वास्को (गोवा):
गोवा के एक स्कूल में सात साल की बच्ची से स्कूल के ही टॉयलेट में रेप के बाद लोगों में गुस्सा व्याप्त है। ऐसे में स्कूल के प्रबंधन ने पीड़ित बच्ची के पिता से अस्वीकार्य शब्द कहे हैं।
स्कूल प्रबंधन के एक अधिकारी ने पीड़ित बच्ची के पिता से कहा, 'आपकी बच्ची ने इतना कुछ नहीं सहा।' यह स्कूल मोर्मुगो पोर्ट ट्रस्ट द्वारा संचालित है।
एनडीटीवी से खास बातचीत में पीड़ित बच्ची के पिता ने कहा कि वह अधिकारी घटना के बाद अस्पताल में मुआवजा की बात करने आया था जब उसने यह बात कही। इस बात से गुस्साए बच्ची के पिता ने कहा कि पूरी जिंदगी के लिए बच्ची पर दाग लग गया है और स्कूल मैनेजमेंट का यह रवैया निंदनीय है।
जब एनडीटीवी ने स्कूल के चेयरमैन पी मारा पांडियन से संपर्क साधा, तब उनका कहना था कि उन्हें अपने अधिकारी के ऐसे वक्तव्य के बारे में जानकारी नहीं है। वह इस बारे में जांच कराएंगे।
वहीं, नाराज पिता ने घटना पर पर्दा डालने की कोशिश करने का स्कूल पर आरोप लगाया है। उनका कहना है कि स्कूल के शिक्षित अध्यापक ने खून से सने बच्ची के कपड़ों को साफ करने की कोशिश की।
इस पूरी घटना में स्कूल की प्रिंसिपल, जिसे फिलहाल निलंबित कर दिया गया है, उनका कहना था कि कोई बाहरी आदमी स्कूल में घुसकर ऐसी घटना को अंजाम कैसे दे सकता है। उनका कहना था कि ऐसी कोई सुराग भी नहीं है। यह सब प्रिंसिपल का कहना तब था, जब पीड़ित मात्र सात साल की है।
घटना के चार दिन बाद भी इस घटना के आरोपी को गिरफ्तार नहीं किया जा सका है। घटना के विरोध में शुक्रवार को वास्को में लोगों ने बंद रखा।
गोवा पुलिस ने इस घटना की जांच के लिए पंद्रह सदस्यीय टीम बनाई है। गोवा के डीआईजी ओपी मिश्रा का कहना है कि यह एक ब्लाइंड केस है। पुलिस अपनी पूरी कोशिश कर रही है ताकि आरोपी को पकड़ा जा सके।
पीड़ित बच्ची के पिता ने सीएम से अपील की है कि स्कूलों में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी की जाए और बलात्कार के आरोपी को सजा दिलवाएं।
वहीं, गोवा में कानून व्यवस्था बिगड़ने का आरोप लगाते हुए राज्य कांग्रेस ने वास्को के एक स्कूल में सात साल की बच्ची के साथ बलात्कार की घटना को लेकर मुख्यमंत्री मनोहर पार्रिकर के इस्तीफे की मांग की।
गोवा कांग्रेस प्रवक्ता अलेक्सो रेगिनाल्डो लारेंको ने शुक्रवार को कहा कि पार्रिकर, जो राज्य के गृहमंत्री भी हैं, को नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए पद से इस्तीफा दे देना चाहिए।
उन्होंने कहा कि पुलिस स्कूल प्रशासन के खिलाफ कार्रवाई से कतरा रही है। बच्ची के माता पिता का आरोप है कि स्कूल के कर्मचारियों ने सबूत मिटाने का प्रयास किया।
कांग्रेस ने कहा कि राज्य सरकार अपराधी को गिरफ्तार करने के प्रति गंभीर नहीं दिख रही है और दोषी बाहर घूम रहा है। उन्होंने कहा कि इस मामले में लापरवाही बरतने वाले सभी लोगों को गिरफ्तार किया जाना चाहिए।
स्कूल प्रबंधन के एक अधिकारी ने पीड़ित बच्ची के पिता से कहा, 'आपकी बच्ची ने इतना कुछ नहीं सहा।' यह स्कूल मोर्मुगो पोर्ट ट्रस्ट द्वारा संचालित है।
एनडीटीवी से खास बातचीत में पीड़ित बच्ची के पिता ने कहा कि वह अधिकारी घटना के बाद अस्पताल में मुआवजा की बात करने आया था जब उसने यह बात कही। इस बात से गुस्साए बच्ची के पिता ने कहा कि पूरी जिंदगी के लिए बच्ची पर दाग लग गया है और स्कूल मैनेजमेंट का यह रवैया निंदनीय है।
जब एनडीटीवी ने स्कूल के चेयरमैन पी मारा पांडियन से संपर्क साधा, तब उनका कहना था कि उन्हें अपने अधिकारी के ऐसे वक्तव्य के बारे में जानकारी नहीं है। वह इस बारे में जांच कराएंगे।
वहीं, नाराज पिता ने घटना पर पर्दा डालने की कोशिश करने का स्कूल पर आरोप लगाया है। उनका कहना है कि स्कूल के शिक्षित अध्यापक ने खून से सने बच्ची के कपड़ों को साफ करने की कोशिश की।
इस पूरी घटना में स्कूल की प्रिंसिपल, जिसे फिलहाल निलंबित कर दिया गया है, उनका कहना था कि कोई बाहरी आदमी स्कूल में घुसकर ऐसी घटना को अंजाम कैसे दे सकता है। उनका कहना था कि ऐसी कोई सुराग भी नहीं है। यह सब प्रिंसिपल का कहना तब था, जब पीड़ित मात्र सात साल की है।
घटना के चार दिन बाद भी इस घटना के आरोपी को गिरफ्तार नहीं किया जा सका है। घटना के विरोध में शुक्रवार को वास्को में लोगों ने बंद रखा।
गोवा पुलिस ने इस घटना की जांच के लिए पंद्रह सदस्यीय टीम बनाई है। गोवा के डीआईजी ओपी मिश्रा का कहना है कि यह एक ब्लाइंड केस है। पुलिस अपनी पूरी कोशिश कर रही है ताकि आरोपी को पकड़ा जा सके।
पीड़ित बच्ची के पिता ने सीएम से अपील की है कि स्कूलों में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी की जाए और बलात्कार के आरोपी को सजा दिलवाएं।
वहीं, गोवा में कानून व्यवस्था बिगड़ने का आरोप लगाते हुए राज्य कांग्रेस ने वास्को के एक स्कूल में सात साल की बच्ची के साथ बलात्कार की घटना को लेकर मुख्यमंत्री मनोहर पार्रिकर के इस्तीफे की मांग की।
गोवा कांग्रेस प्रवक्ता अलेक्सो रेगिनाल्डो लारेंको ने शुक्रवार को कहा कि पार्रिकर, जो राज्य के गृहमंत्री भी हैं, को नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए पद से इस्तीफा दे देना चाहिए।
उन्होंने कहा कि पुलिस स्कूल प्रशासन के खिलाफ कार्रवाई से कतरा रही है। बच्ची के माता पिता का आरोप है कि स्कूल के कर्मचारियों ने सबूत मिटाने का प्रयास किया।
कांग्रेस ने कहा कि राज्य सरकार अपराधी को गिरफ्तार करने के प्रति गंभीर नहीं दिख रही है और दोषी बाहर घूम रहा है। उन्होंने कहा कि इस मामले में लापरवाही बरतने वाले सभी लोगों को गिरफ्तार किया जाना चाहिए।
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