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This Article is From Dec 10, 2015

शरद पवार की आत्‍मकथा : जब राजीव गांधी ने चंद्रशेखर के साथ विमान में बैठने से किया था इनकार

शरद पवार की आत्‍मकथा : जब राजीव गांधी ने चंद्रशेखर के साथ विमान में बैठने से किया था इनकार
अपनी आत्‍मकथा में शरद पवार ने कई राजनीतिक घटनाओं की जानकारी दी है (फाइल फोटो)
नई दिल्‍ली: 'बारामती में चार मार्च 1991 को सुप्रिया सुले की शादी के कार्यक्रम में उस समय के दो कद्दावर नेता चंद्रशेखर और राजीव गांधी शरीक हुए थे। शादी के बाद तत्‍कालीन प्रधानमंत्री चंद्रशेखर ने राजीव गांधी को अपने सरकारी विमान से दिल्‍ली तक चलने का प्रस्‍ताव दिया था। राजीव ने इस प्रस्‍ताव को पहले तो स्‍वीकार कर लिया था लेकिन बाद में इनकार कर दिया था।'

यह खुलासा एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने अपनी आत्‍मकथा 'ऑन माई टर्म्‍स: फ्राम ग्रासरूट टू द कॉरिडोर ऑफ पावर' में किया है। आत्‍मकथा का विमोचन शरद पवार के 75वें जन्‍मदिन पर गुरुवार को विज्ञान भवन में किया जाना है। अखबार 'द इंडियन एक्‍सप्रेस' में प्रकाशित खबर में यह जानकारी दी गई है।

दो दिन बाद ले लिया था सरकार से समर्थन वापस
अखबार के अनुसार, राजीव की ओर से इस प्रस्‍ताव को ठुकराए जाने के दो दिन बाद कांग्रेस ने चंद्रशेखर के नेतृत्‍व वाली सरकार से समर्थन वापस ले लिया था और देश को आम चुनाव से गुजरना पड़ा था। अपनी आत्‍मकथा में पवार ने सियासत से जुड़ी कई घटनाओं और बातों का उल्‍लेख किया है। पुस्‍तक इस बात पर भी प्रकाश डालती है कि चंद्रशेखर के साथ पवार की नजदीकियों के कारण राजीव गांधी के साथ उनके आपसी रिश्‍ते किस तरह से प्रभावित हुए।

लंच के लिए पहुंचे थे महाराष्‍ट्र सदन
1978 में 38 वर्ष की उम्र में जब पवार पहली बार महाराष्‍ट्र के मुख्‍यमंत्री बने थे तब चंद्रशेखर ने हर प्रकार से उनका समर्थन किया था। नवंबर 1990 में जब वीपी सिंह के नेतृत्‍व वाली सरकार गिरी थी और चंद्रशेखर ने पीएम के रूप में कार्यभार संभाला था तो उन्‍हें बधाई देने पवार अपने परिवार के साथ दिल्‍ली पहुंचे थे। पुस्‍तक के अनुसार, चंद्रशेखर उनकी (पवार की) बेटी सुप्रिया को बेहद पसंद करते थे और जब सुप्रिया ने उनसे पूछा था, 'अंकल, क्‍या आप शपथ ग्रहण के बाद हमारे यहां लंच करेंगे।' भावी पीएम ने इस प्रस्‍ताव को स्‍वीकार किया था और प्रोटोकॉल को तोड़ते हुए लंच के लिए महाराष्‍ट्र सदन पहुंचे थे।

'मैं उनके साथ जाना नहीं चाहता'
राजीव और चंद्रशेखर के बीच की 1991 की पुरानी घटना का जिक्र करते हुए पवार लिखते हैं, 'कांग्रेस प्रमुख राजीव गांधी ने तत्‍कालीन प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के साथ विमान में दिल्‍ली जाने का ऑफर पहले तो स्‍वीकार कर लिया था। उन्‍होंने पीएम को बताया था कि वे पवार के परिवार के साथ कुछ और समय बिताना चाहते हैं और उन्‍हें पुणे एयरपोर्ट पर मिलेंगे।' बाद राजीव ने मुझसे कहा था, 'मैं उनके (चंद्रशेखर के) साथ दिल्‍ली नहीं जाना चाहता। तुम उन्‍हें जाने के लिए कह सकते हो।' दो दिन बाद ही कांग्रेस ने चंद्रशेखर सरकार से समर्थन वापस ले लिया था।

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