महाराष्ट्र में तेज़ी से बदलते राजनीतिक घटनक्राम में आज सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया है कि कल यानी 27 नवंबर को विधानसभा में बहुमत का परीक्षण किया जाएगा. इसके साथ ही अदालत ने कहा है कि कल शाम 5 बजे तक सभी विधायक शपथ ले लें. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि फ्लोर टेस्ट का लाइव टेलीकॉस्ट किया जाए. लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है कि NCP की तरफ़ से व्हिप करने का अधिकार किसे है, जयंत पाटिल को या फिर अजित पवार को. NCP की मानें तो ये अधिकार जयंत पाटिल के पास है क्योंकि विधानसभा में विधायकों और उनके नेता की जो चिट्ठी जमा की गई है उसमें जयंत पाटिल का नाम है जबकि बीजेपी का दावा है कि NCP विधायक दल के नेता के तौर पर अजित पाटिल की नियुक्ति वैध है जबकि जयंत पाटिल की अवैध. आपको बता दें कि व्हिप जारी करने वाले नेता के पास व्हिप ना मानने वाले विधायकों के ख़िलाफ़ कार्रवाई की अनुशंसा का अधिकार होगा. विशेषज्ञों की मानें तो इस मामले में जयंत पाटिल का पलड़ा भारी दिख रहा है.
वहीं महाराष्ट्र विधानसभा के सचिव राजेंद्र भागवत ने कहा है कि विधानभवन सचिववालय को एक चिट्ठी मिली है जिसमें दावा किया गया है कि जयंत पाटिल विधायक दल के नेता हैं. लेकिन इस पर फैसला विधानसभा के स्पीकर को करना है. वहीं सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान Congress-NCP और शिवसेना की ओर स्पीकर बदलने की भी मांग की गई थी. इस पर बीजेपी नेता आशीष शेलार ने कहा है कि जयंत पाटिल का पत्र प्रति दावा है. अजित पवार पहले राज्यपाल को पत्र देकर सूचित कर चुके हैं एक बार नहीं दो बार. उसके बाद ही राज्यपाल ने शपथ दिलाई थी. अब विधिमंडल कार्यालय में जयंत पाटिल ने जो दावा किया है उस पर विधानसभा अध्यक्ष फैसला लेंगे.
महाराष्ट्र का महासंग्राम : कब क्या हुआ
- 24 अक्टूबर: विधानसभा चुनाव के नतीजे घोषित
- 24 अक्टूबर: BJP-105, शिवसेना-56, NCP-54, कांग्रेस-44 सीटें
- 27 अक्टूबर: शिवसेना ने BJP से 50-50 फ़ॉर्मूले की मांग की
- 9-10 नवंबर: सरकार बनाने के न्योते पर BJP का इनकार
- 11 नवंबर: शिवसेना ने दावा ठोंका, 3 दिन का समय मांगा
- राज्यपाल ने शिवसेना की मांग ठुकराई, NCP को न्योता
- 12 नवंबर: NCP के जवाब देने से पहले ही राष्ट्रपति शासन
- 22 नवंबर: सरकार गठन पर शिवसेना, कांग्रेस, NCP की अंतिम बैठक
- 22 नवंबर: शरद पवार ने उद्धव ठाकरे को मुख्यमंत्री घोषित किया
- 23 नवंबर: सुबह 5:47 बजे राष्ट्रपति शासन हटा, BJP की सरकार बनी
- 23 नवंबर: BJP को अजित पवार का साथ, अजित पवार डिप्टी सीएम बने
- 23 नवंबर: सरकार गठन के ख़िलाफ़ शिवसेना, कांग्रेस, NCP की अर्ज़ी
- 24 नवंबर: सुप्रीम कोर्ट ने सरकार बनाने के दावे और न्योते की चिट्ठी मांगी
- 25 नवंबर: 80 मिनट तक सभी पक्षों की दलील सुनने के बाद फ़ैसला सुरक्षित
ACB केस बंद करने के खिलाफ Congress-NCP और शिवसेना पहुंची सुप्रीम कोर्ट
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