सरकार ने पूंजी संकट से जूझ रहे निजी क्षेत्र के येस बैंक की पुनर्गठन (रि-कंस्ट्रक्शन) योजना को अधिसूचित कर दिया है और कहा कि बैंक खातों से निकासी पर लगी रोक को "अगले दिन कार्य दिवस (वर्किंग डे)" में हटा लिया जाएगा. ग्राहकों के लिए 50,000 रुपये तक निकासी सीमा तय की गई. यह रोक तीन अप्रैल तक के लिए लगाई गई है. भारतीय रिजर्व बैंक ने इस महीने की शुरुआत में येस बैंक के निदेशक मंडल की जगह पर प्रशासक की नियुक्ति की थी. साथ ही बैंक खाते से 50,000 रुपये तक की निकासी की सीमा तय करने के साथ अन्य प्रतिबंध लगाए गए थे. आरबीआई के इस फैसले से जमाकर्ताओं को अपनी पूंजी को निकालने में काफी मशक्कत का सामना करना पड़ रहा है.
सरकार ने शुक्रवार को अधिसूचना में कहा, "इस पुनर्गठन योजना के लागू होने की तारीख से तीन दिन के भीतर येस बैंक पर लगी रोक को हटा लिया जाएगा." बता दें कि येस बैंक के ग्राहकों को इंटरनेट बैंकिंग, यूपीआई पेमेंट और एटीएम से नकदी निकालने में भी दिक्कत हो रही है. इसी तरह, चालू खाता धारकों ने भी कई प्रकार की समस्याओं की सूचना दी है. शुक्रवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने येस बैंक के लिए केंद्रीय बैंक द्वारा प्रस्तावित पुनर्गठन योजना को मंजूरी दे दी है.
मंत्रिमंडल की बैठक के बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, "केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारतीय रिजर्व बैंक की ओर से प्रस्तावित पुनर्गठन योजना को मंजूरी दे दी है. भारतीय स्टेट बैंक (SBI) येस बैंक में 49 प्रतिशत इक्विटी हिस्सेदारी खरीदेगा और अन्य निवेशकों को भी आमंत्रित किया जाएगा. इस अधिसूचना के सात दिन के भीतर निदेशक मंडल का गठन कर लिया जाएगा.
संकट में फंसे येस बैंक के लिए आरबीआई की ओर से प्रस्तावित योजना के मुताबिक, एसबीआई येस बैंक में 49 प्रतिशत हिस्सेदारी का अधिग्रहण करेगा और कम से कम से तीन तक उसे येस बैंक में अपनी 26 फीसदी हिस्सेदारी बरकरार रखनी होगी.