मामले को संज्ञान में लेते हुए डीएम ने स्कूल पहुंचकर महिला का बनाया खाना खाया
गोपालगंज:
बिहार के गोपालगंज जिले में स्थित कल्याणपुर गांव में रहने वाली एक विधवा का स्कूल में मिड-डे मील बनाना गांव के कुछ लोगों को अपशगुन लगा और उन्होंने उस महिला के हाथों से बना खाना अपने बच्चों को खिलाने से इनकार कर दिया। गांव के कुछ लोगों ने कड़ा विरोध करते हुए बीते बुधवार को उस सरकारी मध्य विद्यालय में जबरन तालाबंदी कर दी थी।
पीड़ित दो बच्चों की विधवा मां सुनिता कुंवर छह अन्य स्कूली महिला रसोइयों के साथ इस मामले में कार्रवाई किए जाने को लेकर गोपालगंज के जिलाधिकारी राहुल कुमार से गुरुवार को मुलाकात की थी। इस मामले को संज्ञान में लेते हुए ज़िलाधिकारी ने खुद स्कूल पहुंचकर उस महिला के हाथों से बना खाना खाया और बच्चों को भी खिलाया। डीएम के हस्तक्षेप से ग्रामीणों ने अपना विरोध वापस लिया और स्कूल में लगाया गया ताला खोल दिया।
डीएम राहुल कुमार ने बताया कि उन्होंने जिला शिक्षा पदाधिकारी के साथ उस स्कूल का भ्रमण किया और महिला रसोईया द्वारा बनाए गए भोजन का सेवन किया। डीएम ने बताया कि उन्होंने अधिकारियों से उस महिला के स्कूल में खाना बनाने पर ग्रामीणों द्वारा लगाई गई पाबंदी के कारणों के बारे में पता लगाने का भी निर्देश दिया है।
गौरतलब है कि सरकारी स्कूल में मिड-डे मील बनाने के लिए रसोइयों को हर माह मानदेय के तौर पर एक हजार रुपये दिए जाते हैं। कल्याणपुर सरकारी मध्य विद्यालय जहां सुनिता बच्चों के लिए मध्याहन भोजन बनाती है, वहां कक्षा एक से आठ तक में कुल 734 बच्चे हैं।
पीड़ित दो बच्चों की विधवा मां सुनिता कुंवर छह अन्य स्कूली महिला रसोइयों के साथ इस मामले में कार्रवाई किए जाने को लेकर गोपालगंज के जिलाधिकारी राहुल कुमार से गुरुवार को मुलाकात की थी। इस मामले को संज्ञान में लेते हुए ज़िलाधिकारी ने खुद स्कूल पहुंचकर उस महिला के हाथों से बना खाना खाया और बच्चों को भी खिलाया। डीएम के हस्तक्षेप से ग्रामीणों ने अपना विरोध वापस लिया और स्कूल में लगाया गया ताला खोल दिया।
डीएम राहुल कुमार ने बताया कि उन्होंने जिला शिक्षा पदाधिकारी के साथ उस स्कूल का भ्रमण किया और महिला रसोईया द्वारा बनाए गए भोजन का सेवन किया। डीएम ने बताया कि उन्होंने अधिकारियों से उस महिला के स्कूल में खाना बनाने पर ग्रामीणों द्वारा लगाई गई पाबंदी के कारणों के बारे में पता लगाने का भी निर्देश दिया है।
गौरतलब है कि सरकारी स्कूल में मिड-डे मील बनाने के लिए रसोइयों को हर माह मानदेय के तौर पर एक हजार रुपये दिए जाते हैं। कल्याणपुर सरकारी मध्य विद्यालय जहां सुनिता बच्चों के लिए मध्याहन भोजन बनाती है, वहां कक्षा एक से आठ तक में कुल 734 बच्चे हैं।
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