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This Article is From Jun 27, 2022

"बालासाहेब के हिन्दुत्व की जीत": SC से राहत के बाद एकनाथ शिंदे ने शिवसेना की विरासत पर ठोका दावा

Maharashtra Crisis : बाल ठाकरे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के पिता हैं. आनंद दीघे शिवसेना के वरिष्ठ नेता थे, जो शिंदे के गढ़ ठाणे से ताल्लुक रखते हैं. 

Maharashtra Shiv Sena Crisis : महाराष्ट्र में खतरे में सीएम उद्धव ठाकरे की सरकार

मुंबई:

सुप्रीम कोर्ट ने अयोग्यता के नोटिस पर शिवसेना (Shiv Sena) के 16 विधायकों को 12 जुलाई की शाम 5.30 बजे तक जवाब देने की मोहलत दे दी है. डिप्टी स्पीकर के नोटिस की समयसीमा सोमवार शाम को खत्म हो रही थी. शिवसेना के बागी गुट के नेता एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) ने ठाकरे कैंप से सियासी रस्साकशी के बीच सुप्रीम कोर्ट से मिली राहत पर अपनी प्रतिक्रिया दी है. शिंदे ने सुप्रीम कोर्ट से बागी विधायकों को अयोग्यता के नोटिस पर 12 जुलाई तक मिली राहत को जीत करार दिया. डिप्टी स्पीकर ने शिंदे और 15 अन्य विधायकों को अयोग्यता के नोटिस पर जवाब देने के लिए सोमवार शाम तक का ही वक्त दिया था. इन बागी नेताओं  की विधायकी जाने का खतरा था.

उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) की अगुवाई वाले गुट ने इन्हें दलबदल रोधी कानून के तहत अयोग्य ठहराने की याचिका डिप्टी स्पीकर के समक्ष दी थी. मराठी में किए गए ट्वीट में शिंदे ने लिखा, "यह बालासाहेब ठाकरे के हिन्दुत्व की जीत है, जो हिन्दू  हृदय सम्राट हैं और धर्मवीर आनंद दीघे साहेब के विचारों की जीत है."  इस ट्वीट के साथ शिंदे ने एक बार फिर शिवसेना संस्थापक बाल ठाकरे की विरासत पर अपना दावा ठोका. बाल ठाकरे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के पिता हैं. आनंद दीघे शिवसेना के वरिष्ठ नेता थे, जो शिंदे के गढ़ ठाणे से ताल्लुक रखते हैं. 

शिवसेना ने हिन्दुत्व को ही वजह बताते हुए शिवसेना को एनसीपी और कांग्रेस के साथ गठबंधन से बाहर आने का आह्वान किया है और दोबारा अपने स्वाभाविक सहयोगी बीजेपी के साथ जुड़ने की अपील की है. टीम ठाकरे का कहना है कि ये बातें केंद्र में सत्तारूढ़ बीजेपी द्वारा बागियों को निर्देशित की जा रही हैं. वहीं कल्याण के सांसद और एकनाथ के बेटे श्रीकांत शिंदे ने कहा, विधानसभा स्पीकर का विधानसभा में अधिकार है. अगर कोई विधायिका में व्हिप के खिलाफ जाता है, तो उनके पास शक्ति होती है. यह किसी भी बैठक में नहीं आने वाले किसी व्यक्ति पर लागू नहीं होता है. ‘तुगलकी फरमान' (अयोग्यता नोटिस) दबाव में (उनके द्वारा) जारी किया गया था और अदालत ने यह दिखाया है.

असंतुष्ट शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे के बेटे और पार्टी सांसद श्रीकांत शिंदे ने सोमवार को कहा कि महाराष्ट्र के विधानसभा उपाध्यक्ष नरहरि जिरवाल ने उनके पिता तथा 15 अन्य असंतुष्ट विधायकों को दबाव में अयोग्य करार देने का नोटिस भेजा था जो उच्चतम न्यायालय के आदेश से स्पष्ट है. सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र विधानसभा के उपाध्यक्ष द्वारा जारी अयोग्यता नोटिस के खिलाफ शिवसेना के बागी विधायकों को राहत प्रदान करते हुए सोमवार को कहा कि संबंधित विधायकों की अयोग्यता पर 11 जुलाई तक फैसला नहीं लिया जाना चाहिए. हालांकि, शीर्ष अदालत ने महाराष्ट्र सरकार की उस याचिका पर अंतरिम आदेश पारित करने से इनकार कर दिया, जिसमें विधानसभा में बहुमत परीक्षण नहीं कराए जाने का अनुरोध किया गया था.

 अदालत ने कहा कि वे किसी भी अवैध कदम के खिलाफ उसका रुख कर सकते हैं. श्रीकांत शिंदे ने कहा, विधानसभा में अध्यक्ष को अधिकार होते हैं. यदि कोई विधानसभा में व्हिप के खिलाफ जाता है तो उन्हें अधिकार हैं। लेकिन यह तब लागू नहीं होता जब कोई किसी बैठक में नहीं आ रहा. श्रीकांत के पिता और वरिष्ठ शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे शिवसेना नेतृत्व के खिलाफ बगावत का नेतृत्व कर रहे हैं और उनकी अगुवाई में बड़ी संख्या में पार्टी के बागी विधायक गुवाहाटी में डेरा डाले हैं. श्रीकांत ने कहा कि शिवसेना नेता संजय राउत को अपनी भाषाशैली देखनी चाहिए. शिवसेना सांसद ने कहा कि संजय राउत को बोलते समय सावधानी से शब्दों का चयन करना चाहिए क्योंकि वह भी किसी के पिता हैं और उनका परिवार उनकी टिप्पणी देख रहा है.

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