
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मेयर चुनाव पर उच्चतम न्यायालय (सुप्रीम कोर्ट )के आदेश को‘लोकतंत्र की जीत' करार दिया. इसके साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि SC का आदेश यह साबित करता है कि उपराज्यपाल और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) दोनों 'अवैध और असंवैधानिक आदेश' पारित कर रहे थे. बता दें, उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को कहा कि दिल्ली नगर निगम (MCD) के मनोनीत सदस्य महापौर के चुनाव में मतदान नहीं कर सकते हैं. प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति पीएस नरसिम्हा और न्यायमूर्ति जेबी परदीवाला की बेंच ने निर्देश दिया कि दिल्ली के महापौर का चुनाव MCD की पहली बैठक में कराया जाएगा और महापौर के निर्वाचन के बाद वह उपमहापौर के चुनाव की अध्यक्षता करेंगे.
SC का आदेश जनतंत्र की जीत। SC का बहुत बहुत शुक्रिया। ढाई महीने बाद अब दिल्ली को मेयर मिलेगा।
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) February 17, 2023
ये साबित हो गया कि LG और बीजेपी मिलकर आये दिन दिल्ली में कैसे ग़ैरक़ानूनी और असंवैधानिक आदेश पारित कर रहे हैं
केजरीवाल ने शुक्रवार को ट्वीट किया, ‘‘उच्चतम न्यायालय का आदेश जनतंत्र की जीत. उच्चतम न्यायालय का बहुत बहुत शुक्रिया. ढाई महीने बाद अब दिल्ली को मेयर मिलेगा. ये साबित हो गया कि उपराज्यपाल और भाजपा मिलकर आये दिन दिल्ली में कैसे ग़ैरक़ानूनी और असंवैधानिक आदेश पारित कर रहे हैं.''अदालत का आदेश दिल्ली में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (AAP) की ओर से महापौर पद की उम्मीदवार शैली ओबेरॉय की याचिका पर आया है, जिसमें यह चुनाव जल्द से जल्द कराने का अनुरोध किया गया था.
वहीं AAP ने कहा कि यह उसकी जीत है और उच्चतम न्यायालय में लोगों का भरोसा बढ़ा है. आप नेता दुर्गेश पाठक ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘ हम उच्चतम न्यायालय के आभारी हैं. दिल्ली मेयर चुनाव पर सर्वोच्च अदालत का फैसला भाजपा के चेहरे पर एक तमाचा है.'पाठक ने कहा, 'यह आप की जीत है. एमसीडी चुनाव के ढाई महीने बाद दिल्ली को मेयर और डिप्टी मेयर मिलेगा. भाजपा को विपक्ष में बैठने का स्पष्ट निर्देश मिल गया है और मेयर आप का होगा क्योंकि लोगों ने आम आदमी पार्टी को वोट दिया है.'' इस बीच दिल्ली भाजपा ने उच्चतम न्यायालय के आदेश का स्वागत करते हुए कहा कि वह हमेशा चाहती थी कि मेयर का चुनाव जल्द से जल्द हो. दिल्ली भाजपा के नेता हरीश खुराना ने कहा, "हम उच्चतम न्यायालय के फैसले का स्वागत करते हैं. हम हमेशा चाहते थे कि चुनाव जल्द से जल्द हों. आम आदमी पार्टी ने ही एमसीडी सदन की पिछली तीन बैठकों में चुनाव नहीं होने दिया."
ये भी पढ़ें-
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं