फाइल फोटो
पटना:
गंगा नदी का जलस्तर सोमवार को बिहार में पांच स्थानों पर इस मौसम के उच्चतम स्तर पर रहा. इसके साथ ही राज्य की कुल छह नदियां भी खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं.
केंद्रीय जल आयोग से प्राप्त जानकारी के मुताबिक गंगा नदी सुबह छह बजे बिहार में पांच स्थानों पटना के गांधी घाट एवं हाथीदह, मुंगेर, भागलपुर और कहलगांव में इस मौसम के उच्चतम स्तर पर रही. इन स्थानों पर नदी का जलस्तर क्रमश: 49.54 मीटर, 42.48 मीटर, 38.83 मीटर, 33.55 मीटर और 31.62 मीटर रहा.
आयोग के अनुसार गंगा नदी का जलस्तर प्रात: छह बजे पटना के दीघा घाट, गांधी घाट एवं हाथीदह और कहलगांव में खतरे के निशान से क्रमश: 44 सेमी, 94 सेमी, 72 सेमी और 53 सेमी उपर था जबकि बक्सर, मुंगेर एवं भागलपुर में खतरे के निशान से क्रमश: 41 सेमी, 50 सेमी एवं 13 सेमी नीचे था. गंगा नदी के जलस्तर में मंगलवार दोपहर 12 बजे तक बक्सर, प्रात: आठ बजे पटना के दीघा घाट एवं गांधी घाट में क्रमश: 23 सेमी, 11 सेमी एवं 06 सेमी की कमी होने जबकि प्रात: 8 बजे हाथीदह एवं मुंगेर, अपराहन दो बजे भागलपुर, रात्रि दस बजे कहलगांव में क्रमश: 07 सेमी, 15 सेमी, 34 सेमी और 23 सेमी की वृद्धि होने की संभावना है.
अन्य नदियां भी उफान पर...
वहीं बिहार की अन्य पांच नदियां जिनका जलस्तर सोमवार को खतरे के निशान से ऊपर रहा उनमें सोन, पुनपुन, घाघरा, बूढ़ी गंडक और कोसी नदी शामिल हैं. सोमवार प्रात: छह बजे सोन नदी का जलस्तर पटना के मनेर में 04 सेमी, पुनपुन नदी पटना के श्रीपालपुर में 94 सेमी, घाघरा नदी सीवान जिले के गंगपुर सिसवन में 35 सेमी, बूढ़ी गंडक नदी खगड़िया में 50 सेमी, कोसी नदी खगड़िया जिला के बलतारा में एवं कटिहार जिले के कुरसेला में 38 सेमी एवं 42 सेमी खतरे के निशान से ऊपर बह रही थी. वहीं शेष सभी नदियां खतरे के निशान से नीचे बह रही हैं.
अब किसी जिले में बाढ़ की स्थिति नहीं
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का पैतृक जिला नालंदा जो कि रविवार तक बाढ़ से प्रभावित था, वहां अब सोमवार को बाढ़ की स्थिति नहीं है. नालंदा जिले के 3 प्रखंड एकंगरसराय, हिलसा और करायपरसुराय के 20 गांवों की कुल 10 हजार आबादी तक बाढ़ से प्रभावित थी. राज्य के आपदा प्रबंधन विभाग से प्राप्त सूचना के अनुसार सोमवार को प्रदेश में किसी भी जिले में बाढ़ की स्थिति नहीं है.
बिहार में महानंदा, बखरा, कंकई, परमार, कोसी एवं अन्य नदियों में हाल में आई बाढ़ से राज्य के कुल 14 जिले पूर्णियां, किशनगंज, अररिया, दरभंगा, मधेपुरा, भागलपुर, कटिहार, सहरसा, सुपौल, गोपालगंज, पूर्वी चंपारण, पश्चिम चंपारण, मुजफ्फरपुर एवं सारण जिला बाढ़ प्रभावित हुए थे. कुल 95 लोगों की जान गयी थी पर धीरे-धीरे जलस्तर में कमी आने से गत 13 अगस्त तक इन जिलों में बाढ़ की स्थिति समाप्त हो गयी थी.
