भारी बारिश (Rain in North India) से लगभग पूरे उत्तर भारत में तबाही मची हुई है. मौसम विभाग ने कहा कि पश्चिमी विक्षोभ और मॉनसूनी हवाओं के साथ मिलने से भारी बारिश हुई है. भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने कहा कि जुलाई के पहले कुछ दिनों में उत्तर पश्चिम भारत में हुई बारिश ने पूरे देश में बारिश की कमी को पूरा कर दिया है.
मौसम विभाग के सीनियर वैज्ञानिक डॉ सोमा सेनरॉय ने एनडीटीवी को बताया कि मॉनसून देश के अधिकतर हिस्सों में काफी ज्यादा सक्रिय हो गया है. साथ ही राजस्थान के पास एक्यूप्रेशर का एरिया बना है, जिसकी वजह से अरब सागर से जो नमी है, वह उत्तर पश्चिमी भारत में पहुंच रही है. उत्तरी पश्चिमी भारत के इलाकों में एक इंटरेक्शन Zone बना है. मॉनसून और Westerly Trough की वजह से वहां सबसे ज्यादा आज बारिश हो रही है. पंजाब में सबसे ज्यादा 35 सेंटीमीटर की बारिश रिकॉर्ड की गई है जबकि हिमाचल प्रदेश में 23 सेंटीमीटर, उत्तराखंड में 16 सेंटीमीटर और हरियाणा में 24 सेंटीमीटर.
पूरे हिमाचल प्रदेश के लिए हमने आज रेड अलर्ट जारी किया है. मंगलवार को हम Alert को डाउनग्रेड कर रहे हैं. कल के लिए हम हिमाचल प्रदेश के लिए येलो अलर्ट जारी कर रहे हैं, हालांकि उत्तराखंड के कई इलाकों में कल भी काफी ज्यादा बारिश का पूर्वानुमान है.
समाचार एजेंसी पीटीआई ने आईएमडी के हवाले से बताया कि मॉनसून के मौसम में कुल बारिश 243.2 मिमी तक पहुंच गई है, जो सामान्य 239.1 मिमी से दो प्रतिशत अधिक है. भारी बारिश के कारण उत्तर भारत में दिल्ली की यमुना सहित कई नदियां उफान पर हैं. क्षेत्र के कई हिस्सों में भूस्खलन और बाढ़ आ गई है. शहरों और कस्बों में कई सड़कें और इमारतें घुटनों तक पानी में डूबी हैं.
मौसम विभाग ने अगले कुछ दिनों में हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा, जम्मू-कश्मीर, राजस्थान, दिल्ली और इसके आसपास के इलाकों में और अधिक बारिश की भविष्यवाणी की है.
गौरतलब है कि भारी बारिश की वजह से उत्तर भारत में जोरदार बारिश हो रही है. बाढ़ और भूस्खलन के चलते हिमाचल में 14, उत्तराखंड में 9 और दिल्ली में अलग-अलग जगहों पर हुए हादसों में 5 लोगों की मौत हो चुकी है.
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