भारत और पाकिस्तान के संबंधों में उरी हमले के बाद आया है तनाव... (प्रतीकात्मक फोटो)
नई दिल्ली:
जम्मू और कश्मीर के उरी में आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच संबंधों में तनाव बना हुआ है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरूवार को बैठक बुलाई है जिसमें पाकिस्स्तान को दिये गये एमएफएन के दर्जे की समीक्षा की जाएगी. डब्ल्यूटीओ बनने के साल भर बाद भारत ने पाकिस्तान को 1996 में एमएफएन का दर्जा दिया था लेकिन पाकिस्तान की ओर से भारत को ऐसा कोई दर्जा नहीं दिया गया था.
पाकिस्तान ने नहीं दिया भारत को यह दर्जा
कई बार भरोसे के बाद भी पाकिस्तान की तरफ से भारत को यह दर्जा अब तक नहीं दिया गया है. इस वजह से उरी हमले से पहले से भी यह मांग होती रही कि पाकिस्तान से यह दर्जा छीन लिया जाए. लेकिन भारत ने इसे जारी रखा था. पाकिस्तान के एक राजनयिक ने हाल ही में कहा है कि जब तक दोनों देशों के बीच बातचीत की प्रक्रिया शुरू नहीं होती पाकिस्तान, भारत को सर्वाधिक तरजीही राष्ट्र (एमएफएन) का दर्जा नहीं दे सकता.
क्या है एमएफएन का मतलब...
दरअसल एमएफएन का मतलब है मोस्ट फेवर्ड नेशन, यानी सर्वाधिक तरजीही देश. विश्व व्यापार संगठन और इंटरनेशनल ट्रेड नियमों के आधार पर व्यापार में सर्वाधिक तरजीह वाला देश (एमएफएन) का दर्जा दिया जाता है. एमएफएन का दर्जा मिल जाने पर दर्जाप्राप्त देश को इस बात का आश्वासन रहता है कि उसे कारोबार में नुकसान नहीं पहुंचाया जाएगा.
क्या लाभ हैं एमएफएन का दर्जा प्राप्त करने लेने में...
गौर करें कि एमएफएन का दर्जा कारोबार में दिया जाता है. इसके तहत आयात-निर्यात में आपस में विशेष छूट मिलती है. यह दर्जाप्राप्त देश कारोबार सबसे कम आयात शुल्क पर होता है. डब्ल्यूटीओ के सदस्य देश खुले व्यापार और बाज़ार से बंधे हैं मगर एमएफएन के क़ायदों के तहत देशों को विशेष छूट दी जाती है. सीमेंट, चीनी, ऑर्गेनिक केमिकल, रुई, सब्जियों और कुछ चुनिंद फलों के अलावा मिनरल ऑयल, ड्राई फ्रूट्स, स्टील जैसी कमोडिटीज़ और वस्तुओं का कारोबार दोनों देशों के बीच होता है. भारत और पाकिस्तान के बीच 2012 के आंकड़े के मुताबिक़ करीब 2.60 बिलियन डॉलर का व्यापार होता है.
क्या भारत को होगा पाकिस्तान से यह दर्जा छीनने का नुकसान
एक पक्ष यह भी कह रहा है कि भारत अगर मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा खत्म करता है तो हो सकता है कि पाकिस्तान अपनी तरफ से भारत के साथ व्यापार ही रोक दे. ऐसे में घाटा भारत को हो सकता है लेकिन आतंकवाद से निपटने और देश की सुरक्षा के मद्देनजर भारत घाटे की कीमत पर ऐसा करने को तैयार हो सकता है.
पाकिस्तान ने नहीं दिया भारत को यह दर्जा
कई बार भरोसे के बाद भी पाकिस्तान की तरफ से भारत को यह दर्जा अब तक नहीं दिया गया है. इस वजह से उरी हमले से पहले से भी यह मांग होती रही कि पाकिस्तान से यह दर्जा छीन लिया जाए. लेकिन भारत ने इसे जारी रखा था. पाकिस्तान के एक राजनयिक ने हाल ही में कहा है कि जब तक दोनों देशों के बीच बातचीत की प्रक्रिया शुरू नहीं होती पाकिस्तान, भारत को सर्वाधिक तरजीही राष्ट्र (एमएफएन) का दर्जा नहीं दे सकता.
क्या है एमएफएन का मतलब...
दरअसल एमएफएन का मतलब है मोस्ट फेवर्ड नेशन, यानी सर्वाधिक तरजीही देश. विश्व व्यापार संगठन और इंटरनेशनल ट्रेड नियमों के आधार पर व्यापार में सर्वाधिक तरजीह वाला देश (एमएफएन) का दर्जा दिया जाता है. एमएफएन का दर्जा मिल जाने पर दर्जाप्राप्त देश को इस बात का आश्वासन रहता है कि उसे कारोबार में नुकसान नहीं पहुंचाया जाएगा.
क्या लाभ हैं एमएफएन का दर्जा प्राप्त करने लेने में...
गौर करें कि एमएफएन का दर्जा कारोबार में दिया जाता है. इसके तहत आयात-निर्यात में आपस में विशेष छूट मिलती है. यह दर्जाप्राप्त देश कारोबार सबसे कम आयात शुल्क पर होता है. डब्ल्यूटीओ के सदस्य देश खुले व्यापार और बाज़ार से बंधे हैं मगर एमएफएन के क़ायदों के तहत देशों को विशेष छूट दी जाती है. सीमेंट, चीनी, ऑर्गेनिक केमिकल, रुई, सब्जियों और कुछ चुनिंद फलों के अलावा मिनरल ऑयल, ड्राई फ्रूट्स, स्टील जैसी कमोडिटीज़ और वस्तुओं का कारोबार दोनों देशों के बीच होता है. भारत और पाकिस्तान के बीच 2012 के आंकड़े के मुताबिक़ करीब 2.60 बिलियन डॉलर का व्यापार होता है.
क्या भारत को होगा पाकिस्तान से यह दर्जा छीनने का नुकसान
एक पक्ष यह भी कह रहा है कि भारत अगर मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा खत्म करता है तो हो सकता है कि पाकिस्तान अपनी तरफ से भारत के साथ व्यापार ही रोक दे. ऐसे में घाटा भारत को हो सकता है लेकिन आतंकवाद से निपटने और देश की सुरक्षा के मद्देनजर भारत घाटे की कीमत पर ऐसा करने को तैयार हो सकता है.
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