Communal Violence : देश में हिजाब, मीट, मस्जिदों में अजान को लेकर जारी विवाद के बीच विपक्षी दलों ने केंद्र सरकार पर जोरदार हमला बोला है. 13 विपक्षी दलों ने साझा बयान (13 Opposition Parties Joint statement) के जरिये सत्तारूढ़ दल पर निशाना साधते हुए कहा है कि खान-पान और धार्मिक आस्था का इस्तेमाल ध्रुवीकरण के लिए किया जा रहा है. कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी (Congress President Sonia Gandhi), टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) और एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार (Sharad Pawar) ने भी इस बयान पर हस्ताक्षर किया है. इसके जरिये हाल ही के दिनों में हुई सांप्रदायिक हिंसा की कड़े शब्दों में निंदा की गई है. इस बयान में समाज के सभी वर्गों से शांति बनाए रखने की अपील की गई है और धार्मिक आधार पर ध्रुवीकरण (polarisation)की कोशिश कर रहे लोगों के घृणित उद्देश्यों को नाकाम करने का आह्वान किया गया है. इस बयान में कहा, समाज में घृणा फैलाने और हिंसा भड़काने के मामले में पीएम मोदी (PM Modi) की खामोशी हैरान करने वाली है.
कांग्रेस ने प्रशांत किशोर से पार्टी में शामिल होने का दिया ऑफर, मिशन 2024 पर हुआ मंथन
इन दलों ने एक साझा बयान जारी कर देश के कई इलाकों में सांप्रदायिक हिंसा और हेट स्पीच को लेकर गहरा खेद जताया है. तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन और झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन ने भी इस संयुक्त बयान पर हस्ताक्षर किए हैं. इसमें कहा गया है कि जिस तरह से खान-पान, पोशाक (हिजाब), धार्मिक आस्था, त्योहार और भाषा का इस्तेमाल सत्तारूढ़ वर्ग द्वारा समाज में ध्रुवीकरण को बढ़ावा देने के लिए किया जा रहा है, वो चिंताजनक है. विपक्षी दलों ने कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र की चुप्पी चिंताजनक है, जो ऐसे नफरती माहौल को बढ़ावा देने वालों के खिलाफ एक भी शब्द बोलने में नाकाम रहे हैं. उनके बयान या कामों में ऐसा कुछ नहीं दिखाई दे रहा है, जिसमें ऐसे हिंसा फैलाने वाले लोगों या संगठनों की निंदा की गई हो. यह खामोशी गवाह है कि ऐसे निजी सशस्त्र संगठनों को सत्ता का संरक्षण प्राप्त है.
इन दलों ने सामाजिक सौहार्द्र के लिए सामूहिक तौर पर काम करने का संकल्प दोहराया. विपक्षी नेताओं ने कहा, " हम ऐसी नफरती विचारधारा का सामना करने और लड़ने के लिए एकजुट हैं, ये सोच समाज में खाई पैदा करने की कोशिश कर रही है." गौरतलब है कि रामनवमी के दिन देश में मध्य प्रदेश, गुजरात और राजस्थान जैसे कई राज्यों में हिंसा देखने को मिली थी. मध्य प्रदेश के खरगोन जिले और गुजरात के खंभात में हिंसा के बाद सैकड़ों आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है, लेकिन इनमें बिना उचित कार्यवाही के तमाम आरोपियों के घर बुलडोजर से गिरा देने की भी आलोचना हो रही है.
वहीं महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश में मस्जिदों में लाउडस्पीकर का मुद्दा गरमाया हुआ है. बीजेपी, मनसे जैसे दल मस्जिदों में लाउडस्पीकर का विरोध कर रहे हैं और विरोध में लाउडस्पीकर पर हनुमान चालीसा का पाठ पढ़ रहे हैं. अलीगढ़, वाराणसी जैसे कुछ जिलों में जगह-जगह लाउडस्पीकर लगाए जाने की कोशिश हो रही है. वहीं यूपी समेत पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के दौरान देश में हिजाब का मुद्दा छाया रहा, जिसकी शुरुआत कर्नाटक से हुई थी. कर्नाटक के स्कूलों में लड़कियों के लिए हिजाब पहनकर आने पर रोक लगा दी गई, कोर्ट ने इस आदेश को सही माना था, हालांकि हिजाब पर सांप्रदायिक उन्माद और घृणा का माहौल पैदा करने की कोशिश भी हुई.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं