
सैयद अली शाह गिलानी (फाइल फोटो)
जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने बुधवार को 18 अलगाववादियों और 155 नेताओं का सुरक्षा कवर हटा दिया. इनमें पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती के करीबी वाहिद मुफ्ती और पूर्व आईएएस अधिकारी शाह फैसल भी शामिल हैं. माना जा रहा है कि पुलवामा में हुए आतंकी हमले के बाद ऐसा निर्णय लिया गया है. आश्चर्य की बात है कि इस सूची में पाकिस्तान का समर्थन करने वाले अलगाववादियों सैयद अली शाह गिलानी और जेकेएलएफ प्रमुख यासीन मलिक का भी नाम शामिल है, जिन्होंने हमेशा कहा है कि उन्हें कोई सुरक्षा नहीं मिलती है.
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इसमें एक साल से जेल में बंद शाहिद-उल-इस्लाम और नइम खान का भी नाम है. राज्य के मुख्य सचिव बी. वी. आर. सुब्रमण्यम की अध्यक्षता में हुई सुरक्षा समीक्षा बैठक में यह फैसला लिया गया. सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि समीक्षा बैठक में यह महसूस किया गया कि इन अलगाववादी नेताओं को सुरक्षा मुहैया कराना राज्य के सीमित संसाधनों की बर्बादी है जिनका प्रयोग किसी अच्छी जगह पर किया जा सकता है.
गिलानी, मलिक, इस्लाम और खान के अलावा आगा सैयद मोस्वी, मौलवी अब्बास अंसारी और उनके बेटे मसरूर, सलीम गिलानी, जफर अकबर भट, मुख्तार अहमद वजा, फारूक अहमद किचलू, आगा सैयद अब्दुल हुसैन, अब्दुल गनी शाह और मोहम्मद मुसादिक भट का भी नाम सूची में शामिल है. खतरे की आशंका और गतिविधियों का आकलन करने के बाद 155 राजनीतिक व्यक्तियों और कार्यकर्ताओं का भी सुरक्षा कवर हटाया गया है क्योंकि अब इसकी जरूरत नहीं थी. अधिकारियों के अनुसार, सूची में पीडीपी के नेताओं का नाम बहुतायत में है.
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