लखनऊ में अपने जन्मदिन के मौके पर एक विशाल रैली को संबोधित करते हुए बहुजन समाज पार्टी (बसपा) अध्यक्ष मायावती ने अपनी ताकत दिखाते हुए एक साथ समाजवादी पार्टी, कांग्रेस और भाजपा पर जमकर हमला बोला।
समर्थकों की भारी भीड़ के बीच मायावती ने ऐलान किया कि वह इस बार इन तीनों दलों से सीधी लड़ाई के लिए तैयार हैं। रैली में मायावती ने राज्य की सपा सरकार पर साजिश के तहत उनके शासन काल की योजनाओं को बंद करने का आरोप लगाया।
उन्होंने अपने समर्थकों से कहा कि वे कांग्रेस, भाजपा और सपा जैसी पार्टियों से सावधान रहें, क्योंकि ये तीनों बसपा के खिलाफ साजिश रचती रहती हैं। मायावती ने अपने खिलाफ सीबीआई के बेजा इस्तेमाल का भी आरोप लगाया।
उन्होंने कांग्रेस और भाजपा दोनों पर ब्लैकमेल करने का आरोप लगाते हुए कहा कि 2003 में गठबंधन के लिए भाजपा ने मुझ पर सीबीआई के हवाले से दबाव बनाया था। उन्होंने राज्य की अखिलेश यादव सरकार पर भ्रष्टाचार और अपराध को बढ़ावा देने का आरोप लगाते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश अब 'क्राइम प्रदेश' बन गया है। उन्होंने सपा पर जातिवाद को बढ़ावा देने का भी आरोप लगाया और कहा कि उनके (मायावती के) शासनकाल के दौरान मुस्लिम अधिक सुरक्षित थे।
आगामी लोकसभा चुनाव में कांग्रेस और बसपा के गठबंधन संबंधी अटकलों को विराम देते हुए उन्होंने स्पष्ट किया कि उनकी पार्टी अपने बलबूते पर चुनाव लड़ेगी। चुनावी मौसम में मुस्लिम कार्ड खेलते हुए मायावती ने कहा, बसपा के गठन के बाद यहां मुस्लिम लोग देश में खुद को काफी हद तक सुरक्षित महसूस करने लगे हैं। इस पार्टी का अपना दलित वोट बैंक हर मुश्किल घड़ी में मुस्लिमों का साथ देने के लिए खड़ा रहा है।
उन्होंने आह्वान किया कि अगर मुस्लिम वोट आगामी लोकसभा चुनाव में बंटने की बजाय एकजुट होकर बसपा को वोट दे, तो भाजपा तथा अन्य सांप्रदायिक ताकतें काफी कमजोर हो जाएंगी। चुनाव के बाद बसपा को 'बैलेंस ऑफ पावर' बनाना होगा।
मायावती ने प्रदेश की मौजूदा सरकार पर दलितों और मुसलमानों के बीच झगड़ा कराने के लिए विभिन्न संस्थानों के नाम बदलकर कुछ मुस्लिम हस्तियों के नाम पर रखने का इल्जाम भी लगाया और कहा कि दलितों ने उनके नेतृत्व पर विश्वास करके खुद को काबू में रखा।
उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी अपनी चुनावी रैलियों में जिस तरह लुभावने वादे कर रहे हैं, उन्हें देखते हुए उन पर यह पुरानी कहावत काफी हद तक सही बैठती है, 'जो गरजते हैं, वे बरसते नहीं।' मोदी पहले अपने शासन वाले राज्य गुजरात पर ध्यान दें, जहां कैग की रिपोर्ट के मुताबिक हर तीसरा बच्चा कुपोषित है। मायावती ने कहा कि केंद्र में तो भाजपा ने संविधान की समीक्षा की आड़ में दलितों और पिछड़ों का आरक्षण खत्म करने की साजिश रची थी, बसपा ने आंदोलन करके उनकी साजिश को कामयाब नहीं होने दिया। केंद्र में भाजपा के शासनकाल में अनेक गंभीर आतंकवादी वारदात हुई। उत्तर प्रदेश में तो इसी पार्टी की सरकार के कार्यकाल में अयोध्या में विवादित ढांचा गिराकर सांप्रदायिक तनाव पैदा किया गया।
उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार खत्म करने के दावे करने वाले मोदी ने अपने राज्य में भ्रष्टाचार रोकने वाली संस्था लोकायुक्त को नहीं बनने दिया। जो कमजोर संस्था बनी, वह अदालत के दखल के कारण बनी। इससे भ्रष्टाचार नहीं रुकेगा। बसपा नेता ने कहा कि मोदी ने अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए सरदार वल्लभ भाई पटेल स्मारक का निर्माण कराने और 'स्टैच्यू ऑफ यूनिटी' बनवाने का ऐलान किया और हाल में पटेल की 63वीं पुण्यतिथि के मौके पर वरिष्ठ नेताओं और अन्य लोगों की दौड़ कराई, जो वोट लेने का कोरा नाटक मात्र है।
मायावती ने केंद्र में कांग्रेस के नेतृत्व में चल रही यूपीए सरकार पर भी हमले किए। उन्होंने कहा कि केंद्र की हर प्रकार की गलत नीतियों के कारण पूरे देश में गरीब, मजदूर समेत हर वर्ग परेशान है और भ्रष्टाचार चरम सीमा पर पहुंच गया है। ढुलमुल विदेश नीति के कारण देश की सीमाएं भी पूरी तरह सुरक्षित नहीं हैं।
(इनपुट भाषा से भी)
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