विज्ञापन
Story ProgressBack
This Article is From Dec 05, 2023

पारंपरिक खिलौनों और लोरियों के ज़रिए क्यों ज़रूरी छोटे बच्चों की पढ़ाई? महिला और बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने बताया

केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी (Smriti Irani On Amritkaal Ki Anganwadi) ने कहा कि नेशनल एजुकेशन पॉलिसी का अर्ली चाइल्डहुड लर्निंग का अनुभव सरकार बच्चों को देती है. इसका मतलब यह नहीं कि किताबों का ढेर लगा दिया जाए.

Read Time: 3 mins

बच्चों की शिक्षा पर केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी

नई दिल्ली:

केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी (Smriti Irani On Child Education) ने देश के आंगनवाड़ी केंद्रों में छोटे बच्चों को किस तरह से शिक्षा दी जाए, जिससे वह बिना किताबों के बोझ के खेल के जरिए पढ़ाई कर सकें, इस बारे में बात की. एनडीटीवी के अमृतकाल की आंगनवाड़ी कार्यक्रम में महिला और बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने बताया कि देश में पारंपरिक खिलौनों के जरिए छोटे बच्चों की पढ़ाई क्यों जरूरी है. 

ये भी पढ़ें-"तकनीक और भारतीय परंपरा, कैसे दोनों की मदद से बच्चों को संवार रहे आंगनवाड़ी केंद्र..." : स्मृति ईरानी

 फन को बच्चे के जीवन का हिस्सा बनाने पर जोर-स्मृति ईरानी

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि 2014 में जब नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बने तो सरकार को 30 साल के अंतराल के बाद नई शिक्षा नीति का ड्राफ्ट तैयार शुरू किया था. पीएम मोदी ने तब कहा कि आखिर क्यों बच्चे के पहले 6 सालों को तबज्जो नहीं दी जाती है. जब बच्चा स्कूल में जाता है, तब सब इस तरफ ध्यान लगाते हैं कि अब बच्चे को पढ़ाई कैसे करवानी है. पीएम ने कहा कि क्या हम अब लर्निंग थ्रू एक्टिविटी और फन को बच्चे के जीवन का हिस्सा बना सकते हैं.

किताबों के ढेर के बजाय खिलौनों के जरिए पढ़ाई को बढ़ावा-स्मृति ईरानी

केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के मुताबिक, " लगभग 11 करोड़ 30 साल बच्चों में से 8 करोड़ बच्चे आंगनबाड़ी की परधि में बढ़कर शैक्षिक संस्थान में जाते हैं.नेशनल एजुकेशन पॉलिसी का अर्ली चाइल्डहुड लर्निंग का अनुभव सरकार इन बच्चों को देती है. इसका मतलब यह नहीं कि किताबों का ढेर लगा दिया जाए. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि राज्यों के साथ कोलैबोरेट करके खिलौनों के माध्यम से, ऑडियो-वीडियो के माध्यम से और गीत-संगीत के माध्यम से इस पढ़ाई को बढ़ावा दिया जाता है. 

'परंपरा-संस्कृति के जरिए बच्चों की पढ़ाई पर जोर'

केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि इसका मतलब यह बिल्कुल भी नहीं है कि भारत सरकार ने कह दिया तो यही खिलौना आपको बच्चों के लिए लेना है. सरकार ने हर राज्य से कहा है कि बच्चे को पालने-पोषने में वहां की जो सांस्कृतिक धोरहर है, उसको हमारे साथ बांटा जाए, यह सबसे अच्छी प्रैक्टिस देश के साथ बांटी गई .अब हर राज्य अपने कल्चर को देखते हुए बच्चों को पोषण भी दे रहा है और पढ़ाई भी करवा रहा है. 

ये भी पढ़ें-Adani Green ने दुनिया का सबसे बड़ा रिन्युएबल एनर्जी पार्क बनाने के लिए जुटाई 1.36 बिलियन डॉलर की फंडिंग

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
डार्क मोड/लाइट मोड पर जाएं
Our Offerings: NDTV
  • मध्य प्रदेश
  • राजस्थान
  • इंडिया
  • मराठी
  • 24X7
Choose Your Destination
Previous Article
फ्रिज छूते ही करंट लगने से छटपटाने लगी बेटी तो बचाने पहुंची मां को भी लगा झटका, दोनों की हुई मौत
पारंपरिक खिलौनों और लोरियों के ज़रिए क्यों ज़रूरी छोटे बच्चों की पढ़ाई? महिला और बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने बताया
"जबरन शारीरिक संबंध... कई बार हुई प्रेग्नेंट": बिहार की बेटियों की ये कहानी आपके रोंगटे खड़े कर देगी
Next Article
"जबरन शारीरिक संबंध... कई बार हुई प्रेग्नेंट": बिहार की बेटियों की ये कहानी आपके रोंगटे खड़े कर देगी
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com
;