मध्य प्रदेश में कमलनाथ सरकार अपनों की ही नाराजगी झेल रही है. ताजा मामला राज्य किसान कांग्रेस के महासचिव शैलेंद्र वर्मा की है. वह हरदा में किसी बात की शिकायत लेकर राज्य सरकार में मंत्री पीसी शर्मा के पास गए थे. आप वीडियो में देख सकते हैं कि उन्होंने कुछ कागज दिखाए और उसके थोड़ी ही देर बाद मंत्री जी ने तेज से दुत्कार दिया. इस पर शैलेंद्र ने कहा, आप ऐसे नहीं चिल्ला सकते हैं'. लेकिन मंत्री जी का रुख का देखते ही वहां मौजूद सुरक्षाकर्मी उनको धक्का देकर बाहर ले जाने लगे. इस बीच शैलेंद्र वर्मा चिल्लाते रहे...मेरे साथ अन्याय हो रहा...'मुझे मार क्यों रहे हो...पीसी शर्मा हाय-हाय...' लेकिन उनकी पूरी बात वहां मौजूद किसी ने भी नहीं सुनी. बाद में शैलेश वर्मा ने आरोपी लगाया, मंत्री जी ने मुझे डांटा और जेल में बंद करने को कहा. आप सरकार का हिस्सा हैं. आप से उम्मीद है कि हमारे मुद्दे सुनें. मैं किसान कांग्रेस का महासचिव हूं और वह मेरे साथ कैसे व्यवहार कर रहे हैं'. यह पूरी घटना हरदा के कलेक्ट्रेट ऑफिस में हुई है. न्यूज एजेंसी ANI में छपी खबर के मुताबिक शैलेश वर्मा पर मंत्री जी से तेज आवाज में बात की थी.
#WATCH Madhya Pradesh: Kisan Congress state general secretary Shailendra Verma forcibly removed from Harda Collectorate premises, allegedly after he spoke loudly to state minister PC Sharma. (20.01.20) pic.twitter.com/fMuw4aCBT9
— ANI (@ANI) January 20, 2020
वहीं इस पूरे मामले की चर्चा पूरे इलाके में हो रही है कि कांग्रेस सरकार में ही पार्टी के पदाधिकारी के साथ यह कैसा व्यवहार किया गया है. गौरतलब है कि कुछ दिन पहले ही पार्टी के विधायक मुन्नालाल गोयल ने सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाकर विधानसभा के सामने धरने पर बैठ गए. उनका कहना है कि वह सरकार को चुनावी घोषणपत्र में किए गए वादों की याद दिलाना चाहते हैं. उन्होंने कहा, 'मैंने मुख्यमंत्री को भी लिखा था लेकिन कुछ नहीं हुआ. इसलिए हम यहां बैठे हुए हैं'.
यह पहला मौका नहीं है कि जब मध्य प्रदेश में कांग्रेस के विधायक और नेता अपनी पार्टी के लिए मुसीबत बन रहे हैं. नागरिकता कानून का जमकर विरोध कर रही है पार्टी की उस समय भी फजीहत हुई जब दो विधायक इसके समर्थन में आ गए. मंदसौर जिले के सुवासरा से विधायक हरदीप सिंह डंग ने कहा, "पाकिस्तान, बांग्लादेश आदि देशों के दुखी लोगों को भारत में सुविधा मिलती है तो उसमें बुराई क्या है." उन्होंने सीएए और एनआरसी को अलग-अलग देखने की बात कही है.
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