भारतीय कुश्ती महासंघ के चुनाव का ऐलान, 6 जुलाई को चुना जाएगा नया अध्यक्ष

भारतीय कुश्ती महासंघ के चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि 23 जून होगी. वहीं, नामांकन का प्रदर्शन 27 जून को किया जाएगा.

भारतीय कुश्ती महासंघ के चुनाव का ऐलान, 6 जुलाई को चुना जाएगा नया अध्यक्ष

बृज भूषण शरण सिंह 2019 में तीसरी बार WFI के अध्यक्ष बन चुके हैं.

नई दिल्ली:

बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ पहलवानों के आंदोलन के बीच भारतीय कुश्ती महासंघ के चुनाव की तारीख का ऐलान हो गया है. 6 जुलाई को कुश्ती संघ का चुनाव होगा. चुनावी प्रक्रिया के तहत निर्वाचक मंडल के लिए नाम देने के लिए आखिरी तारीख 19 जून तय की गई है. इसके बाद 22 जून को तैयारी कर सूची जारी की जाएगी. बता दें कि बृज भूषण शरण सिंह 2019 में तीसरी बार WFI के अध्यक्ष बन चुके हैं.

भारतीय कुश्ती महासंघ की ओर से जारी प्रेस रिलीज के मुताबिक, चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि 23 जून होगी. वहीं, नामांकन का प्रदर्शन 27 जून को किया जाएगा. इसके बाद 28 जून को नामांकन पत्रों की जांच की जाएगी. इस दिन ही लिस्ट भी जारी कर दी जाएगी. 28 जून से लेकर 1 जुलाई तक नामांकन वापस लिए जा सकेंगे. इसके बाद 6 जुलाई को चुनाव होगा. 

बीते 1 जून को इंटरनेशनल ओलंपिक कमेटी (IOA) के अधिकारियों ने भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के अधिकारियों के साथ महत्वपूर्ण बैठक की थी. इस बैठक में चुनाव कराने को लेकर चर्चा हुई थी. जम्मू-कश्मीर उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश महेश मित्तल कुमार भारतीय कुश्ती महासंघ के चुनावों के लिए निर्वाचन अधिकारी नियुक्त किया गया था.

WFI का मैनेजमेंट
WFI के संविधान के अनुसार, यहां एक अध्यक्ष (President) होता है, एक वरिष्ठ उपाध्यक्ष होता, चार उपाध्यक्ष होते हैं, एक महा सचिव होता है, एक कोषाध्यक्ष और एक संयुक्त सचिव होता है.

कैसे होता है चुनाव?
इस चुनाव में वो सदस्य वोट करते हैं जो अलग-अलग राज्यों में WFI के एफिलिएटेड एसोसिएशन से हैं. जैसे बिहार रेसलिंग एसोसिएशन, कर्नाटक रेसलिंग एसोसिएशन, आदी. इनके दो सदस्य वोटिंग प्रक्रिया का हिस्सा बनते हैं. इसके अलावा भी कुछ अन्य सदस्य होते हैं.

एक बार इनकी लिस्ट बन जाए फिर नॉमिनेशन की प्रक्रिया होती है. जांच के बाद नॉमिनेशन वापस लेने का मौका भी दिया जाता है. इसके बाद अगर एक पद पर एक से ज्यादा दावेदार होते हैं तो वोटिंग प्रक्रिया की ओर बढ़ा जाता है, अगर एक से ज्यादा दावेदार नहीं है तो निर्विरोध उसी एक व्यक्ति पर जीत की मुहर लगा दी जाती है. चुनाव बैलेट पेपर द्वारा ही कराया जाता है.

कब से चल रहा पहलवानों का धरना?
18 जनवरी को जंतर-मंतर पर विनेश फोगाट, साक्षी मलिक के साथ बजरंग पूनिया ने धरना शुरू किया. आरोप लगाया कि WFI के अध्यक्ष बृजभूषण सिंह ने महिला पहलवानों का यौन शोषण किया. 21 जनवरी को विवाद बढ़ने के बाद केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने पहलवानों से मुलाकात कर कमेटी बनाई, लेकिन कमेटी की रिपोर्ट आज तक सार्वजनिक नहीं हुई. 

इसके बाद 23 अप्रैल को पहलवान फिर जंतर-मंतर पर धरने पर बैठ गए. उन्होंने कहा कि जब तक बृजभूषण की गिरफ्तारी नहीं होती, धरना जारी रहेगा. 28 अप्रैल को पहलवानों की याचिका की सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर दिल्ली पुलिस ने बृजभूषण पर छेड़छाड़ और पॉक्सो एक्ट में 2 एफआईआर दर्ज की. हालांकि, अब नाबालिग पहलवान अपने बयान से पलट गई है. ऐसे में संभव है कि बृजभूषण के खिलाफ पॉक्सो एक्ट हटा लिया जाए.

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