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Jayant Patil Or Ajit Pawar

'Jayant Patil Or Ajit Pawar' - 2 News Result(s)
  • अजित पवार, आठ अन्य के खिलाफ अयोग्यता याचिका दायर की गई : जयंत पाटिल

    अजित पवार, आठ अन्य के खिलाफ अयोग्यता याचिका दायर की गई : जयंत पाटिल

    शरद पवार द्वारा 1999 में स्थापित पार्टी को रविवार दोपहर उस समय विभाजन का सामना करना पड़ा, जब उनके भतीजे अजित पवार उपमुख्यमंत्री के रूप में शिवसेना-भाजपा सरकार में शामिल हो गए. 

  • सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अब सबसे बड़ा पेंच:  NCP के विधायक दल का नेता कौन? जयंत पाटिल या अजित पवार

    सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अब सबसे बड़ा पेंच: NCP के विधायक दल का नेता कौन? जयंत पाटिल या अजित पवार

    महाराष्ट्र में तेज़ी से बदलते राजनीतिक घटनक्राम में आज सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया है कि कल यानी 27 नवंबर को विधानसभा में बहुमत का परीक्षण किया जाएगा. इसके साथ ही अदालत ने कहा है कि कल शाम 5 बजे के पहले तक फ्लोर टेस्ट हो जाए और इसका लाइव टेलीकॉस्ट किया जाए. लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है कि NCP की तरफ़ से व्हिप करने का अधिकार किसे है, जयंत पाटिल को या फिर अजित पवार को. NCP की मानें तो ये अधिकार जयंत पाटिल के पास है क्योंकि विधानसभा में विधायकों और उनके नेता की जो चिट्ठी जमा की गई है उसमें जयंत पाटिल का नाम है जबकि बीजेपी का दावा है कि NCP विधायक दल के नेता के तौर पर अजित पाटिल की नियुक्ति वैध है जबकि जयंत पाटिल की अवैध. आपको बता दें कि व्हिप जारी करने वाले नेता के पास व्हिप ना मानने वाले विधायकों के ख़िलाफ़ कार्रवाई की अनुशंसा का अधिकार होगा. विशेषज्ञों की मानें तो इस मामले में जयंत पाटिल का पलड़ा भारी दिख रहा है. 

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  • अजित पवार, आठ अन्य के खिलाफ अयोग्यता याचिका दायर की गई : जयंत पाटिल

    अजित पवार, आठ अन्य के खिलाफ अयोग्यता याचिका दायर की गई : जयंत पाटिल

    शरद पवार द्वारा 1999 में स्थापित पार्टी को रविवार दोपहर उस समय विभाजन का सामना करना पड़ा, जब उनके भतीजे अजित पवार उपमुख्यमंत्री के रूप में शिवसेना-भाजपा सरकार में शामिल हो गए. 

  • सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अब सबसे बड़ा पेंच:  NCP के विधायक दल का नेता कौन? जयंत पाटिल या अजित पवार

    सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अब सबसे बड़ा पेंच: NCP के विधायक दल का नेता कौन? जयंत पाटिल या अजित पवार

    महाराष्ट्र में तेज़ी से बदलते राजनीतिक घटनक्राम में आज सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया है कि कल यानी 27 नवंबर को विधानसभा में बहुमत का परीक्षण किया जाएगा. इसके साथ ही अदालत ने कहा है कि कल शाम 5 बजे के पहले तक फ्लोर टेस्ट हो जाए और इसका लाइव टेलीकॉस्ट किया जाए. लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है कि NCP की तरफ़ से व्हिप करने का अधिकार किसे है, जयंत पाटिल को या फिर अजित पवार को. NCP की मानें तो ये अधिकार जयंत पाटिल के पास है क्योंकि विधानसभा में विधायकों और उनके नेता की जो चिट्ठी जमा की गई है उसमें जयंत पाटिल का नाम है जबकि बीजेपी का दावा है कि NCP विधायक दल के नेता के तौर पर अजित पाटिल की नियुक्ति वैध है जबकि जयंत पाटिल की अवैध. आपको बता दें कि व्हिप जारी करने वाले नेता के पास व्हिप ना मानने वाले विधायकों के ख़िलाफ़ कार्रवाई की अनुशंसा का अधिकार होगा. विशेषज्ञों की मानें तो इस मामले में जयंत पाटिल का पलड़ा भारी दिख रहा है.