केन्द्र सरकार ने दिल्ली में सरकार के गठन को लेकर आम आदमी पार्टी पर दबाव बनाने की कोशिश की है। गृह मंत्रालय ने दिल्ली के उप-राज्यपाल से कहा है कि वह आम आदमी पार्टी से पूछे कि उसे सरकार बनाने के लिए कितना वक़्त चाहिए।
गृह मंत्रालय का कहना है कि समयसीमा का पता लगने पर ही सरकार राष्ट्रपति शासन के बारे में कोई फैसला ले सकती है। दरअसल, दिल्ली में आम आदमी पार्टी सरकार बनाएगी या राष्ट्रपति शासन लगेगा इस पर अब भी सस्पेंस बना हुआ है। आम आदमी पार्टी ने सरकार बनाने के लिए रविवार तक जनता से राय मांगी है, जिस पर सोमवार तक फैसला लिया जाएगा।
गौरतलब है कि दिल्ली में चुनाव हो गए, लेकिन सरकार नहीं बनी। अब सरकार बनाने के बड़े सवाल पर आम आदमी पार्टी लोगों से उनकी राय ले रही है। सियासत के इस नए तरीके पर कुछ लोग भले ही सवाल उठाएं, लेकिन जवाब धड़ाधड़ आ रहे हैं। मंगलवार से लेकर अब तक 10 लाख लोग अपनी राय दे चुके हैं।
आम आदमी पार्टी अब अपने तरीके का चुनाव करवा रही है। अपने 25 लाख समर्थकों से उसने पूछा था कि क्या उसे अल्पमत की सरकार बनाना चाहिए? करीब 10 लाख जवाब आ चुके हैं तो पार्टी दिल्ली में राज्य सरकार बनाएगी या नहीं, यह फैसला सोमवार को ही होगा। इस बीच जानकार जनता की सलाह लेने के इस तरीके पर भी सवाल उठा रहे हैं।
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