प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने आज कहा कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (President Draupadi Murmu) का देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद की शपथ लेना "भारत के लिए एक महत्वपूर्ण क्षण है, खासकर गरीबों, हाशिए पर और दलितों के लिए." 64 वर्षीय राष्ट्रपति मुर्मू ने गुरुवार को विपक्षी राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा (Yashwant Sinha) को हराकर पहली आदिवासी और शीर्ष संवैधानिक पद संभालने वाली दूसरी महिला बनने के बाद इतिहास रचा है. "पूरे देश ने गर्व के साथ देखा कि द्रौपदी मुर्मू जी ने भारत के राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली है. उनका राष्ट्रपति पद ग्रहण करना भारत के लिए विशेष रूप से गरीबों, हाशिए पर और दलितों के लिए एक महत्वपूर्ण क्षण है. मैं उन्हें एक उपयोगी राष्ट्रपति कार्यकाल के लिए शुभकामनाएं देता हूं, "पीएम मोदी ने ट्वीट किया.
The entire nation watched with pride as Smt. Droupadi Murmu Ji took oath as the President of India. Her assuming the Presidency is a watershed moment for India especially for the poor, marginalised and downtrodden. I wish her the very best for a fruitful Presidential tenure. pic.twitter.com/xcqBqRt2nc
— Narendra Modi (@narendramodi) July 25, 2022
एक दूसरे ट्वीट में पीएम मोदी ने कहा,"शपथ लेने के बाद अपने संबोधन में, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू जी ने आशा और करुणा का संदेश दिया. उन्होंने भारत की उपलब्धियों पर जोर दिया और ऐसे समय में जब भारत आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है तो आगे की राह का एक भविष्यवादी दृष्टिकोण प्रस्तुत किया,."
In her address after taking oath, President Droupadi Murmu Ji gave a message of hope and compassion. She emphasised on India's accomplishments and presented a futuristic vision of the path ahead at a time when India is marking Azadi Ka Amrit Mahotsav. pic.twitter.com/I2DEO5wHbO
— Narendra Modi (@narendramodi) July 25, 2022
इससे पहले देश के प्रधान न्यायाधीश एन. वी. रमना (CJI NV Ramna) ने आज संसद के सेंट्रल हॉल में आयोजित एक समारोह में द्रौपदी मुर्मू (Droupadi Murmu) को 15वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ दिलाई. इस मौके पर लोगों को संबोधित करते हुए मुर्मू ने कहा, "आज़ाद भारत में जन्मी मैं पहली राष्ट्रपति हूं. मेरे निर्वाचन में गरीबों का आशीर्वाद शामिल है." उन्होंने अपने संबोधन की शुरुआत जोहार, नमस्कार कहकर की.
नई राष्ट्रपति ने अपने पहले संबोधन में कहा, "ये भी एक संयोग है कि जब देश अपनी आजादी के 50वें वर्ष का पर्व मना रहा था तभी मेरे राजनीतिक जीवन की शुरुआत हुई थी और आज आजादी के 75वें वर्ष में मुझे ये नया दायित्व मिला है.
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