"मुझसे मिलना है तो आधार कार्ड लेकर आएं.." मंडी (Mandi) लोकसभा क्षेत्र की सांसद कंगना रनौत (Kangana Ranaut) के इस बयान पर हिमाचल प्रदेश में बवाल मच गया है. कांग्रेस ने इस पर सवाल उठाए हैं. कांग्रेस ने कहा है कि किसी चुने हुए प्रतिनिधि का अपने क्षेत्र की जनता के साथ ऐसा व्यवहार ठीक नहीं है.
हिमाचल प्रदेश के मंडी की बीजेपी सांसद और अभिनेत्री कंगना रनौत ने मंडी में एक बयान दिया कि अगर मंडी संसदीय क्षेत्र की जनता को मुझसे मिलना है तो आधार कार्ड लेकर आए तो अच्छा होगा, क्योंकि उससे पता चलेगा कि मंडी संसदीय क्षेत्र से है या फिर कोई टूरिस्ट तो नहीं है.
कंगना रनौत ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि, ''हमारा यही लक्ष्य है कि जनता आकर हमसे जुड़े, न कि सिर्फ काम करवाने के उद्देश्य से आए. जो जनसेवा की इच्छा रखते हैं, राजनीति में उत्सुकता रखते हैं, वे यहां आकर जुड़ें. मैं आते-जाते अक्सर आपको मिलूंगी. कोई भी चर्चा करनी हो तो आप बेझिझक यहां आएं.''
आधार कार्ड के साथ चिट्ठी जरूरी
कंगना रनौत ने मंडी के अपने दफ्तर का पता बताया. उन्होंने कहा कि, ''हिमाचल में बहुत ज्यादा पर्यटक आते हैं, इसलिए आपका मंडी क्षेत्र का आधार कार्ड होना जरूरी है. और साथ में जो संसदीय क्षेत्र से जुड़ा आपका काम है, वह भी चिट्ठी पर लिखा हुआ होना चाहिए.'' उन्होंने कहा कि, ''टूरिस्ट इतने ज्यादा आते हैं कि आम लोगों को असुविधा हो जाती है.''
उन्होंने कहा कि, ''आप मिलकर चर्चा करते हैं तो अच्छा होता है. व्यक्तिगत रूप से आकर मिलें. आपको लगता है कि कोई विषय संसद में उठना चाहिए, तो मैं आपकी आवाज हूं.''
कांग्रेस ने कंगना रनौत के इस बयान पर सवाल उठाए हैं. मंडी लोकसभा सीट पर कांग्रेस के प्रत्याशी रहे और वर्तमान में हिमाचल सरकार के लोकनिर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि, ''किसी जनप्रतिनिधि का अपने संसदीय क्षेत्र की जनता से यह कहना कि मुझसे मिलने आना हो तो आधार कार्ड लेकर आएं, अच्छा व्यवहार नहीं है. अपने प्रदेश का हो या कोई पर्यटक हो, जनप्रतिनिधि को सभी से मिलना चाहिए.''
विक्रमादित्य सिंह ने अपने फेसबुक पेज पर कंगना पर तंज कसते हुए लिखा है कि ''मुझसे मिलना है तो आधार कार्ड की आवश्यकता नहीं है.''
टूरिस्ट परेशानी में जनप्रतिनिधि से ही संपर्क करेगा
सिंह ने कहा कि, ''हम जनप्रतिनिधि हैं. इस नाते हमारा यह दायित्व बनता है कि हम प्रदेश के हर वर्ग के लोगों से मिलें. चाहे छोटा कार्य है, बड़ा कार्य है या पॉलिसी मैटर है..चाहे व्यक्तिगत काम है.. और इसके लिए किसी आइडेंटिटी की आवश्यकता नहीं होती. कोई व्यक्ति किसी जनप्रतिनिधि के पास आ रहा है तो किसी काम के लिए आ रहा है.''
उन्होंने कहा कि, ''यदि कोई टूरिस्ट आया है और किसी परेशानी में पड़ा है तो वह हिमाचल के प्रशासन और प्रतिनिधियों से ही संपर्क करेगा. हमको सबसे मिलना है चाहे कोई हिमाचल के बाहर से आ रहा हो, हमको अपने दरवाजे सबके लिए खुले रखना चाहिए. प्रदेश के लोग तो प्राथमिकता में हैं ही.''
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