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पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) के भाषण की शैली के उनकी विरोधी भी क़ायल रहे हैं, लेकिन इस बार के विधानसभा चुनाव में आयोजित कई सभाओं में देखा गया है कि नीतीश कुमार भाषण के दौरान जब कभी लालू-राबड़ी राज या तेजस्वी यादव के चुनावी वादे (रोज़गार संबंधी) का का जिक्र होता है तो उसके जवाब में सीएम अपना आपा खो बैठते हैं.
शनिवार को बेगुसराय ज़िले के तेघडा विधानसभा में अपने भाषण के दौरान सीएम नीतीश कुमार एक बार फिर भाषा की मर्यादा भूल गए...उन्होंने आरजेडी शासन काल का ज़िक्र करते हुए कहा, 'जब लोगों को मौक़ा मिला तो क्या किए, एक स्कूल बनाया था?'
फिर उन्होंने तेजस्वी यादव का नाम लिए बिना कहा, "अगर पढ़ना चाहते हो तो अपने बाप से पूछो अपनी माता से पूछो कि कहीं कोई स्कूल था, कहीं कोई स्कूल बन रहा था, कहीं कोई कॉलेज बन रहा था? ज़रा पूछ लो...राज करने का मौक़ा मिला तो ग्रहण करते रहे और जब अंदर चले गए, तो पत्नी को बैठा दिया गद्दी पर."
नीतीश ने फिर कहा कि यही सब तो चल रहा रहा था, उसके बाद आज बता दो कहां कोई गड़बड़ है. उन्होंने कहा कि आज कोई गड़बड़ करने वाला आदमी होगा तो अंदर जाएगा. सीएम ने कहा कि आप लोगों के बीच कोई उल्टा-पुल्टा काम नहीं कर सकेगा.
हालांकि उन्होंने भाषण में पहले के आरजेडी शासन काल का ज़िक्र किया और कहा कि अपराध, फिरौती के लिए अपहरण चरम पर था. लेकिन अब इतना विकास हुआ हैं .