लिए लोगों को सरकारी दफ्तरों के चक्कर न लगाने पड़ें. सरकार लोगों के घर तक इन्हें पहुंचाएगी.
वहीं देश की अर्थव्यवस्था की चर्चा करते हुए सोरेन ने कहा कि महंगाई लगातार बढ़ रही है. इसके रुकने का कोई आसार नहीं दिखता. नमक, दूध, दही, चाय, चीनी, कपड़ा, कागज, जूता- तमाम चीजों पर इतना टैक्स लाद दिया गया है, जितना पहले कभी नहीं था.
सोरेन ने जनसभा में उपस्थित लोगों का आह्वान किया कि वे समाज को बांटने वाली ताकतों और चुनाव में जुमला परोसने वालों के झांसे में न आएं.
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