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यासीन मलिक का क्या है कश्मीरी पंडित सरला भट्ट की हत्या से कनेक्शन, क्यों पड़ी थी जांच एजेंसी की रेड, पढ़ें सबकुछ

साल 1990 का था जब कश्मीर हिंदू महिला जो नर्स भी थी, की गैंगरेप के बाद हत्या ने पूरी घाटी को हिलाकर रख दिया था. अनंतनाग की 27 वर्षीय कश्मीरी पंडित सरला भट्ट का पहले आतंकियों ने अपहरण किया था.

यासीन मलिक का क्या है कश्मीरी पंडित सरला भट्ट की हत्या से कनेक्शन, क्यों पड़ी थी जांच एजेंसी की रेड, पढ़ें सबकुछ
यासीन मलिक के ठिकानों पर पड़ी थी रेड
  • यासीन मलिक का नाम कश्मीरी पंडित महिला सरला भट्ट के अपहरण और हत्या मामले से जुड़ा हुआ है
  • सरला भट्ट 1990 में आतंकियों द्वारा अपहृत होकर गैंगरेप के बाद गोली मारकर सड़क किनारे फेंकी गई थीं
  • सरला नर्स थीं और आतंकियों की धमकियों के बावजूद नौकरी छोड़ने से इनकार कर काम करती रहीं
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नई दिल्ली:

भारतीय अधिकारियों के कहने पर पाकिस्तानी आतंकियों से मुलाकात करने और (पूर्व) प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के धन्यवाद देने का दावा करके खलबली मचाने वाले जम्मू-कश्मीर के अलगाववादी नेता यासीन मलिक इन दिनों चर्चाओं में हैं. उनसे जुड़ा 35 साल पुराना एक और मामला अब सामने आया है. ये मामला कश्मीरी पंडित महिला सरला भट्टे के अपहरण और बाद में उनकी हत्या से भी जुड़ा है. इस मामले को लेकर स्पेशल इंवेस्टिगेशन एजेंसी (SIA) ने पिछले महीने ही यासीन मलिक के कई ठिकानों पर छापेमारी भी की थी. जांच एजेंसी से जुड़े सूत्रों के अनुसार इस हत्याकांड के तार यासीन मलिक से भी जुड़े हो सकते हैं, इसके कई सूबत जांच एजेंसियों को मिले हैं. उन सबूतों की जांच को लेकर ही ये छापेमारी की गई थी. 

कश्मीरी पंडित सरला भट्ट की कैसी हुई थी हत्या

साल 1990 का था जब कश्मीर हिंदू महिला जो नर्स भी थी, की गैंगरेप के बाद हत्या ने पूरी घाटी को हिलाकर रख दिया था. अनंतनाग की 27 वर्षीय कश्मीरी पंडित सरला भट्ट का पहले आतंकियों ने अपहरण किया था. अपहरण करने के अगले दिन ही उनकी लाश मिली थी. आतंकियों ने सरला की लाश को गोलियों से छलनी करके सड़क के किनारे फेंक दिया था. रिपोर्ट के मुताबिक आतंकियों ने सरला के साथ गैंगरेप भी किया था. 

सरला ने आतंकियों के सामने झुकने से किया था इनकार 

सरला भट्ट शेरे कश्मीर आयुर्विज्ञान सौरा श्रीनगर में नर्स थीं. वह दक्षिण कश्मीर जिले के अनंतनाग में रहती थीं. आतंकी उनको काफी समय से नौकरी छोड़ने की धमकी दे रहे थे. लेकिन वो अपना काम छोड़ने को तैयार नहीं थीं. उन्होंने इन धमकियों को दरकिनार कर दिया और दिलेरी के साथ अपना काम करती रहीं. अप्रैल 1990 में जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट के आतंकियों ने उनका अपहरण कर लिया. 

यासीन मलिक के ठिकानों पर रेड

इस मामले में पिछले महीने ही श्रीनगर के मैसूमा इलाके में यासीन मलिक के आवास पर जांच एजेंसियों ने रेड मारी थी. इस मामले में कई और आतंकियों के ठिकानों पर भी रेड मारी गई थी. यह मालमा शुरू में निगीन पुलिस स्टेशन में दर्ज किया गया था. बाद में इसे एसआईए को ट्रांसफर कर दिया गया.

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