प्रतीकात्मक तस्वीर
इंदौर:
अवयस्क सौतेली बेटी से बलात्कार के जुर्म में अदालत ने 45 वर्षीय व्यक्ति को उसकी आखिरी सांस तक जेल में कैद रखे जाने की सजा सुनायी।
अपर सत्र न्यायाधीश राजेश कुमार गुप्ता ने मामले में रघुवीर गौतम को भारतीय दंड विधान और लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम की संबद्ध धाराओं में दोषी करार देते हुए यह सजा सुनायी। अभियोजन पक्ष ने गौतम पर जुर्म साबित करने के लिये अदालत के सामने छह गवाह पेश किये थे।
अतिरिक्त लोक अभियोजक (एजीपी) संतोष चौरसिया ने बताया, अदालत ने अपने फैसले में कहा कि गौतम को उसके जुर्म के लिये उसकी आखिरी सांस तक जेल में कैद रखा जाये।
उन्होंने बताया कि भागीरथपुरा क्षेत्र में रहने वाले गौतम ने पीड़ित नाबालिग लड़की की मां से दूसरी शादी की थी। उसने अपनी 14 साल की सौतेली बेटी को वर्ष 2014 में कई बार हवस का शिकार बनाया था। चौरसिया ने बताया कि गौतम की करतूत के बारे में जानकारी मिलने के बाद पीड़ित लड़की की मां ने आठ अक्तूबर 2014 को अपने पति के खिलाफ पुलिस में प्राथमिकी दर्ज करायी थी।
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
अपर सत्र न्यायाधीश राजेश कुमार गुप्ता ने मामले में रघुवीर गौतम को भारतीय दंड विधान और लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम की संबद्ध धाराओं में दोषी करार देते हुए यह सजा सुनायी। अभियोजन पक्ष ने गौतम पर जुर्म साबित करने के लिये अदालत के सामने छह गवाह पेश किये थे।
अतिरिक्त लोक अभियोजक (एजीपी) संतोष चौरसिया ने बताया, अदालत ने अपने फैसले में कहा कि गौतम को उसके जुर्म के लिये उसकी आखिरी सांस तक जेल में कैद रखा जाये।
उन्होंने बताया कि भागीरथपुरा क्षेत्र में रहने वाले गौतम ने पीड़ित नाबालिग लड़की की मां से दूसरी शादी की थी। उसने अपनी 14 साल की सौतेली बेटी को वर्ष 2014 में कई बार हवस का शिकार बनाया था। चौरसिया ने बताया कि गौतम की करतूत के बारे में जानकारी मिलने के बाद पीड़ित लड़की की मां ने आठ अक्तूबर 2014 को अपने पति के खिलाफ पुलिस में प्राथमिकी दर्ज करायी थी।
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