महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने शिवसेना के स्थापना दिवस पर बड़ा ऐलान किया है. उन्होंने घोषणा की कि आगामी लोकसभा और विधानसभा चुनाव उनकी पार्टी बीजेपी के साथ ही लड़ेगी. सीएम शिंदे ने साथ ही पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे पर भी निशाना साधा. सोमवार को महाराष्ट्र की राजनीति में अहम भूमिका निभाने वाली पार्टी शिवसेना का स्थापना दिवस था और दोनों ही गुटों ने इसको लेकर अलग-अलग कार्यक्रम किए.
शिवसेना के स्थापना दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में सीएम शिंदे ने उद्धव ठाकरे पर निशाना साधते हुए कहा कि उद्धव ठाकरे ने मुख्यमंत्री की कुर्सी के लिए बाल ठाकरे की विचारधारा से समझौता किया. उन्होंने कहा कि उद्धव ठाकरे ने NCP और कांग्रेस से हाथ मिलाकर बाल ठाकरे की विचारधारा को त्याग दिया.
एकनाथ शिंदे ने कहा कि क्या आप जानते हैं कि मुख्यमंत्री रहते हुए उद्धव ठाकरे ने पिछले ढाई साल में कितने हस्ताक्षर किए थे? मैं उससे कई गुना अधिक कर चुका हूं. मैं फाइलों को एक दिन में ही निपटा देता हूं. कार से यात्रा करने के दौरान भी मैं फाइलों पर साइन करता हूं. पिछले मुख्यमंत्री अपने पास एक पेन भी नहीं रखते थे, मैं दो पेन रखता हूं. शिंदे ने कहा कि उनके और अन्य विधायकों के खिलाफ 'विश्वासघाती' होने के आरोप लगाने से उद्धव को जनता की सहानुभूति हासिल करने में मदद नहीं मिलेगी.
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उधर स्थापना दिवस के मौके पर शिवसेना उद्धव गुट की ओर से आयोजित कार्यक्रम में एकनाथ शिंदे निशाने पर रहे. उद्धव ठाकरे ने कहा कि कुछ लोगों ने शिवसेना का नाम चुराया, पार्टी का चिह्न चुराया, बाप चुराने की कोशिश की, लेकिन आज भी उद्धव ठाकरे का नाम लेना पड़ता है. उन्होंने कहा कि वो लोग बाला साहेब की फोटो चुरा सकते हैं लेकिन लोगों के दिल नहीं.
एकनाथ शिंदे गुट का कार्यक्रम मुंबई के गोरेगांव नेस्को ग्राउंड में हुआ, जबकि उद्धव गुट का कार्यक्रम सायन के शंमुकानंद हॉल में हुआ. ये पहली बार हुआ जब शिवसेना का स्थापना दिवस दो अलग-अलग जगहों पर मनाया गया. शिवसेना के स्थापना दिवस के मौके पर दोनों ही गुटों की तरफ से आरोप-प्रत्यारोप का दौर देखने को मिला.
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