मैक्सिको में आए भूकंप ने भारी तबाही मचाई, और उसमें कम से कम 140 लोगों की जान जा चुकी है...
नई दिल्ली:
मैक्सिको की राजधानी मैक्सिको सिटी में आए भयानक भूकंप ने भयंकर तबाही मचाने के अलावा 140 जानों को भी लील लिया, और सारी दुनिया इससे थर्राकर रह गई. भारत में इस भयावह ख़बर को पढ़ने वालों को रह-रहकर डर लग रहा है, क्योंकि हाल ही में राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र (एनसीएस) ने कहा था कि देश की राजधानी दिल्ली और नौ राज्यों की राजधानियों समेत देश के 29 शहर और कस्बे 'गंभीर' से 'बेहद गंभीर' भूकंपीय क्षेत्रों में आते हैं. इनमें अधिकतर इलाके हिमालय क्षेत्र में हैं, जो दुनिया में भूकंप की दृष्टि से सबसे ज्यादा सक्रिय इलाकों में से एक है.
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इस रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली, पटना (बिहार), श्रीनगर (जम्मू एवं कश्मीर), कोहिमा (नगालैंड), पुदुच्चेरी, गुवाहाटी (असम), गंगटोक (सिक्किम), शिमला (हिमाचल प्रदेश), देहरादून (उत्तराखंड), इंफाल (मणिपुर) और चंडीगढ़ भूकंपीय क्षेत्र 4 और 5 में आते हैं, और गौरतलब है कि इन सभी शहरों की कुल आबादी तीन करोड़ से भी अधिक है.
यह भी पढ़ें : भूकंप का पूर्वानुमान लगाने की प्रणाली पर काम कर रहा है भारत
चूंकि भूकंप के बारे में सटीक पूर्वानुमान नहीं लगाया जा सकता, सो, अब सबसे महत्वपूर्ण सवाल यह है कि अगर भूकंप सचमुच आ ही जाए, तो हमें क्या करना चाहिए, या क्या ऐसा है, जो हमें हरगिज़ नहीं करना चाहिए. इस वजह से विशेषज्ञ बीच-बीच में ऐसे उपाय सुझाते रहे हैं, जिनसे भूकंप के बाद होने वाले खतरों को काफी हद तक कम किया जा सकता है. विशेषज्ञों के अनुसार नुकसान को कम करने और जान बचाने के लिए कुछ तरकीबें हैं, जिनसे काफी मदद मिल सकती है, सो आइए, आप भी यह उपाय जान लीजिए...
भूकंप आने के वक्त यदि आप घर से बाहर हैं, तो...
भूकंप आने के वक्त यदि आप घर में हैं, तो...
इस सबके बावजूद अगर बदकिस्मती से आप भूकंप के दौरान मलबे के नीचे दब जाएं, तो...
VIDEO: जानिए, कैसे भूकंपरोधी बनाई जाती हैं इमारतें...?
सो, भूकंप आने पर इन बातों का ध्यान रखें, और अपने मित्रों-नातेदारों को भी यह जानकारी दें, ताकि हम सब सुरक्षित रह सकें...
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इस रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली, पटना (बिहार), श्रीनगर (जम्मू एवं कश्मीर), कोहिमा (नगालैंड), पुदुच्चेरी, गुवाहाटी (असम), गंगटोक (सिक्किम), शिमला (हिमाचल प्रदेश), देहरादून (उत्तराखंड), इंफाल (मणिपुर) और चंडीगढ़ भूकंपीय क्षेत्र 4 और 5 में आते हैं, और गौरतलब है कि इन सभी शहरों की कुल आबादी तीन करोड़ से भी अधिक है.
यह भी पढ़ें : भूकंप का पूर्वानुमान लगाने की प्रणाली पर काम कर रहा है भारत
चूंकि भूकंप के बारे में सटीक पूर्वानुमान नहीं लगाया जा सकता, सो, अब सबसे महत्वपूर्ण सवाल यह है कि अगर भूकंप सचमुच आ ही जाए, तो हमें क्या करना चाहिए, या क्या ऐसा है, जो हमें हरगिज़ नहीं करना चाहिए. इस वजह से विशेषज्ञ बीच-बीच में ऐसे उपाय सुझाते रहे हैं, जिनसे भूकंप के बाद होने वाले खतरों को काफी हद तक कम किया जा सकता है. विशेषज्ञों के अनुसार नुकसान को कम करने और जान बचाने के लिए कुछ तरकीबें हैं, जिनसे काफी मदद मिल सकती है, सो आइए, आप भी यह उपाय जान लीजिए...
भूकंप आने के वक्त यदि आप घर से बाहर हैं, तो...
- ऊंची इमारतों, बिजली के खंभों आदि से दूर रहें...
- जब तक झटके खत्म न हों, घर-ऑफिस से बाहर ही रहें...
- चलती गाड़ी में होने पर जल्द गाड़ी रोक लें, और गाड़ी में ही बैठे रहें...
- ऐसे पुलों या सड़कों पर जाने से बचें, जिन्हें भूकंप से नुकसान पहुंचा हो...
भूकंप आने के वक्त यदि आप घर में हैं, तो...
- फर्श पर बैठ जाएं, मज़बूत टेबल या किसी फर्नीचर के नीचे पनाह लें...
- टेबल न होने पर हाथ से चेहरे और सिर को ढक लें...
- घर के किसी कोने में चले जाएं, और कांच, खिड़कियों, दरवाज़ों और दीवारों से दूर रहें...
- बिस्तर पर हैं, तो लेटे रहें, तकिये से सिर ढक लें...
- आसपास भारी फर्नीचर हो, तो उससे दूर रहें...
- लिफ्ट का इस्तेमाल करने से बचें, लिफ्ट भूकंप के दौरान पेंडुलम की तरह हिलकर दीवार से टकरा सकती है, और बिजली जाने से रुक भी सकती है...
- सीढ़ियों का इस्तेमाल न करें, क्योंकि आमतौर पर इमारतों में बनी सीढ़ियां मज़बूत नहीं होतीं...
- झटके आने तक घर के अंदर ही रहें, और झटके रुकने के बाद ही बाहर निकलें...
इस सबके बावजूद अगर बदकिस्मती से आप भूकंप के दौरान मलबे के नीचे दब जाएं, तो...
- माचिस हरगिज़ न जलाएं, क्योंकि इस दौरान गैस लीक का खतरा हो सकता है...
- कतई न हिलें, और धूल न उड़ाएं...
- किसी रूमाल या कपड़े से चेहरा ज़रूर ढक लें...
- किसी पाइप या दीवार को ठकठकाते रहें, ताकि बचाव दल आपको तलाश सके...
- यदि कोई सीटी उपलब्ध हो, तो उसे बजाते रहें...
- यदि कोई और ज़रिया न हो, तो चिल्लाते रहें, हालांकि चिल्लाने से धूल मुंह के भीतर जाने का खतरा रहता है, सो, सावधान रहें...
VIDEO: जानिए, कैसे भूकंपरोधी बनाई जाती हैं इमारतें...?
सो, भूकंप आने पर इन बातों का ध्यान रखें, और अपने मित्रों-नातेदारों को भी यह जानकारी दें, ताकि हम सब सुरक्षित रह सकें...
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