योगेश्वर दत्त का फाइल फोटो
नई दिल्ली:
पहलवान योगेश्वर दत्त रियो ओलिंपिक से भले ही खाली हाथ लौट आए हों लेकिन अब उनको एक सांत्वना पुरस्कार मिलने जा रहा है. दरअसल 2012 लंदन ओलिंपिक के दौरान जो उन्होंने कांस्य पदक जीता था, वह अब अपग्रेड होकर सिल्वर हो गया है. इसकी औपचारिक घोषणा कर दी गई है. वास्तव में ये उनके लिए भी सुखद आश्चर्य से कम नहीं है. ऐसा इसलिए हुआ है क्योंकि जिस रूसी पहलवान ने उस दौरान सिल्वर मेडल हासिल किया था, उसका डोप टेस्ट पॉजिटिव निकला है. यानी वह डोपिंग की परीक्षा में फेल हो गया.
उल्लेखनीय है कि लंदन ओलिंपिक में 60 किग्रा फ्रीस्टाइल स्पर्द्धा में रूस के बेसिक कुदुखोव ने सिल्वर मेडल जीता था और योगेश्वर को कांस्य मिला था. लेकिन अब बेसिक का डोप टेस्ट पॉजिटिव पाए जाने के कारण वह तमगा कांस्य पदक विजेता रहे योगेश्वर को दिया गया.
उल्लेखनीय है कि कुदुखोव की 27 साल की उम्र में 2013 में रूस में कार दुर्घटना में मौत हो चुकी है. लेकिन इस महीने रियो ओलिंपिक से पहले अंतरराष्ट्रीय ओलिंपिक समिति (आईओसी) ने लंदन ओलिंपिक के दौरान एकत्र किए सैंपलों का फिर परीक्षण किया था.
यह एक स्टैंडर्ड अभ्यास के तहत किया जाता है और ऐसे सैंपलों को 10 साल तक संरक्षित रखा जाता है. इसका मकसद एडंवास टेस्ट परीक्षणों के द्वारा ऐसे सैंपलों का परीक्षण करना होता है ताकि कोई गलत तरीके से यदि सफल हुआ है तो उस गलती को सुधारा जा सके. उसी के तहत कुदुखोव के सैंपल का अब फिर परीक्षण हुआ और उनका डोप पॉजिटिव पाए जाने के कारण उनका सिल्वर, अब योगेश्वर दत्त को मिल गया.
अब पदक अपग्रेड की घोषणा के बाद योगेश्वर भी लंदन में सिल्वर मेडल धारी माने जाएंगे. इस तरह लंदन ओलिंपिक में सिल्वर जीतने वाले अन्य भारतीय प्लेयरों पहलवान सुशील कुमार और शूटर विजय कुमार की श्रेणी में शुमार हो गए.
इसके साथ ही ओलिंपिक में सिल्वर मेडल हासिल करने वाले दूसरे भारतीय पहलवान बन गए हैं. इसी श्रेणी के 66 किग्रा भार वर्ग में सिल्वर मेडल हासिल करने वाले पहले पहलवान सुशील कुमार हैं.
उल्लेखनीय है कि लंदन ओलिंपिक में 60 किग्रा फ्रीस्टाइल स्पर्द्धा में रूस के बेसिक कुदुखोव ने सिल्वर मेडल जीता था और योगेश्वर को कांस्य मिला था. लेकिन अब बेसिक का डोप टेस्ट पॉजिटिव पाए जाने के कारण वह तमगा कांस्य पदक विजेता रहे योगेश्वर को दिया गया.
उल्लेखनीय है कि कुदुखोव की 27 साल की उम्र में 2013 में रूस में कार दुर्घटना में मौत हो चुकी है. लेकिन इस महीने रियो ओलिंपिक से पहले अंतरराष्ट्रीय ओलिंपिक समिति (आईओसी) ने लंदन ओलिंपिक के दौरान एकत्र किए सैंपलों का फिर परीक्षण किया था.
यह एक स्टैंडर्ड अभ्यास के तहत किया जाता है और ऐसे सैंपलों को 10 साल तक संरक्षित रखा जाता है. इसका मकसद एडंवास टेस्ट परीक्षणों के द्वारा ऐसे सैंपलों का परीक्षण करना होता है ताकि कोई गलत तरीके से यदि सफल हुआ है तो उस गलती को सुधारा जा सके. उसी के तहत कुदुखोव के सैंपल का अब फिर परीक्षण हुआ और उनका डोप पॉजिटिव पाए जाने के कारण उनका सिल्वर, अब योगेश्वर दत्त को मिल गया.
अब पदक अपग्रेड की घोषणा के बाद योगेश्वर भी लंदन में सिल्वर मेडल धारी माने जाएंगे. इस तरह लंदन ओलिंपिक में सिल्वर जीतने वाले अन्य भारतीय प्लेयरों पहलवान सुशील कुमार और शूटर विजय कुमार की श्रेणी में शुमार हो गए.
इसके साथ ही ओलिंपिक में सिल्वर मेडल हासिल करने वाले दूसरे भारतीय पहलवान बन गए हैं. इसी श्रेणी के 66 किग्रा भार वर्ग में सिल्वर मेडल हासिल करने वाले पहले पहलवान सुशील कुमार हैं.
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