सीएम ने किया प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण
मौसम विभाग से प्राप्त जानकारी के मुताबिक मंगलवार सुबह तक बिहार के सभी नदियों के जलग्रहण क्षेत्रों में हल्की वर्षा होने की संभावना है. इस बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह एवं जल संसाधन विभाग के प्रधान सचिव अरुण कुमार सिंह के साथ गंगा और उसकी सहायक नदियों में आयी बाढ़ का हवाई सर्वेक्षण किया. उन्होंने इस क्रम में पटना, वैशाली, छपरा, भोजपुर एवं बेगूसराय का हवाई सर्वेक्षण किया.
मुख्यमंत्री कार्यालय से जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार गंगा, सोन और घाघरा नदी में बढ़े जलस्तर के कारण दियारा क्षेत्र में पानी का प्रसार होने के कारण बड़ी संख्या में बस्तियां प्रभावित हुयी हैं और बड़ी संख्या में लेागों का आवागमन बाधित हुआ है.
हवाई सर्वेक्षण से लौटने के पश्चात मुख्यमंत्री ने आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव ब्यास जी एवं पटना के जिलाधिकारी संजय कुमार अग्रवाल को निर्देश दिया कि सभी प्रभावित गॉव और टोलों में पर्याप्त नाव की व्यवस्था सुनिश्चित करायी जाय. साथ ही दवा एवं आवश्यकतानुसार खाद्य सामग्रियों की आपूर्ति सुनिश्चित की जाय. इसके अतिरिक्त मोबाइल मेडिकल टीम भेजकर बीमार लेागों की सहायता की जाय. मुख्यमंत्री ने आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव को निर्देश दिया कि वह आगामी 17 अगस्त को पटना एवं वैशाली के जिलाधिकारी तथा सिंचाई विभाग के मुख्य अभियंता के साथ दियारा क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण करें.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
केंद्रीय जल आयोग से प्राप्त जानकारी के मुताबिक गंगा नदी सुबह छह बजे बिहार में पांच स्थानों पटना के गांधी घाट एवं हाथीदह, मुंगेर, भागलपुर और कहलगांव में इस मौसम के उच्चतम स्तर पर रही. इन स्थानों पर नदी का जलस्तर क्रमश: 49.54 मीटर, 42.48 मीटर, 38.83 मीटर, 33.55 मीटर और 31.62 मीटर रहा.
आयोग के अनुसार गंगा नदी का जलस्तर प्रात: छह बजे पटना के दीघा घाट, गांधी घाट एवं हाथीदह और कहलगांव में खतरे के निशान से क्रमश: 44 सेमी, 94 सेमी, 72 सेमी और 53 सेमी उपर था जबकि बक्सर, मुंगेर एवं भागलपुर में खतरे के निशान से क्रमश: 41 सेमी, 50 सेमी एवं 13 सेमी नीचे था. गंगा नदी के जलस्तर में मंगलवार दोपहर 12 बजे तक बक्सर, प्रात: आठ बजे पटना के दीघा घाट एवं गांधी घाट में क्रमश: 23 सेमी, 11 सेमी एवं 06 सेमी की कमी होने जबकि प्रात: 8 बजे हाथीदह एवं मुंगेर, अपराहन दो बजे भागलपुर, रात्रि दस बजे कहलगांव में क्रमश: 07 सेमी, 15 सेमी, 34 सेमी और 23 सेमी की वृद्धि होने की संभावना है.
अन्य नदियां भी उफान पर...
