चीन के 'दुश्मन' फिलीपींस ने आखिर क्यों खरीदी भारत की सुपर मिसाइल ब्रह्मोस

अब जब भारत ने ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल को फिलीपींस को बेचा है तो इसकी फायरिंग रेंज से चीनी युद्धपोत बच नहीं पाएंगे, क्योंकि फिलीपींस चीन से सटा और चीन का सताया हुआ देश भी है.

चीन के 'दुश्मन' फिलीपींस ने आखिर क्यों खरीदी भारत की सुपर मिसाइल ब्रह्मोस

एक तरफ चीनी हथियारों से देशों का भरोसा उठ रहा है तो वहीं दूसरी तरफ भारतीय हथियारों का लोहा दुनिया भी मान रही है. अभी फिलीपींस ने भारत की सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस (BRAHMOS Supersonic Cruise Missile) को खरीदी है. इसकी विश्वसनीयता इतनी है कि फिलीपींस अपनी तरफ बढ़ते चीनी युद्धपोतों को मार गिराने में सक्षम हो सकता है. ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल को भारत और रूस ने मिलकर बनाया है. इसे जमीन,पुनडुब्बी, युद्धपोत या लड़ाकू विमान कहीं से भी छोड़ा जा सकता है. स्पीड की बात करें तो ध्वनि की रफ्तार से भी ढाई गुना से ज्यादा तेज,जो रडार की पकड़ में भी आसानी से नहीं आती, निशाना इसका चूकता नहीं. इसको मार गिरना लगभग असंभव है.

अब जब भारत ने ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल को फिलीपींस को बेचा है तो इसकी फायरिंग रेंज से चीनी युद्धपोत बच नहीं पाएंगे, क्योंकि फिलीपींस चीन से सटा और चीन का सताया हुआ देश भी है. फिलीपींस का चीन के साथ विवाद चरम पर है. साउथ चाइना सी में फिलीपींस की कई बार भिड़ंत हो चुकी है.रक्षा निर्यात के क्षेत्र में ये बड़ी कामयाबी है, दरअसल, पहली बार भारत ने ब्रह्मोस मिसाइल एक्सपोर्ट की है. 

भारत हाई तकनीक और हाई क्वालिटी मिलिट्री हार्डवेयर बना रहा है इसलिए आने वाले समय में भारत की हथियार निर्यात करने की डील बढ़ेंगी. फिलीपींस के साथ-साथ इंडोनेशिया और वियतनाम जैसे देशों ने भी ब्रह्मोस खरीदने में दिलचस्पी ली है. इससे ये भी जाहिर होता है कि दुनिया को भारत के हथियारों और मिसाइलों पर चीन से ज्यादा भरोसा है. 

ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज़ मिसाइल रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) और रूसी संघ के एनपीओ मशीनोस्ट्रोयेनिया का एक संयुक्त उद्यम है. यह दुनिया के सबसे सफल मिसाइल कार्यक्रमों में से एक माना जाता है. इसे वैश्विक स्तर पर सबसे अग्रणी और सबसे तेज व सटीक हथियार के रूप में मान्यता हासिल है. ब्रह्मोस ने भारत की रक्षा क्षमताओं को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. भारतीय सेना ने 2007 से कई ब्रह्मोस रेजिमेंटों को अपने आर्सेनल से जोड़ा था.

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ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल में दो स्टेज वाला ठोस प्रोपेलेंट बूस्टर इंजन लगा है, जो इसे सुपरसोनिक गति तक ले जाता है. दूसरी स्टेज में तरल रैमजेट इंजन है जो इसे क्रूज़ फेज में मैक 3 (ध्वनि की गति से 3 गुना) गति के करीब ले जाता है.