वहीं बिहार की अन्य पांच नदियां जिनका जलस्तर सोमवार को खतरे के निशान से ऊपर रहा उनमें सोन, पुनपुन, घाघरा, बूढ़ी गंडक और कोसी नदी शामिल हैं. सोमवार प्रात: छह बजे सोन नदी का जलस्तर पटना के मनेर में 04 सेमी, पुनपुन नदी पटना के श्रीपालपुर में 94 सेमी, घाघरा नदी सीवान जिले के गंगपुर सिसवन में 35 सेमी, बूढ़ी गंडक नदी खगड़िया में 50 सेमी, कोसी नदी खगड़िया जिला के बलतारा में एवं कटिहार जिले के कुरसेला में 38 सेमी एवं 42 सेमी खतरे के निशान से ऊपर बह रही थी. वहीं शेष सभी नदियां खतरे के निशान से नीचे बह रही हैं.
अब किसी जिले में बाढ़ की स्थिति नहीं
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का पैतृक जिला नालंदा जो कि रविवार तक बाढ़ से प्रभावित था, वहां अब सोमवार को बाढ़ की स्थिति नहीं है. नालंदा जिले के 3 प्रखंड एकंगरसराय, हिलसा और करायपरसुराय के 20 गांवों की कुल 10 हजार आबादी तक बाढ़ से प्रभावित थी. राज्य के आपदा प्रबंधन विभाग से प्राप्त सूचना के अनुसार सोमवार को प्रदेश में किसी भी जिले में बाढ़ की स्थिति नहीं है.
बिहार में महानंदा, बखरा, कंकई, परमार, कोसी एवं अन्य नदियों में हाल में आई बाढ़ से राज्य के कुल 14 जिले पूर्णियां, किशनगंज, अररिया, दरभंगा, मधेपुरा, भागलपुर, कटिहार, सहरसा, सुपौल, गोपालगंज, पूर्वी चंपारण, पश्चिम चंपारण, मुजफ्फरपुर एवं सारण जिला बाढ़ प्रभावित हुए थे. कुल 95 लोगों की जान गयी थी पर धीरे-धीरे जलस्तर में कमी आने से गत 13 अगस्त तक इन जिलों में बाढ़ की स्थिति समाप्त हो गयी थी.
सीएम ने किया प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण
मौसम विभाग से प्राप्त जानकारी के मुताबिक मंगलवार सुबह तक बिहार के सभी नदियों के जलग्रहण क्षेत्रों में हल्की वर्षा होने की संभावना है. इस बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह एवं जल संसाधन विभाग के प्रधान सचिव अरुण कुमार सिंह के साथ गंगा और उसकी सहायक नदियों में आयी बाढ़ का हवाई सर्वेक्षण किया. उन्होंने इस क्रम में पटना, वैशाली, छपरा, भोजपुर एवं बेगूसराय का हवाई सर्वेक्षण किया.
मुख्यमंत्री कार्यालय से जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार गंगा, सोन और घाघरा नदी में बढ़े जलस्तर के कारण दियारा क्षेत्र में पानी का प्रसार होने के कारण बड़ी संख्या में बस्तियां प्रभावित हुयी हैं और बड़ी संख्या में लेागों का आवागमन बाधित हुआ है.
हवाई सर्वेक्षण से लौटने के पश्चात मुख्यमंत्री ने आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव ब्यास जी एवं पटना के जिलाधिकारी संजय कुमार अग्रवाल को निर्देश दिया कि सभी प्रभावित गॉव और टोलों में पर्याप्त नाव की व्यवस्था सुनिश्चित करायी जाय. साथ ही दवा एवं आवश्यकतानुसार खाद्य सामग्रियों की आपूर्ति सुनिश्चित की जाय. इसके अतिरिक्त मोबाइल मेडिकल टीम भेजकर बीमार लेागों की सहायता की जाय. मुख्यमंत्री ने आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव को निर्देश दिया कि वह आगामी 17 अगस्त को पटना एवं वैशाली के जिलाधिकारी तथा सिंचाई विभाग के मुख्य अभियंता के साथ दियारा क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण करें.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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